नई दिल्ली: रंगों का त्योहार होली बिल्कुल करीब है. आगामी 25 मार्च को होली मनाई जाएगी. हालांकि इससे पहले किए जाने वाले होलिका दहन का मुहूर्त जानना बहुत आवश्यक होता है. इस बारे में दिल्ली के कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि फागुन चतुर्दशी 24 मार्च को पड़ रही है यानी इसी दिन होलिका दहन किया जाएगा.
उन्होंने बताया, 24 मार्च को सुबह 9:00 बजे से लेकर रात 11:00 बजे तक भद्रा है, जिसके दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात के 11:14 से लेकर 12:20 तक रहेगा. इस बीच होलिका दहन करना सबसे उत्तम रहेगा. इसके बाद अगले दिन होली का त्योहार मनाया जाएगा. साथ ही उन्होंने होलिका दहन किए जाने के पीछे की पौराणिक कहानी भी बताई.
उन्होंने बताया कि हिरण्यकश्यप नामक एक राक्षस था, जो अपने आपको बहुत बलशाली मानता था. उसके घर में एक पुत्र का जन्म हुआ, जिसका उसने प्रहलाद नाम रखा. राक्षस कुल में जन्म लेने के बावजूद प्रहलाद हमेशा से भगवान श्रीहरि विष्णु की भक्ति करता था, जिसे देखकर हिरण्यकश्यप उसपर क्रोधित रहता था. इसके लिए उसने प्रहलाद को मारने के कई प्रयास किए, लेकिन हर बार वह असफल रहा.
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हिरण्यकश्यप की बहन होलिका के पास ब्रह्मा जी से प्राप्त एक दिव्य वस्त्र था जो आग से नहीं जल सकता था. इसपर हिरण्यकश्यप ने होलिका की मदद से प्रहलाद को मारने की योजना बनाई और उसे गोद में लेकर होलिका अलाव में बैठी. लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद की मृत्यु नहीं हुआ और वह अलाव से बाहर आ गया, जबकि होलिका जलकर राख हो गई. इसीलिए होलिका दहन किया जाता है. यह कथा धर्म पर अधर्म की जीत का संदेश देती है.
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