शिमला: हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने फिर से लोन लिया है. सुखविंदर सरकार ने 700 करोड़ रुपए के लोन के लिए प्रक्रिया शुरू की है. ये लोन 11 सितंबर को सरकार के खाते में आएगा. इसके लिए दस सितंबर को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऑक्शन करेगा चूंकि राज्य सरकार ने पेंशनर्स को दस तारीख को पेंशन देने के लिए वादा किया है, लिहाजा पेंशन का भुगतान करने के लिए लोन लिया जा रहा है.
हिमाचल में एक महीने में पेंशनर्स की पेंशन का बिल 800 करोड़ रुपए बनता है. राज्य सरकार के खजाने में केंद्रीय करों के हिस्सेदारी के रूप में 10 सितंबर को 740 करोड़ रुपए की रकम केंद्र से आनी है. उससे पेंशन का खर्च निकल जाएगा और फिर 11 सितंबर को राज्य सरकार के खजाने में कर्ज के 700 करोड़ रुपए भी आ जाएंगे.
इस समय हिमाचल सरकार की लोन लिमिट 2317 करोड़ रुपए बची है. उसमें से 700 करोड़ रुपए का लोन लिया जा रहा है फिर दिसंबर तक लोन लिमिट 1617 करोड़ रुपए रह जाएगी. अभी राज्य सरकार 700 करोड़ रुपए का ये लोन 15 साल के लिए ले रही है.
उल्लेखनीय है कि आर्थिक संकट के कारण हिमाचल में सरकारी कर्मियों के वेतन व पेंशन के लाले पड़ गए हैं. इतिहास में ये पहली बार हुआ है कि हिमाचल में कर्मचारियों का वेतन पहली तारीख को नहीं आया. इसके साथ ही पेंशनर्स को भी इंतजार करना पड़ रहा है. बुधवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में कहा था कि पहली तारीख को वेतन व पेंशन का बिल 2000 करोड़ रुपए बनता है.
राज्य सरकार को अदायगी के लिए कर्ज लेना पड़ता है. उस कर्ज का ब्याज महीने में 3 करोड़ रुपए के करीब बनता है. उस ब्याज की रकम को बचाने के लिए सरकार ने 5 तारीख को वेतन देने का फैसला लिया था हालांकि इस फैसले से कर्मचारी वर्ग में आक्रोश था, लेकिन बुधवार को ही सीएम ने ये वादा किया था कि 5 सितंबर को वेतन आ जाएगा. आज गुरुवार को सभी कर्मचारियों का वेतन पूर्वाह्न से पहले आ गया था. अब राज्य सरकार पेंशनर्स की अदायगी के लिए लोन ले रही है हालांकि लोन का ये पैसा 11 सितंबर को आएगा और पेंशन 10 तारीख को देनी है, लेकिन उससे पहले राज्य के खजाने में सेंट्रल टैक्सिस का शेयर 740 करोड़ रुपए के तौर पर आ जाएगा.
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