गृहमंत्री अमित शाह आज इटावा और कानपुर में जनसभा को करेंगे संबोधित - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024
गृहमंत्री अमित शाह भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में 28 अप्रैल को इटावा और कानपुर में जनसभा को संबोधित करेंगे. जानिए दोनों लोकसभा सीटों पर क्या है समीकरण और इतिहास?
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Apr 27, 2024, 6:47 PM IST
|Updated : Apr 28, 2024, 6:15 AM IST
इटावा/कानपुरः गृहमंत्री अमित शाह 28 अप्रैल को इटावा में भाजपा प्रत्याशी रामशंकर कठेरिया के समर्थन में रविवार को दोपहर बाद नुमाइश मैदान में जनसभा को संबोधित करने पहुंचेंगे. अमित शाह के दौरे की जिला प्रशासन के साथ भाजपा कार्यकर्ता भी लगे हुए हैं. भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री शिवाकांत चौधरी और मंत्री जितेंद्र गौड़ ने बताया कि गृहमंत्री का हेलिकॉप्टर दोपहर 2 करीब सिविल लाइन में उतरेगा. इसके बाद अमित शाह नुमाइश पंडाल में पहुंचकर जनता को संबोधित करेंगे. उन्होंने बताया कि इस जनसभा में भारी भीड़ उमड़ेगी. वहीं, कानपुर में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति बनाएंगे.
4 बार सपा उम्मीदवार जीत चुके हैं चुनावः उल्लेखनीय है कि इटावा लोकसभा सीट सपा का गढ़ मानी जाती थी. लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनाव से यहां पर बीजेपी का कब्जा है. बसपा के संस्थापक कांशीराम 1991 में इटावा से सांसद बने थे. इस बार बीजेपी ने वर्तमान सांसद राम शंकर कठेरिया, समाजवादी पार्टी ने जितेंद्र दोहरी और बसपा ने सारिका बघेल को प्रत्याशी बनाया है. इटावा से सबसे अधिक चार बार समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव जीता है.
दो बार से भाजपा का कब्जाः वर्तमान में इटावा से सांसद राम शंकर कठेरिया को 2019 के लोकसभा चुनाव में 5,22,119 वोट मिले थे. जबकि समाजवादी पार्टी के कमलेश कठेरिया को 4,57,682 वोट मिले थे. इस तरह से रामशंकर कठेरिया की 64 हजार वोटों से जीत हुई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अशोक दोहरे को उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने डेढ़ लाख वोटों से जीत हासिल की थी.
सबसे अधिक दलित मतदाताः इटावा लोकसभा सीट दलित बाहुल्य माना जाता है. यहां पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है. इटावा में चार लाख करीब दलित वोटर, 2 लाख 50 हजार, क्षत्रिय 1 लाख 50 हजार, यादव 2 लाख, लोधी 1 लाख और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी एक लाख है. इटावा लोकसभा के अंतर्गत 3 जिले मिलाकर 5 विधानसभा पड़ती है जिसमें इटावा की इटावा सदर (भाजपा) और भरथना (सपा) औरैया की औरैया सदर (भाजपा) दिवियापुर (सपा) और कानपुर देहात की सिकंदरा विधानसभा सीट (भाजपा) सम्मलित है ।
ये रहे इटावा लोकसभा के सांसद
1957ः अर्जुन सिंह भदौरिया, सोशलिस्ट पार्टी
1962ः गोपीनाथ दीक्षित, कांग्रेस
1967ः अर्जुन सिंह भदौरिया, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
1971ः श्रीशंकर तिवारी, कांग्रेस
1977ः अर्जुन सिंह भदौरिया, जनता पार्टी
1980ः राम सिंह शाक्य जनता पार्टी
1984ः चौ. रघुराज सिंह, कांग्रेस
1989ः राम सिंह शाक्य, जनता दल
1991ः कांशीराम, बसपा
1996ः राम सिंह शाक्य, सपा
1998ः सुखदा मिश्रा, भाजपा
1999ः रघुराज सिंह शाक्य, सपा
2004ः रघुराज सिंह शाक्य, सपा
2009ः प्रेमदास कठेरिया, सपा
2014ः अशोक दोहरे भाजपा
2019ः डॉ. रामशंकर कठेरिया, भाजपा
जीत का मंत्र देने कानपुर आएंगे अमित शाहः केंद्र सरकार में गृहमंत्री अमित शाह इटावा में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद सीधे कानपुर आएंगे. कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र की सभी लोकसभा सीटों पर पदाधिकारी के साथ मंथन करेंगे. में चर्चा है कि गृहमंत्री अमित शाह पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद यहीं रात्रि विश्राम भी कर सकते हैं. रविवार शाम छह बजे कानपुर के होटल में अमित शाह की भाजपा के सभी पदाधिकारी व प्रत्याशियों के साथ बैठक होगी. बता दें कि भाजपा की ओर से जब कानपुर में लोकसभा प्रत्याशी रमेश अवस्थी को टिकट दिया गया है. इस पर पार्टी के ही पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश शर्मा ने जहां नाराजगी जताते हुए पीएम मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य को पत्र भेज दिया था. वहीं, अकबरपुर सीट पर भाजपा ने देवेंद्र सिंह भोले को जब टिकट दी तो पार्टी के बिठूर विधानसभा से विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने भी अपना विरोध जताया. अब इस तरीके की जो भी परेशानियां हैं, उनको लेकर कहा यह भी जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता गृहमंत्री अमित शाह के सामने सभी बातों को रखेंगे. ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशियों को अपने ही लोगों से किसी तरीके की दिक्कत ना हो.
इसे भी पढ़ें-अमित शाह ने बनारस से नरेंद्र मोदी को बड़ी जीत दिलाने के लिए तैयार किए चार का प्लान