मंडी: देवी-देवताओं की धरती कहे जाने वाली सराजघाटी में कई ऐतिहासिक और चमत्कारिक धार्मिक स्थल मौजूद हैं. सराज की धरती पर द्वापर युग के प्रमाण अभी तक मौजूद हैं. इसी में घाटी की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान हैं माता शिकारी. स्थानीय प्रशासन ने नवंबर माह में बर्फवारी के चलते इसके कपाट बंद कर दिए थे, जिसके कारण भक्त माता के दर्शन नहीं कर पाए थे. चैत्र नवरात्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले कल सोमवार (8 अप्रैल) से माता के कपाट प्रशासन ने खोल देने की बात कही है.
एसडीएम थुनाग ने क्या कहा
एसडीएम थुनाग व मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ललित पोसवाल ने कहा कि माता शिकारी के कपाट खोले जाने के बाद कोई भी श्रद्धालु माता शिकारी में लंगर भंडारा आयोजित कर सकता है. इसके लिए उप मंडलाधिकारी थुनाग और मंदिर कमेटी अध्यक्ष से अनुमति आवश्यक होगी. ऐसा नहीं करने वालों पर प्रशासन के साथ मंदिर कमेटी दोषियों पर कार्रवाई करेगी.
माता शिकारी के जाने वाली सड़क बहाल
पिछले दिनों करीब एक सप्ताह तक एक जेसीबी और एक स्नो कट्टर की सहायता से करीब चार माह से बंद पड़ी रायगढ़ शिकारी सड़क को भी बहाल कर दिया गया है. बर्फवारी होने के बाद लोक निर्माण विभाग जंजैहली मंडल ने सड़क बहाल कर दी है. अब लोग अपनी गाड़ी से माता शिकारी तक आसानी से पहुंच कर सकते हैं. चैत नवरात्रि में परिवार संग माता का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
मनमोहक है माता शिकारी का सफर
लोक निर्माण विभाग की मानें तो जब तक बर्फ पूरी तरह पिघल नहीं जाती तो तब तक रायगढ़ से शिकारी माता सड़क का सफर बहुत अच्छा और मनमोहन रहेगा. कई जगहों पर सड़क के दोनों ओर बर्फ की ऊंची-ऊंची इमारतें बनी नजर आएंगी, जो रोहतांग दर्रे की याद दिलाएगी. एक्सन लोक निर्माण विभाग चमन ठाकुर ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के आदेशानुसार पिछले सप्ताह में ही रायगढ़ से माता शिकारी कुल 6 किलोमीटर सड़क को साफ कर दिया गया था. श्रद्धालुओं को कोई दिक्कतें नहीं हो इस कारण सोमवार को विभाग की जेसीबी मशीन सफाई करने फिर भेज दी जाएंगी.