शिमला: राजधानी शिमला में जाम से जूझ रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है. जल्द ही लोगों को अब शिमला में जाम की समस्या से निजात मिलेगी. शिमला शहर में विधानसभा से विक्ट्री टनल तक प्रस्तावित फ्लाईओवर का कार्य शुरू हो गया है. काफी लंबे समय से यह कार्य रेलवे की आपत्ति के कारण अधर में लटका था. रेलवे से इस कार्य को हरी झंडी मिलने के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया है. लोगों के लिए राहत की संकरी सड़कों पर ट्रैफिक प्रबंधन करना सबसे बड़े चुनौतीपूर्ण कार्य में से एक है. इस फ्लाईओवर निर्माण से लोगों को लंबे जाम से छुटकारा मिलेगा.
स्मार्ट सिटी के तहत 25 करोड़ की लागत से 220 मीटर लंबे फ्लाईओवर बनने जा रहा है. इस पुल के बन जाने से पुराने बस अड्डे से वाहन सीधा फ्लाईओवर से विधानसभा तक पहुंचेगा. गाड़ियों को अब विक्ट्री टनल होकर नहीं जाना पड़ेगा. जिससे घंटों लगने वाले जाम से लोगों को निजात मिलेगा. फ्लाईओवर का कार्य लगभग एक वर्ष में पूरा होना संभावित है. इस फ्लाईओवर का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है. आने वाले समय मे संकरी सड़कों में ट्रैफिक से निजात के लिए राजधानी शिमला के विभिन्न इलाकों में फ्लाईओवर बनाए जाएंगे. शिमला के पहले फ्लाईओवर का काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया है.
नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा शिमला को जाम मुक्त करने के लिए फ्लाईओवर और टनल्स बनाना ही एकमात्र रास्ता है, जिसके तहत पहले फ्लाईओवर का कार्य युद्ध स्तर पर आरंभ हो गया है. महापौर ने कहा कि शिमला में कई क्रॉसिंग और चौराहे ऐसे हैं, जहां अक्सर जाम लगा रहता है. इन स्थानों पर गाड़ी की आवाजाही में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं.
महापौर ने कहा विधानसभा विक्ट्री टनल फ्लाईओवर के बाद खलीनी में दूसरा फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव है. जिसका कार्य जल्द शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा छोटा शिमला से आईजीएमसी तक टनल बनाने का प्रस्ताव भी सरकार के समक्ष रखा है. जिसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी संज्ञान लिया है और इसकी डीपीआर लगभग बनकर तैयार हो गई है.
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