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पानी सप्लाई की मुख्य पाइप लाइन जर्जर होने से शिमला में बढ़ी पानी की किल्लत, महापौर ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश - Shimla Water Shortage

Shimla Water Crisis: शिमला में पानी की समस्या से लोग परेशान है. पानी सप्लाई की मुख्य पाइप लाइन जर्जर होने से यह समस्या और बढ़ गई है. जर्जर पाइप होने से कई लाख लीटर पानी प्रतिदिन बर्बाद हो जा रहा है. इस कारण से लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

Shimla Water Crisis
शिमला में पानी सप्लाई की मुख्य पाइप लाइन जर्जर (फोटो- ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 29, 2024, 5:45 PM IST

शिमला: पर्यटन सीजन के कारण राजधानी में पानी की खपत ज्यादा हो रही है. साथ ही परियोजनाओं में भी पानी का स्तर कम हो गया है. इसके अलावा मशोबरा में पानी की मुख्य पाइप लाइन की स्थिति जर्जर हो गई है. जिससे प्रतिदिन कई लाख लीटर पानी लीकेज होने के कारण बर्बाद हो जा रहा है. जिसके कारण राजधानी में पानी की किल्लत हो गई है.

लोगों ने पाइप लाइन से लीकेज हो रहे पानी का वीडियो बनाकर नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान को भेजा है. वहीं महापौर भी अधिकारियों के साथ बुधवार को मशोबरा पहुंचे और मौके का जायजा लिया और पानी की लीकेज बंद करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया.

नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि मशोबरा में पानी की लीकेज की शिकायत मिली थी और यहां पर आज अधिकारियों के साथ आए हैं, अधिकारियों को लीकेज बंद करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि शिमला के लिए जो पाइपलाइन बिछाई गई है, वह काफी पुरानी है. जिसके चलते पानी की लीकेज हो रही है. इस लीकेज से पानी बर्बाद हो रहा है. उन्होंने कहा कि शिमला में पानी का संकट गहराया हुआ है और यदि लीकेज पूरी तरह से रोक दी जाएगी तो बहुत हद तक पानी की समस्या दूर हो सकती है.

सुरेंद्र चौहान ने कहा कि गुम्मा से शिमला के लिए जाने वाली पानी की लाइन 100 साल पुरानी है. इसे बदलने को लेकर भी कार्य शुरू किया गया है. जिस पर 04 करोड़ रुपये खर्च होंगे. जिससे पानी की लीकेज काफी हद तक बंद की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि शिमला शहर में हर रोज 40 एमएलडी पानी आ रहा है, बावजूद इसके 02 लाख की आबादी को पानी नहीं मिलाना यह चिंता का विषय है. इसे लेकर जल निगम के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं.

गौरतलब है कि शिमला शहर में इन दिनों पानी का संकट गहरा गया है और कई क्षेत्रों में तीन दिन बाद भी लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. हालांकि शिमला शहर में 40 से 42 एचडी पानी की जरूरत रहती है. और इन दोनों भी 40 के करीब एमएलडी पानी आ रहा है बावजूद इसके शिमला शहर के लोगों को पानी नहीं मिल रहा है.

ये भी पढ़ें: बूंद -बूंद को तरसता शहर, 4 साल में न प्रोजेक्ट पर काम न कोई निकाला समाधान

शिमला: पर्यटन सीजन के कारण राजधानी में पानी की खपत ज्यादा हो रही है. साथ ही परियोजनाओं में भी पानी का स्तर कम हो गया है. इसके अलावा मशोबरा में पानी की मुख्य पाइप लाइन की स्थिति जर्जर हो गई है. जिससे प्रतिदिन कई लाख लीटर पानी लीकेज होने के कारण बर्बाद हो जा रहा है. जिसके कारण राजधानी में पानी की किल्लत हो गई है.

लोगों ने पाइप लाइन से लीकेज हो रहे पानी का वीडियो बनाकर नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान को भेजा है. वहीं महापौर भी अधिकारियों के साथ बुधवार को मशोबरा पहुंचे और मौके का जायजा लिया और पानी की लीकेज बंद करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया.

नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि मशोबरा में पानी की लीकेज की शिकायत मिली थी और यहां पर आज अधिकारियों के साथ आए हैं, अधिकारियों को लीकेज बंद करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि शिमला के लिए जो पाइपलाइन बिछाई गई है, वह काफी पुरानी है. जिसके चलते पानी की लीकेज हो रही है. इस लीकेज से पानी बर्बाद हो रहा है. उन्होंने कहा कि शिमला में पानी का संकट गहराया हुआ है और यदि लीकेज पूरी तरह से रोक दी जाएगी तो बहुत हद तक पानी की समस्या दूर हो सकती है.

सुरेंद्र चौहान ने कहा कि गुम्मा से शिमला के लिए जाने वाली पानी की लाइन 100 साल पुरानी है. इसे बदलने को लेकर भी कार्य शुरू किया गया है. जिस पर 04 करोड़ रुपये खर्च होंगे. जिससे पानी की लीकेज काफी हद तक बंद की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि शिमला शहर में हर रोज 40 एमएलडी पानी आ रहा है, बावजूद इसके 02 लाख की आबादी को पानी नहीं मिलाना यह चिंता का विषय है. इसे लेकर जल निगम के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं.

गौरतलब है कि शिमला शहर में इन दिनों पानी का संकट गहरा गया है और कई क्षेत्रों में तीन दिन बाद भी लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. हालांकि शिमला शहर में 40 से 42 एचडी पानी की जरूरत रहती है. और इन दोनों भी 40 के करीब एमएलडी पानी आ रहा है बावजूद इसके शिमला शहर के लोगों को पानी नहीं मिल रहा है.

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