हमीरपुर: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थन में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हमीरपुर के ऐतिहासिक गांधी चौक पर बुधवार देर शाम को पटाखे फोड़े. इस दौरान कांग्रेस सरकार और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थन में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की. कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने के आरोप लगाए. इस मौके पर जिला कांग्रेस युवा के नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
'सीएम ने जनबल के सहारे धनबल को हराया'
जिला कांग्रेस के प्रवक्ता रोहित शर्मा ने कहा कि धनबल के सहारे भाजपा ने कांग्रेस सरकार को गिराने का की पूरी कोशिश की है, लेकिन सीएम सुखविंदर सिंह ने जनबल के सहारे धनबल को हरा दिया है. भाजपा के केंद्र और हिमाचल के नेताओं ने कांग्रेस सरकार को गिराने की तो बहुत कोशिश की है. मगर वह इसमें वे पूरी तरह से असफल हुए हैं.
'हिमाचल में लोकतंत्र की हत्या'
रोहित शर्मा ने कहा कि पिछले 2 दिनों में हिमाचल में लोकतंत्र की हत्या हुई है. भाजपा ने हिमाचल की संस्कृति पर भी कुठाराघात किया है. भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद फरोख्त करने की कोशिश की गई है. हिमाचल में भाजपा के इस कार्य के चलते लोगों में खासा आक्रोश है. कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के साथ हैं. पिछले 1 साल में कांग्रेस सरकार ने सराहनीय कार्य किया है और प्रदेश की जनता पूरी तरह से मुख्यमंत्री के साथ है.
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हार
गौरतलब है कि 27 फरवरी को हिमाचल में राज्यसभी सीट के लिए चुनाव हुए थे. कांग्रेस के पास 40 लोकसभा सीटें हैं, जबकि भाजपा के पास 25 और तीन सीटें निर्दलीय हैं. कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को अपना उम्मीदवार बनाया था. वहीं, बीजेपी ने हर्ष महाजन को चुनावी मैदान में उतारा था. प्रदेश में बहुमत के बावजूद भी कांग्रेस राज्यसभा चुनाव हार गई और भाजपा के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए, क्योंकि कांग्रेस के 6 विधायकों ने चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की. इसके अलावा तीनों निर्दलीय विधायकों का वोट भी भाजपा के खाते में रहा. जिससे दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले. जिसके बाद लॉटरी निकाली गई और भाजपा के हर्ष महाजन जीत गए.
विपक्ष की गैरमौजूदगी में बजट पारित
वहीं, इसके बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी विधायकों के बिकने और भाजपा द्वारा कांग्रेस विधायकों को किडनैप करने का आरोप लगाया. बागी विधायक पंचकूला स्थित रेस्ट हाउस में जाकर ठहरे. बुधवार को सुक्खू सरकार पर खतरे के बादल मंडराते रहे. विक्रमादित्य सिंह ने भी कैबिनेट पद से इस्तीफा दे दिया जो की बुधवार शाम को विक्रमादित्य ने वापस ले लिया. वहीं, इस दौरान सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के 15 विधायकों को सदन से सस्पेंड कर दिया गया. विपक्ष की गैरमौजूदगी में ही विधानसभा में बजट पारित किया गया.
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