हमीरपुर: देख रहे हो बिनोद. ये मीम सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ. इसी तरह हिमाचल के उप मुख्यमंत्री और विधायकों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं. वैसे अंदरखाने में कांग्रेस में क्या पक रहा है. इसे लेकर तो कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन कयास जरूर लगाए जा सकते हैं. ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं. दरअसल, हमीरपुर सदर के विधायक आशीष शर्मा के घर में 26 जनवरी को सामाजिक समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सहित सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा, देहरा के विधायक होशियार सिंह ने शिरकत की.
बता दें कि राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस में आपसी तालमेल नहीं है. जिसके तहत आजाद विधायकों की जुंडली कहीं ना कहीं सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचने की फिराक में तो नहीं है, बता दें कि पिछले कुछ समय से सरकार के हाशिए पर चल रहे सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा और उनके साथ हमीरपुर से आजाद प्रत्याशी रहे आशीष शर्मा और देहरा से विधायक होशियार सिंह शामिल हैं और जहां इन विधायकों के विधानसभा में भी कामकाज को लेकर सरकार की ओर से कुछ नहीं किया जा रहा है. वहीं, सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने सरकार पर विधायक निधि जारी करने की मांग की जा रही है और विधायक राणा ने अपनी की सरकार पर विधायक निधि रोकने पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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अब देखना यह होगा कि प्रदेश कांगेस की सरकार जो कि व्यवस्था परिवर्तन का नारा लेकर सत्ता में आई है तो इस सरकार में अपने ही विधायक मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा करने में कोई कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. ऐसे में सियासी हलचल होना लाजमी बन रही है और इस सियासी हलचल में अब हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा के घर पर क्या खिचड़ी पकी है इस पर भी सभी की नजरें टिकी हुई हैं.
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बता दें कि सुधीर शर्मा खुलकर तो सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से राजनीति में तहलका मचाते रहते हैं. शपथ ग्रहण के बाद हालांकि, सुधीर शर्मा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में संस्कृत में श्लोक लिखकर अपनी मनोदशा जरूर सांझा की थी. सुधीर शर्मा ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘‘शान्तः प्रयासात्पूर्वं विषमादनन्तरं च.’’ यानी शांत – प्रयास के पूर्व भी, तूफ़ान के उपरांत भी. इसके अलावा एक और पंक्ति लिखी, “कालक्रमेण जगतः परिवर्तमाना , चक्रारिपंक्तिरिव गच्छति भाग्यपंक्तिः”, जिसका अर्थ है वक्त का पहिया स्थिर नहीं रहता है, वो तो घूमता ही है.
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वहीं, राणा ने फेसबुक पोस्ट में महाभारत प्रसंग का जिक्र किया था. उन्होंने लिखा था- जो विवादों से दूर रहते हैं, वही दिलों पर राज करते हैं, जो विवादों में उलझ जाते हैं, वे दिलों से भी उतर जाते हैं. पांडवों ने सिर्फ पांच गांव मांगे थे. दुर्योधन ने सुई की नोक के बराबर भी जमीन देने से इनकार कर दिया था. एक जिद ने महाभारत रच दिया. सुकून भरी जिंदगी के लिए विवादों से दूरी, है बेहद जरूरी.
गौरतलब है कि सुजानपुर के विधायक राजेन्द्र राणा और धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा दोनों ही गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम से नदारद रहे. इसके पीछे क्या कारण रहे इसका खुलासा तो वही कर सकते हैं, लेकिन दोनों की नाराजगी कहीं न कहीं कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी जरूर है.
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