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हरियाणा के इस विश्वविद्यालय ने फूलों से बनाया हर्बल गुलाल, साइड इफेक्ट का नो टेंशन - Holi 2024 - HOLI 2024

Holi 2024: बाजार में आजकल ऐसे रंग आ रहे हैं, जो त्वचा, आंखों, बालों पर गंभीर असर डालते हैं. केमिकल युक्त रंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं. इन सब बातों को ध्यान रखते हुए महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने फूल-पत्तियों से हर्बल गुलाल तैयार किया है.

Holi 2024
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 24, 2024, 2:52 PM IST

हरियाणा के इस विश्वविद्यालय ने फूलों से बनाया हर्बल गुलाल, साइड इफेक्ट का नो टेंशन

करनाल: देश भर में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. रंगों को इस त्योहार पर लोग जमकर गुलाल और रंगों की खरीददारी कर रहे हैं. रंग खरीदते वक्त लोगों को अकसर ये चिंता रहती है कि कहीं ये त्वचा को नुकसान ना पहुंचा दे, क्योंकि मार्केट में केमिकल युक्त रंगों की भरमार है. लोगों की इसी परेशानी को देखते हुए करनाल स्थित महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय ने फूलों से हर्बल गुलाल बनाया है.

फूलों से तैयार किया गुलाल: विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने गेंदे, गुलाब के फूल पत्तियों और चुकंदर से हर्बल गुलाल तैयार करने में सफलता पाई है. एमएचयू विभिन्न फूलों पर अनुसंधान कर रहा है. कुलपति डॉक्टर सुरेश कुमार मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू ने होली पर्व को देखते हुए गेंदे की फूल पत्तियों और चुकंदर से हर्बल गुलाल तैयार किया है, जो केमिकल रहित है. प्राकृतिक तरीके से गेंदे के फूल, पत्तियों ओर चुकंदर से हर्बल गुलाल तैयार किया है.

विश्वविद्यालय में फूलों पर चल रही रिसर्च: कई प्रकार के फूलों से हर्बल गुलाल तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. क्योंकि आजकल लोगों में प्राकृतिक रंगों के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, ऐसे में एमएचयू द्वारा तैयार किए जा रहे हर्बल रंगों का रूझान एकदम बढ़ेगा. जिसकी पूर्ति के लिए ज्यादा संसाधनों की जरूरत होगी. इसे देखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा हर्बल रंगों की मांग पूरा करने के लिए व्यापारीकरण का प्रयास किया जाएगा.

'लोगों को पसंद आ रहा हर्बल गुलाल': उन्होंने बताया टीम ने फूल पत्तियों व फलों को सुखाकर बारीक पिसाई करके ये रंग तैयार किए हैं. किसी तरह का दूसरा रंग या केमिकल्स का प्रयोग नहीं किया गया है. फूल, पत्तियों और चुकंदर से तैयार हर्बल गुलाल का रंग भी प्राकृतिक ही रखा गया है. उन्होंने कहा कि जिन फूलों से हर्बल गुलाल बनाया गया है, वे उन फूलों की पैदावार भी उद्यान विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं की है.

कुलपति ने सभी से अपील की होली पर्व को मिलकर सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाएं, हर्बल गुलाल का प्रयोग करें. पानी का प्रयोग ना करें, क्योंकि पानी अनमोल चीज है, इसे सहजने की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें- होलिका दहन करने वाले हैं, ना करें ये गलतियां, वर्ना पड़ सकता है पछताना ! - Holika Dahan Precautions

ये भी पढ़ें- फाल्गुन पूर्णिमा 2024: परिवार में बनी रहेगी सुख और समृद्धि ऐसे करें व्रत और पूजा, जानिए विधि-विधान - Falgun Purnima 2024

हरियाणा के इस विश्वविद्यालय ने फूलों से बनाया हर्बल गुलाल, साइड इफेक्ट का नो टेंशन

करनाल: देश भर में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. रंगों को इस त्योहार पर लोग जमकर गुलाल और रंगों की खरीददारी कर रहे हैं. रंग खरीदते वक्त लोगों को अकसर ये चिंता रहती है कि कहीं ये त्वचा को नुकसान ना पहुंचा दे, क्योंकि मार्केट में केमिकल युक्त रंगों की भरमार है. लोगों की इसी परेशानी को देखते हुए करनाल स्थित महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय ने फूलों से हर्बल गुलाल बनाया है.

फूलों से तैयार किया गुलाल: विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने गेंदे, गुलाब के फूल पत्तियों और चुकंदर से हर्बल गुलाल तैयार करने में सफलता पाई है. एमएचयू विभिन्न फूलों पर अनुसंधान कर रहा है. कुलपति डॉक्टर सुरेश कुमार मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू ने होली पर्व को देखते हुए गेंदे की फूल पत्तियों और चुकंदर से हर्बल गुलाल तैयार किया है, जो केमिकल रहित है. प्राकृतिक तरीके से गेंदे के फूल, पत्तियों ओर चुकंदर से हर्बल गुलाल तैयार किया है.

विश्वविद्यालय में फूलों पर चल रही रिसर्च: कई प्रकार के फूलों से हर्बल गुलाल तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. क्योंकि आजकल लोगों में प्राकृतिक रंगों के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, ऐसे में एमएचयू द्वारा तैयार किए जा रहे हर्बल रंगों का रूझान एकदम बढ़ेगा. जिसकी पूर्ति के लिए ज्यादा संसाधनों की जरूरत होगी. इसे देखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा हर्बल रंगों की मांग पूरा करने के लिए व्यापारीकरण का प्रयास किया जाएगा.

'लोगों को पसंद आ रहा हर्बल गुलाल': उन्होंने बताया टीम ने फूल पत्तियों व फलों को सुखाकर बारीक पिसाई करके ये रंग तैयार किए हैं. किसी तरह का दूसरा रंग या केमिकल्स का प्रयोग नहीं किया गया है. फूल, पत्तियों और चुकंदर से तैयार हर्बल गुलाल का रंग भी प्राकृतिक ही रखा गया है. उन्होंने कहा कि जिन फूलों से हर्बल गुलाल बनाया गया है, वे उन फूलों की पैदावार भी उद्यान विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं की है.

कुलपति ने सभी से अपील की होली पर्व को मिलकर सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाएं, हर्बल गुलाल का प्रयोग करें. पानी का प्रयोग ना करें, क्योंकि पानी अनमोल चीज है, इसे सहजने की आवश्यकता है.

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