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अब ऊना में बिना पंजीकरण कोई भी प्रवासी नहीं कर पाएगा नौकरी, रेहड़ी-फेरी वाले भी हो जाए सावधान!

ऊना जिला प्रशासन ने बाहरी लोगों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है. अब बिना पंजीकरण के नौकरी करने वाले प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

ऊना में प्रवासियों का पंजीकरण अनिवार्य
ऊना में प्रवासियों का पंजीकरण अनिवार्य (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 3 hours ago

ऊना: हिमाचल प्रदेश के पंजाब से सटे ऊना जिले में असामाजिक और आपराधिक तत्वों पर लगाम कसने के लिए जिला प्रशासन ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है. जिला प्रशासन ने कुछ आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने का काम शुरू कर दिया है. जिला ऊना में लगातार सामने आ रही आपराधिक घटनाओं से सबक लेते हुए जिला प्रशासन अब बाहर से आकर नौकरी पेशा करने वाले या काम धंधा चलाने वाले लोगों पर पूरी तरह से नजर रखने जा रहा है.

इसके तहत केवल बाहरी लोग ही नहीं, बल्कि ऐसे लोगों को नौकरी देने वाले स्थानीय लोग भी अब कानून के शिकंजे में आने वाले हैं. जबकि बाहरी लोगों को बिना किसी पंजीकरण के किराए के कमरों में रखने वाले लोगों पर भी प्रशासन अब कानून का चाबुक चलने वाला है.

जिला ऊना में आपराधिक और असामाजिक तत्वों पर लगाम कसने के लिए प्रशासन ने आवश्यक कार्रवाई तेज कर दी है. जिसके तहत भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत हिमाचल प्रदेश में पहली बार जिला प्रशासन के स्तर पर ऐसा आदेश जारी किया गया है, जिससे न केवल बिना पंजीकरण के ऊना जिला में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों की जवाबदेही तय होगी. बल्कि इसके साथ-साथ ऐसे लोगों को नौकरी और अपना मकान किराए पर देने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा.

ऊना में बाहरी व्यक्तियों का पंजीकरण हुआ अनिवार्य
ऊना में बाहरी व्यक्तियों का पंजीकरण हुआ अनिवार्य (Notification)
ऊना में बाहरी व्यक्तियों का पंजीकरण हुआ अनिवार्य
ऊना में बाहरी व्यक्तियों का पंजीकरण हुआ अनिवार्य (Notification)

इस आदेश के अनुसार ऊना में सभी प्रवासी श्रमिकों का रोजगार के लिए सत्यापन अनिवार्य किया गया है. कोई भी रोजगारदाता, ठेकेदार या व्यापारी, प्रवासी श्रमिकों की पहचान और पासपोर्ट फोटो के संबंधित थाना अधिकारी (एसएचओ) के पास सत्यापन के बिना किसी भी गैर-औपचारिक रोजगार या ठेका कार्य में नियुक्त नहीं कर सकेगा. इसके अतिरिक्त, स्वयं रोजगार प्राप्त करने या छोटे व्यापारों में संलग्न होने वाले व्यक्तियों को अपने इरादों की जानकारी संबंधित एसएचओ को देनी होगी.

एसडीएम विश्व मोहनदेव चौहान ने कहा, "सभी धार्मिक स्थल और अन्य परिसर, जहां बाहरी राज्यों से आए व्यक्तिय आश्रय लेते हैं, उनका पूरा रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया गया है. कोई भी व्यक्ति पुलिस के साथ पंजीकरण कराए बिना इन संस्थानों में नहीं ठहर सकेगा. ऊना जिले के सभी उपमंडलीय पुलिस अधिकारियों को ऐसे व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखने और नियमित रूप से इन गतिविधियों की समीक्षा करने के लिए निर्देशित किया गया है. इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर संबंधित प्रवासी श्रमिकों और उनके नियोक्ताओं के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी".

ये भी पढ़ें: ढालपुर में 10 दिवसीय सरस मेला का आयोजन, सीपीएस सुंदर ठाकुर ने किया शुभारंभ

ऊना: हिमाचल प्रदेश के पंजाब से सटे ऊना जिले में असामाजिक और आपराधिक तत्वों पर लगाम कसने के लिए जिला प्रशासन ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है. जिला प्रशासन ने कुछ आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने का काम शुरू कर दिया है. जिला ऊना में लगातार सामने आ रही आपराधिक घटनाओं से सबक लेते हुए जिला प्रशासन अब बाहर से आकर नौकरी पेशा करने वाले या काम धंधा चलाने वाले लोगों पर पूरी तरह से नजर रखने जा रहा है.

इसके तहत केवल बाहरी लोग ही नहीं, बल्कि ऐसे लोगों को नौकरी देने वाले स्थानीय लोग भी अब कानून के शिकंजे में आने वाले हैं. जबकि बाहरी लोगों को बिना किसी पंजीकरण के किराए के कमरों में रखने वाले लोगों पर भी प्रशासन अब कानून का चाबुक चलने वाला है.

जिला ऊना में आपराधिक और असामाजिक तत्वों पर लगाम कसने के लिए प्रशासन ने आवश्यक कार्रवाई तेज कर दी है. जिसके तहत भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत हिमाचल प्रदेश में पहली बार जिला प्रशासन के स्तर पर ऐसा आदेश जारी किया गया है, जिससे न केवल बिना पंजीकरण के ऊना जिला में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों की जवाबदेही तय होगी. बल्कि इसके साथ-साथ ऐसे लोगों को नौकरी और अपना मकान किराए पर देने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा.

ऊना में बाहरी व्यक्तियों का पंजीकरण हुआ अनिवार्य
ऊना में बाहरी व्यक्तियों का पंजीकरण हुआ अनिवार्य (Notification)
ऊना में बाहरी व्यक्तियों का पंजीकरण हुआ अनिवार्य
ऊना में बाहरी व्यक्तियों का पंजीकरण हुआ अनिवार्य (Notification)

इस आदेश के अनुसार ऊना में सभी प्रवासी श्रमिकों का रोजगार के लिए सत्यापन अनिवार्य किया गया है. कोई भी रोजगारदाता, ठेकेदार या व्यापारी, प्रवासी श्रमिकों की पहचान और पासपोर्ट फोटो के संबंधित थाना अधिकारी (एसएचओ) के पास सत्यापन के बिना किसी भी गैर-औपचारिक रोजगार या ठेका कार्य में नियुक्त नहीं कर सकेगा. इसके अतिरिक्त, स्वयं रोजगार प्राप्त करने या छोटे व्यापारों में संलग्न होने वाले व्यक्तियों को अपने इरादों की जानकारी संबंधित एसएचओ को देनी होगी.

एसडीएम विश्व मोहनदेव चौहान ने कहा, "सभी धार्मिक स्थल और अन्य परिसर, जहां बाहरी राज्यों से आए व्यक्तिय आश्रय लेते हैं, उनका पूरा रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया गया है. कोई भी व्यक्ति पुलिस के साथ पंजीकरण कराए बिना इन संस्थानों में नहीं ठहर सकेगा. ऊना जिले के सभी उपमंडलीय पुलिस अधिकारियों को ऐसे व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखने और नियमित रूप से इन गतिविधियों की समीक्षा करने के लिए निर्देशित किया गया है. इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर संबंधित प्रवासी श्रमिकों और उनके नियोक्ताओं के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी".

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