धर्मशाला/कुल्लू/मंडी/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ पेंशनरों ने हल्ला बोल दिया. आज प्रदेश भर में पेंशनरों ने 10 तारीख को पेंशन देने सहित अन्य मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पेंशनरों ने सरकार को मांग पूरी नहीं होने पर भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी. पेंशनरों ने राजधानी शिमला सहित मंडी, कुल्लू और हमीरपुर के अलावा प्रदेश भर में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.
कांगड़ा में पेंशनरों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
गौरतलब है कि अब हर महीने 10 तारीख को पेंशन देने के खिलाफ सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर पेंशनर्स सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में कांगड़ा जिला पेंशनर एसोसिएशन ने धर्मशाला में सरकार के खिलाफ रैली निकाली.इस दौरान पेंशनरों ने शहीद स्मारक से लेकर कचहरी चौक तक रैली निकाली रैली.
इस मौके पर कांगड़ा जिला पेंशनर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुरेश ठाकुर ने कहा, "सरकार ने 1 जनवरी 2016 से लेकर 31 जनवरी 2022 तक का सेवानिवृत्त कर्मचारियों का संशोधित ग्रेच्युटी व लीव इंक्रीमेंट व कम्युटेशन का एरियर नहीं दिया है. साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा हिमाचल के पेंशनर्स व कर्मचारियों को 12% महंगाई भत्ते की तीन किस्तों की अदायगी नहीं की है. इतना ही नहीं सरकार ने पेंशनरों की जेसीसी का आज दिन तक गठन नहीं किया है और न ही पेंशनर एसोसिएशन को बातचीत के लिए आज दिन तक बुलाया है. सरकार पेंशनरों की संख्या को कम न आंके और उनकी मांगों को दरकिनार करना सरकार को अब भारी पड़ सकता है".
मंडी में पेंशनरों का विरोध प्रदर्शन
मंडी में भी पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले पेंशन धारकों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान पेंशनरों का दर्द छलका. उन्होंने लंबित एरियर, मेडिकल बिल और डीए की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में जिला भर के 14 इकाइयों के पेंशनरों ने भाग लिया. इस दौरान पेंशनरों ने सीएम सुखविंदर सिंह को खूब खरी खोटी सुनाई और अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं, पेंशनरों ने जिला प्रशासन के माध्यम से सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू को एक मांग पत्र भेजा.
मंडी पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन के जिला प्रधान हरीश शर्मा ने कहा, "प्रदेश सरकार को लगभग नौ बार वार्ता के लिए बोला गया. लेकिन सीएम ने उनकी एक नहीं मानी. जिसके चलते आज अपने भत्तों व पेंशन के लिए पेंशनर्स सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं. आज धरने का पहला चरण है. आने वाले समय में प्रदेश सरकार के खिलाफ और उग्र आंदोलन किया जाएगा".
कुल्लू में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे पेंशनर्स
हिमाचल में अब हर महीने की 10 तारीख को पेंशनरों के खाते में पेंशन आने का डेट तय कर दिया गया है. इसके विरोध में और अन्य लंबित मांगों को लेकर जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में सिविल पेंशनर्स एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के तहत पेंशनरों ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान पेंशनर संघ ने डीसी के माध्यम से एक मांग पत्र प्रदेश सरकार को भेजा गया. जिसमें सरकार से जल्द उनकी मांगों पर गौर किए जाने की मांग रखी गई.
सिविल पेंशनर्स एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सेस राम ठाकुर ने कहा, "मांग पत्र में सरकार से यह मांगे रखी गई है कि पेंशनभोगियों की संयुक्त परामर्शदात्री समिति का गठन किया जाए और इसकी बैठक शीघ्र बुलाई जाए. इसके अलावा दिनांक 01.01.2016 के बाद सेवानिवृत्त पेंशन भोगियों के बकाये का भुगतान शीघ्र किया जाए. प्रदेश में पेंशनभोगियों के लंबित भारी चिकित्सा बिलों के भुगतान के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया जाए. क्योंकि उन्हें इसके लिए सरकार से कोई बजट नहीं मिल रहा है. इसके अलावा लंबे समय से लंबित 12% महंगाई राहत किस्तों सहित छठे वेतन आयोग की बकाया राशि का एकमुश्त भुगतान किया जाए. और देश के कई पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर कम्यूटेशन अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष और 8 महीने किया जाना चाहिए".
हमीरपुर में पेंशनर्स एसोसिएशन ने खोला मोर्चा
हमीरपुर के गांधी चौक पर पेंशनर्स एसोसिएशन ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान पेंशनरों कहना था कि समय पर ना तो उन्हें पेंशन मिल रही है और ना ही भत्ते. मेडिकल बिलों का भी भुगतान नहीं हो रहा है. उन्होंने सरकार को उपायुक्त हमीरपुर के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा हैं. इस दौरान पेंशनरों ने हमीरपुर के गांधी चौक से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक रोष रैली भी निकाली.
पेंशनर्स एसोसिएशन हमीरपुर के जिला अध्यक्ष एसके कोड़ा ने कहा, "पेंशनर्स एसोसिएशन की मांगों को सरकार द्वारा नहीं माना गया है. उसके विरोध में पेंशनर्स हर जिले में जाकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंप रहे हैं. सरकार के पास जो एरियर पेंशनरों का बचा है, उसे जल्द से जल्द बहाल किया जाए. पेंशनरों के दो-तीन साल से मेडिकल के बिलों का भुगतान भी नहीं हुआ है. सरकार ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया है. अगर समय रहते पेंशनरों की मांगे नहीं मानी गई तो पेंशनर्स सरकार के खिलाफ उग्र धरना प्रदर्शन करेंगे".
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