शिमला: हिमाचल में स्टेट कैडर का दर्जा देने के फैसले से राजस्व विभाग के पटवारियों और कानूनगो सुक्खू सरकार से नाराज हो गए हैं. हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने आज से प्रदेश भर में लोगों को ऑनलाइन सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है. ऐसे में प्रदेश भर के नगर निगमों, नगर परिषद, नगर पंचायतों और पंचायतों के तहत लोगों के ऑनलाइन हिमाचली प्रमाण, आय प्रमाण पत्र, कृषक प्रमाण पत्र और ईडब्लूएस आदि प्रमाण पत्र नहीं बनेंगे. यही नहीं आज से ऑनलाइन अपडेट होने वाले इंतकाल और लोन से संबंधित कार्य भी प्रभावित रहेंगे. इस तरह से अब आम जनता की परेशानी बढ़ने वाली है. हालांकि प्रदेश में आपदा से जुड़े कार्य की इस निर्णय बाहर रखा गया है.
सुक्खू सरकार के फैसले से नाराज: हिमाचल में राजस्व विभाग के पटवारियों और कानूनगो अभी तक डिस्ट्रिक्ट कैडर के तहत आते थे. ऐसे में इस वर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों के आर एंड पी रूल्स भी इसी आधार पर तय किए गए हैं. लेकिन अब सुक्खू सरकार ने डिस्ट्रिक्ट कैडर को समाप्त कर पटवारियों और कानूनगो को राज्य कैडर का दर्जा देने का फैसला लिया है, जिससे हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ भड़क गया है.
राज्य कैडर का दर्जा देने से नाराज पटवारी एवं कानूनगो: हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ का तर्क है कि राज्य सरकार उनके मांगों पर तो गौर नहीं कर रही है, उल्टा राज्य कैडर का दर्जा देकर सरकार पटवारियों और कानूनगो की मुश्किलें बढ़ा दी है. इसको लेकर पिछली साल 23 नवंबर को राजस्व मंत्री सहित विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक भी हुई थी. जिसमें महासंघ ने पटवारखानों में नेट कनेक्टिविटी देने सहित कई मांगे सरकार के सामने रखी थी. लेकिन इस पर अभी तक कोई गौर नहीं हुआ है. इससे अब महासंघ और सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है. जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा.
डीसी और एसडीएम के माध्यम से सौंपे जाएंगे ज्ञापन: हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि राज्य कैडर का दर्जा दिए जाने से पटवारी व कानूनगो को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसके अतिरिक्त महासंघ सरकार से कई सालों से अपनी मांगों को पूरा करने संघर्ष कर रहा है. इस पर भी अभी तक कोई गौर नहीं हुआ है. ऐसे में आज से प्रदेश में ऑनलाइन सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया गया है. इसके बाद भी अगर सरकार कोई उचित निर्णय नहीं लेती है तो 17 जुलाई को महासंघ की आयोजित होने वाली बैठक में आंदोलन की लेकर कड़ा निर्णय लिया जाएगा.
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