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नौ रसों से सजी होती है बनारस घराने की परंपरागत होली, देखें VIDEO - holi 2024

मथुरा की तरह काशी की भी होली कई मायने में खास मानी जाती है. यहां रंगों के साथ संगीत की भी होली खेली जाती है. लोग जमकर इसका लुत्फ उठाते हैं.

traditional Holi of Banaras
traditional Holi of Banaras
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 25, 2024, 12:04 PM IST

traditional Holi of Banaras

वाराणसी : बनारस की होली की पूरी दुनिया दीवानी है. घाट से लेकर बाबा के दरबार तक अलग-अलग तरीके की होली खेली जाती है. बनारस घराने की होली की अपनी अलग खासियत है. यहां रंगों के साथ संगीत की भी होली खेली जाती है. सुर लहरियां रंगों के इस त्योहार के उत्साह को दोगुना कर देती हैं. आज यहां नौ रसों के संगीत के धुन पर होली खेली जा रही है. ईटीवी भारत के जरिए आप भी इसका लुत्फ उठाइए.

बनारस घराने के सरोद वादक अंशुमान महाराज ने काशी की परंपरागत होली का महत्व बताया. उन्होंने गीत गुनगुनाते हुए कहा कि 'खेले मसाने में होली दिगंबर खेले मसाने में होली'. उन्होंने कहा कि बाबा भोलेनाथ की नगरी में मसान भी है, संगीत भी है और रंग भी है.

होली के इस खूबसूरत मौके पर इन तीनों का जब मिलन होता है तो माहौल ही कुछ अलग दिखाई पड़ता है. संगीत की धुन में हर कोई अपने आप में खो जाता है. होली के रंग में डूब जाता है. वहीं दूसरे गायक बताते हैं कि बनारस में राम-सीता की होली खेली जाती है तो राधा-कृष्ण की भी होली खेली जाती है.

काशी नगरी में भोलेनाथ की भक्ति में होली का एक अलग ही रंग और उसका खुमार होता है. इस दौरान हर तरह का रंग-रूप देखने को मिलता है. 'चिता भस्म भर झोरी दिगंबर खेले मसाने में होली'. होली का मौका है और बनारस बाबा की भक्ति में डूबा होली के त्योहार के मना रहा है. देखें ये खास वीडियो.

यह भी पढ़ें : दहकती होलिका में कूद गया मोनू पंडा, जानिए मथुरा के इस गांव की क्या है परंपरा

यह भी पढ़ें : बनारस के गंगा घाटों पर हुड़दंग, होली की मस्ती में डूबे देसी-विदेशी सैलानी

traditional Holi of Banaras

वाराणसी : बनारस की होली की पूरी दुनिया दीवानी है. घाट से लेकर बाबा के दरबार तक अलग-अलग तरीके की होली खेली जाती है. बनारस घराने की होली की अपनी अलग खासियत है. यहां रंगों के साथ संगीत की भी होली खेली जाती है. सुर लहरियां रंगों के इस त्योहार के उत्साह को दोगुना कर देती हैं. आज यहां नौ रसों के संगीत के धुन पर होली खेली जा रही है. ईटीवी भारत के जरिए आप भी इसका लुत्फ उठाइए.

बनारस घराने के सरोद वादक अंशुमान महाराज ने काशी की परंपरागत होली का महत्व बताया. उन्होंने गीत गुनगुनाते हुए कहा कि 'खेले मसाने में होली दिगंबर खेले मसाने में होली'. उन्होंने कहा कि बाबा भोलेनाथ की नगरी में मसान भी है, संगीत भी है और रंग भी है.

होली के इस खूबसूरत मौके पर इन तीनों का जब मिलन होता है तो माहौल ही कुछ अलग दिखाई पड़ता है. संगीत की धुन में हर कोई अपने आप में खो जाता है. होली के रंग में डूब जाता है. वहीं दूसरे गायक बताते हैं कि बनारस में राम-सीता की होली खेली जाती है तो राधा-कृष्ण की भी होली खेली जाती है.

काशी नगरी में भोलेनाथ की भक्ति में होली का एक अलग ही रंग और उसका खुमार होता है. इस दौरान हर तरह का रंग-रूप देखने को मिलता है. 'चिता भस्म भर झोरी दिगंबर खेले मसाने में होली'. होली का मौका है और बनारस बाबा की भक्ति में डूबा होली के त्योहार के मना रहा है. देखें ये खास वीडियो.

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