कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में भारी बारिश और लैंडस्लाइड का दौर जारी है. जिसकी वजह से प्रदेश की कई सड़कें लैंडस्लाइड होने से बाधित है. वहीं, जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार की तहसील सैंज में बीते दिनों हुई भारी बारिश से सैंज बक्शाहल सड़क का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ में बह गया हैं. जिस कारण पिछले 19 दिनों से बक्शाहल गांव का संपर्क मुख्य सड़क मार्ग से टूट गया है. सड़क सुविधा ना होने से जहां किसान बागवानों को लाखों रुपयों का नुकसान हो रहा है.वहीं, ग्रामीणों को बाजार तक जाने के लिए पैदल रास्ता भी नहीं बच पाया है.
गौरतलब है कि बीते 31 जुलाई को एनएचपीसी पार्वती बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़ने से पिन पार्वती नदी में आई भयंकर बाढ़ से सैंज बकशाहल सड़क का करीब 400 मीटर हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. इन दिनों किसानों की फल सब्जियों की फसलें तैयार है, लेकिन सड़क सुविधा से वंचित किसान अपने उत्पादों को मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं.
ग्रामीण जगरनाथ, देवी राम, रोशन लाल, बुधराम, तुले राम और कुबेर सिंह ने कहा, "फल सब्जियों का उत्पादन ही ग्रामीणों की आजीविका उपार्जन का एक मात्र साधन है. टमाटर, गोभी, भिंडी तथा शिमला मिर्च के फसल खेतों में तैयार हो चुकी है और इसके साथ नाशपाती का तुड़ान भी जारी है. लेकिन सड़क टूट जाने के कारण उत्पादों को मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन हो रहा है".
ग्रामीणों ने बताया कि पहले तो ग्रामीणों द्वारा पीठ पर उठाकर 2 किलोमीटर सीधी चढ़ाई चढ़कर फागला सड़क तक या फिर नदी पार कर शलबाड गांव तक पहुंचाने के बाद नकदी फसलों के उत्पादों को टकोली सब्जी मंडी भेजा जा रहा था. लेकिन सब्जियों के दामों में गिरावट के बाद ढुलाई का ज्यादा खर्च पूरा नहीं हो पा रहा है. इसलिए अब मंडियों तक माल पहुंचाना नामुमकिन हो रहा है.
पंचायत की वार्ड सदस्य विद्या देवी ने कहा, "गांव को मुख्य बाजार से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क टूट जाने से 40 परिवारों के सैकड़ों लोग प्रभावित है. लोगों को करीब तीन किलोमीटर सीधी चढ़ाई चढ़ कर कठिन रास्ते से गुजरना पड़ रहा है. कई लोग तो रोजमर्रा जरूरत का सामान लेने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर नदी किनारे से चलकर सैंज बाजार तक जाने के लिए मजबूर हैं. जहां पर कभी भी डैम से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाता है. ऐसे में 19 दिनों से सैंज बक्शाहल सड़क बाधित है. हालांकि सैंज तहसील की मात्र दो सड़कें बरसात के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है. लेकिन इसे बहाल करने के लिए अभी तक कोई प्रयास प्रशासन अथवा संबंधित विभाग द्वारा नहीं किया गया है".
महिला मंडल की प्रधान लीला देवी, चूड़ामणि सहित अन्य सदस्य रजना देवी, मथुरा देवी, नीलिमा का कहना है कि सड़क तो दूर पैदल रास्ता भी ना होने के कारण नन्हें बच्चों को सैंज स्कूल जाना मुश्किल हो गया है. जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय प्रशासन और पंचायत के अधिकारियों को भी इस गंभीर समस्या की जानकारी है. लेकिन इसके समाधान की दिशा में कोई प्रभावी कदम अभी तक नहीं उठाया गया है. ग्रामीण इससे परेशान हैं और करीब एक दर्जन निजी वाहन भी गांव में फंसे हुए है.
स्थानीय देवगढ़ गोही पंचायत प्रधान केशव राम ने बताया कि सड़क टूटने की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी गई है और इसके पुनर्निर्माण को लेकर पंचायत द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया है. जल्द ही विभाग के साथ मिलकर इस सड़क की मरम्मत की जाएगी.
एसडीएम बंजार पंकज शर्मा ने बताया कि लोक निर्माण विभाग की टीम को निर्देश जारी कर दिया गया हैं और अब नदी का जलस्तर कम होते ही सड़क का दोबारा से निर्माण कर दिया जाएगा. ताकि ग्रामीणों को परेशानी का सामना न करना पड़े.
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