कुल्लू: कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश में अब टैक्सी चालकों पर 8 गुना पैसेंजर टैक्स बढ़ा दिया है. जिसकी वजह से टैक्सी ऑपरेटरों परेशान हैं. सुक्खू सरकार के इस निर्णय से अब हिमाचल के 70 हजार से अधिक टैक्सी ऑपरेटर को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना होगा, जिससे नाराज टैक्सी ऑपरेटरों ने हिमाचल सरकार को लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतने का चेतावनी दिया है.
हिमाचल प्रदेश में 8 गुना टैक्स बढ़ाए जाने से टैक्सी ऑपरेटर परेशान हो गए हैं. टैक्सी ऑपरेटर का कहना है कि अगर हिमाचल सरकार एक हफ्ते के भीतर इस निर्णय की अधिसूचना को रद्द करती है तो इसका खामियाजा उन्हें लोकसभा चुनाव में भुगतना होगा. साल 2023 के दिसंबर माह में भी कांग्रेस सरकार ने पैसेंजर टैक्स में वृद्धि की बात कही थी, लेकिन अगले दिन सरकार द्वारा यह बयान जारी किया गया था कि यह अधिसूचना गलती से जारी हुई है और इसे रद्द कर दिया गया है.
अब जनवरी माह में कांग्रेस सरकार ने फिर से यह अधिसूचना जारी की है. जिसमें टैक्सी वाहनों पर पैसेंजर टैक्स को 8 गुना बढ़ाया गया है. टैक्सी ऑपरेटर का कहना है कि जहां पहले छोटे टैक्सी वाहन पर 1350 रुपए पैसेंजर टैक्स लगता था, उसे 8000 रुपए किया गया है और बड़े वाहनों पर यह टैक्स 8000 की जगह 36000 कर दिया गया है. टैक्सी ऑपरेटर का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन सीजन भी मंदा चल रहा है और टैक्सी ऑपरेटर का कारोबार भी काफी कम हो गया है. सरकार को अगर पैसेंजर टैक्स बढ़ाना था तो वह उसे 1350 की बजाय 1800 या ₹2000 करते, लेकिन सरकार ने जिस तरह से 8 गुना वृद्धि की है, वह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है.
कुल्लू टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के पूर्व चेयरमैन कवींद्र ठाकुर ने कहा कि सरकार द्वारा जो यह फैसला लिया गया है, वह टैक्सी ऑपरेटर के खिलाफ है. इससे पहले भी कई सरकारे आई और उन्होंने पैसेंजर टैक्स बढ़ाया, लेकिन अचानक से 8 गुना टैक्स कभी भी किसी सरकार ने नहीं बढ़ाया. ऐसे में सुख की सरकार टैक्सी ऑपरेटरों को दुख दे रही है. इसलिए प्रदेश के सभी 70,000 टैक्सी ऑपरेटर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से मांग करते हैं कि वह अगर पैसेंजर टैक्स को बढ़ाना चाहते हैं तो उसे थोड़ा बढ़ाया जाए. वरना आने वाले लोकसभा चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा.
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