शिमला: मंडी लोकसभा सीट में पहली बार बॉलीवुड कालाकार की इंट्री से यह सीट ग्लैमरस हो गया है. जिसके चर्चे केवल हिमाचल में ही नहीं पूरे देश में है. बीजेपी ने जब से अभिनेत्री कंगना रनौत को मंडी से उम्मीदवार बनाया तब से इस सीट पर सबकी नजर टिक गई है. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के कथित ट्वीट ने इस सीट के बारे में लोगों को जानने की इच्छा और तेजी से बढ़ा दी है.
अब आइए आंकड़ों से समझिए जीत का गणित
मंडी लोकसभा सीट में अब तक 19 बार चुनाव हैं. जिसमें 2 बार उपचुनाव भी शामिल हैं. इन चुनाव में आंकड़ों की बात करें तो 13 बार कांग्रेस को सफलता मिली हैं. वहीं बीजेपी को केवल 5 बार इस सीट से सफलता मिली हैं. आंकड़ों के हिसाब देखा जाए तो कांग्रेस का पलड़ा भारी लगता है, लेकिन बीजेपी के लिए अच्छी बात ये है कि लास्ट के तीन चुनाव में दो बार बीजेपी ने बाजी मारी है. कांग्रेस ने अब तक अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा तक नहीं की है. जबकि बीजेपी कंगना के साथ धुआंधार प्रचार-प्रसार में जुटी हुई है. ऐसे में जनता का मूड किस ओर मुड़ेगा ये तो समय ही बताएगा लेकिन बीजेपी ने अपने प्रत्याशी उतार कर मनोवैज्ञानिक बढ़त जरूर ले ली है.
आंकड़ों में कांग्रेस आगे और बीजेपी पीछे
कांग्रेस ने अपने पत्ते भले ही नहीं खोले हों. अटकले तो हैं कि इस बार कांग्रेस अपने सीटिंग सांसद प्रतिभा सिंह पर नहीं बल्कि हिमाचल के युवराज लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह पर दांव लगाने जा रही है. विक्रमादित्य सिंह और कंगना रनौत की आपस में कई बार जुबनी जंग भी हो गई हैं. वहीं लोकनिर्माण मंत्री ने भी कई बार कंगना पर हमला बोला है. उन्होंने कंगना से कभी आपदा के समय उपस्थित नहीं होने पर सवाल किया है तो कभी कंगना को गौ मांस खाने वाला बताया. कंगना भी समय-समय पर अपनी जुबान इनके खिलाफ खोलते रही हैं. कंगना का मानान है कि उनके ऊपर कांग्रेस पार्टी के द्वारा हो रहे हमले का जनता वोट से जवाब देगी और हिमाचल की बेटी को भारी मतों से विजय बनाएगी. ऐसे देखा जाए तो आंकड़ों के मामले कांग्रेस का प्रदर्शन मंडी लोकसभा सीट से बेहतर रहा है. अब देखना है कि इस बार जनता का मिजाज कैसा होगा ये तो एक जून को ही पता चल पाएगा. तब तक जीत का गुणा-भाग यूं ही चलता रहेगा.