भिवानी/जींद: देशभर में होली का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. हरियाणा के भिवानी में भी बुराई पर अच्छाई की जीत वाला त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. होलिका दहन वाले दिन को छोटी होली भी कहा जाता है. भिवानी में छोटी होली वाले दिन लोगों ने होली की पूजा की जो शाम तक की जाती रही. लोगों ने होली पर गोबर के बने हुए बड़कुल्ले भी चढ़ाए. महिलाएं सज-धज कर पूजा करने के लिए पहुंची. इस दौरान महिलाओं ने होली के चारों पानी अर्पित किया. महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों व युवकों ने भी होलिका पूजन किया.
देश प्रदेश में होली का पर्व पारंपरिक श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है. महिलाओं ने खासतौर पर होली पूजन किया. महिलाओं ने व्रत रखकर होली का पूजन किया और संतान की लंबी आयु तथा स्वास्थ्य की मनोकामना की. वहीं, खेतों में तैयार हुई फसल गेहूं, चना, जौ का भोग भी लगाया और अच्छी फसल की भी कामना की. महिलाओं ने गोबर से बने ढाल, बिडकुल्ले व नाल से पूजा कर प्राचीन परंपराओं के अनुसार पूजा की. बच्चों में भी होली पर्व को लेकर उत्साह देखा जा रहा है. गौरतलब है कि शनिवार को भद्रा काल होने के चलते सुबह से ही होलिका पूजन में खासी भीड़ देखी गई.
होलिका पूजा करने पहुंची महिलाओं ने बताया कि होली पूजन को लेकर उनकी गहरी आस्था है. महिलाओं ने बताया कि जिस तरह से भक्त प्रहलाद की रक्षा भगवान ने की थी उसी तरह से अपने बच्चों की रक्षा की भी कामना की. होली की विधिवत पूजा के साथ-साथ नाल के धागे को रक्षा सूत्र के रूप में भी होलिका पर बांधा जाता है. महिलाओं ने बताया कि होली का रंग ने केवल इंसानों को बाहरी आवरण से बल्कि मन को भी रंगों से भर देता है.
वहीं, जींद में भी होली की धूम है. दुकानदार सुनील ने बताया कि इस बार लोगों ने सबसे ज्यादा हर्बल गुलाल खरीदा. हर्बल गुलाल लाल, हरे व पीले रंग में उपलब्ध है. बच्चों ने गुलाल व वाटर कलर के पाउच ज्यादातर खरीदे हैं. इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक पिचकारी भी बच्चों की पहली पसंद रही. दुकानदारों ने बताया कि बच्चों ने स्पाइडर, माचिस, गन व फव्वारा पिचकारी ज्यादा पसंद की.
जींद में अलग-अलग जगहों पर भारी संख्या में महिलाओं ने होली की पूजा की तथा पानी चढ़ाया. इसके बाद महिलाओं ने होलिका की फेरी लगाई व कच्चा सूत बांधकर होलिका की परिक्रमा की. उधर जयंती देवी मंदिर में होली पर्व को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को गुलाल लगाया व फूलों से होली खेली. जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने कहा कि हर त्यौहार का अपना एक रंग होता है, जिसे आनंद या उल्लास कहते हैं. होली का त्यौहार भारत में फाल्गुन मास के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है.
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