हिमाचल विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित सदस्यों की पेंशन खत्म करने को लेकर सीएम सुक्खू ने सदन में विधेयक पेश कर रहे हैं. एक दिन के लिए भी यदि कोई विधायक बन जाता है तो पेंशन का हकदार हो जाता है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में पूर्व विधायकों के लिए पेंशन को लेकर संशोधन विधेयक विधानसभा में पेश किया जा रहा है. यदि ये बिल विधानसभा में पेश होकर पारित होता है तो पहली बार विधायक बने चैतन्य शर्मा व देवेंद्र कुमार भुट्टो को बड़ा नुकसान होगा.बता दें कि एक बार विधायक बनने के बाद 90 हजार रुपये से ज्यादा मासिक पेंशन तय हो जाती है. साल 2022 से शुरू हुए नए कार्यकाल की पेंशन 93 हजार रुपये के करीब बनती है. इसमें से 36 हजार बेसिक व 59 फीसदी महंगाई भत्ता जुड़ता है. ये कुल मिलाकर 93 हजार रुपये के करीब बनती है.
हिमाचल विधानसभा मानसून सेशन: सीएम ने विधानसभा में रखा अयोग्य घोषित हुए सदस्यों की पेंशन का संशोधन बिल, प्रदेश में बढ़ सकते हैं डीजल के दाम - Himachal News Live Updates
By ETV Bharat Himachal Pradesh Team
Published : Sep 3, 2024, 11:06 AM IST
|Updated : Sep 3, 2024, 3:19 PM IST
हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र का आज 6वां दिन है. सदन में कुल 91 सवाल लिस्टेड हैं. आज नौकरियों, अवैध खनन, आपराधिक मामले, राज्य चयन आयोग, नशा तस्करी मामले, आपदा से नुकसान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, कीटनाशक दवाइयां, मेडिकल डिवाइस, सड़क मरम्मत, आगजनी की घटनाएं, नशा तस्करी मामले, निशुल्क पानी, बिजली खंबे, पार्किंग स्थल, पासपोर्ट कार्यालय, राशन डिपो व स्मार्ट मीटर जैसे कई मुद्दे सदन में गूंजेंगे.
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हिमाचल विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित सदस्यों की पेंशन हो सकती है खत्म
हिमाचल में बढ़ सकता है डीजल पर वैट
हिमाचल में डीजल के दाम बढ़ सकते हैं. सीएम सुक्खू ने डीजल पर वैट बढ़ाने के संकेत दिए हैं. हिमाचल इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है. अभी तक प्रदेश सरकार कर्मचारियों को अगस्त माह की सैलरी व पेंशनर्स को पेंशन नहीं दे पाई है. इसको लेकर विपक्ष सत्ता पक्ष पर लगातार हमला बोल रहा है. वहीं, कर्मियों में सैलरी ना आने को लेकर चिंता है.
सदन में पेश हो सकता है विधेयक
हिमाचल विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित सदस्यों की पेंशन खत्म करने को लेकर सीएम सुक्खू द्वारा सदन में विधेयक पेश किया जा सकता है. बता दें कि एक बार विधायक के बाद 90 हजार रुपये से ज्यादा मासिक पेंशन तय हो जाती है. साल 2022 से शुरू हुए नए कार्यकाल की पेंशन 93 हजार रुपये के करीब बनती है. इसमें से 36 हजार बेसिक व 59 फीसदी महंगाई भत्ता जुड़ता है. ये कुल मिलाकर 93 हजार रुपये के करीब बनती है.
लोकतंत्र में विपक्ष का रोल अहम, सदन में जब कोई सदस्य बोल रहा हो तो बीच में न बोलें, कई बार बातें चुभ जाती हैं- स्पीकर
सदन में गतिरोध बढ़ने पर विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि अभी जो विषय चल रहा है, उस पर कई सदस्यों ने बात कही है. उस विषय को समाप्ति की ओर ले जाना है. किसी को ये साबित नहीं करना कि वो ठीक है. जहां तक कल की बात है नियम 67 के तहत जो विषय था उस से पहले विपिन परमार ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर मांगा. फिर आपने नियम 274 के तहत सचिव को नोटिस दिया.
स्पीकर ने कहा कि मैं दस साल से सदन का सदस्य नहीं था, जब मैं सदन में था, तब ऐसा प्रश्नकाल में नहीं होता था. लोकतंत्र में विपक्ष का रोल सत्ता पक्ष से अधिक है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के सवाल प्राथमिकता पर लिस्ट हुए हैं. अभिव्यक्ति ही डेमोक्रेसी में अहम है. जब कोई भी सदस्य बोल रहा हो तो बीच में न बोलें. कई बार बातें चुभ जाती हैं. मैंने सदन में कोई गलत व्यवहार नहीं किया. मैं पांचवीं बार सदन में आया हूं. चुनाव लड़ते हैं तब परिस्थिति अलग होती है. स्पीकर ने कहा कि आपको वो शब्द अच्छे नहीं लगे जो हमने जनसभा में बोले, अगर आपको बुरा लगे तो उस पर मीडिया में बात कहूंगा. जिसके बाद सदन में गतिरोध थमा.
सदन में आमने-सामने पक्ष-विपक्ष, सत्ती ने सीएम व स्पीकर को दी बड़ा मन रखने की नसीहत
सदन में आज पक्ष और विपक्ष टकराव को सुलझाने में लगे हैं. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने विपक्ष से कहा कि इतना मत रूठो की रोज ही नाराज हों. जिसके जवाब में विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि जो गतिरोध हुआ है उस पर जयराम ठाकुर ने विस्तृत बात कही है. अगर सीएम और डिप्टी सीएम का बयान आ जाता तो सब सुलझ जाता. विधायक सत्ती ने कहा कि हम सब के सदन में अहम विषय लगे हैं. कमलेश ठाकुर को इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि जब कोई महिला सदन में आए तो लड़ना ठीक नहीं है. सीएम व स्पीकर को बड़ा मन रखना चाहिए, शब्दों को वापस लें तो सब ठीक हो जाएगा.
इसके बाद स्पीकर ने पहली बार सदन में आने पर कमलेश ठाकुर का स्वागत किया. जिसपर जयराम ठाकुर ने कहा, "भाभी जी आप थे नहीं यहां, सीएम सुक्खू ने सबका स्वागत किया आपका नहीं किया." जिसके बाद सदन में सभी सदस्य हंस पड़े.
इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि स्पीकर ने हमेशा विपक्ष को प्राथमिकता दी है. सदन हमेशा नियमों से चलता है. प्रश्नकाल अहम होता है. सरकार हर विषय पर चर्चा को तैयार है. प्रश्नकाल के बाद जो विपक्ष चाहे, सरकार उस पर चर्चा को तैयार है.
दुल्हन की तरह बार-बार न रूठे विपक्ष- जगत सिंह नेगी
सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा नियम 67 के तहत चर्चा की मांग पर संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि, "मैं जयराम ठाकुर की बात से सहमत नहीं हूं कि उनका एजेंडा सदन में नहीं लगा. नियम 67 के तहत तो जयराम ठाकुर बोलने को खड़े ही नहीं हुए."
जिस पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान सदन को गुमराह कर रहे हैं. प्रदेश की आर्थिक संकट पर हम गंभीर हैं. जिसके बाद बागवानी मंत्री जगत सिंह ने कहा कि जयराम ने आज चतुराई से नियम 67 का मुद्दा उठाया. दुल्हन की तरह बार-बार न रूठे विपक्ष.
सदन में गूंजा कर्मचारियों को सैलरी न मिलने का मुद्दा, जयराम ठाकुर ने नियम 67 के तहत की चर्चा की मांग
हिमाचल विधानसभा मानसून सेशन के 6वें दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है. सदन में प्रश्नकाल शुरू हो गया है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष से सरकार के जवाब सुनने की अपील की है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने खड़े होते हुए कहा कि सदन में स्थिति असामान्य है, इसके लिए विपक्ष को दोषी ठहराया जाना सही नहीं है. जयराम ठाकुर ने सदन में कर्मचारियों को सैलरी न मिलने का मुद्दा उठाया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. सरकार कर्मचारियों की सैलरी तक समय पर नहीं दे पा रही है. अगर विपक्ष इस पर नियम 67 के तहत चर्चा की मांग करता है, तो इसमें क्या गलत है. इसके अलावा जयराम ठाकुर ने स्पीकर के उन्हें जूनियर कहे जाने पर भी नाराजगी जताई.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र का आज 6वां दिन है. सदन में कुल 91 सवाल लिस्टेड हैं. आज नौकरियों, अवैध खनन, आपराधिक मामले, राज्य चयन आयोग, नशा तस्करी मामले, आपदा से नुकसान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, कीटनाशक दवाइयां, मेडिकल डिवाइस, सड़क मरम्मत, आगजनी की घटनाएं, नशा तस्करी मामले, निशुल्क पानी, बिजली खंबे, पार्किंग स्थल, पासपोर्ट कार्यालय, राशन डिपो व स्मार्ट मीटर जैसे कई मुद्दे सदन में गूंजेंगे.
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हिमाचल विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित सदस्यों की पेंशन हो सकती है खत्म
हिमाचल विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित सदस्यों की पेंशन खत्म करने को लेकर सीएम सुक्खू ने सदन में विधेयक पेश कर रहे हैं. एक दिन के लिए भी यदि कोई विधायक बन जाता है तो पेंशन का हकदार हो जाता है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में पूर्व विधायकों के लिए पेंशन को लेकर संशोधन विधेयक विधानसभा में पेश किया जा रहा है. यदि ये बिल विधानसभा में पेश होकर पारित होता है तो पहली बार विधायक बने चैतन्य शर्मा व देवेंद्र कुमार भुट्टो को बड़ा नुकसान होगा.बता दें कि एक बार विधायक बनने के बाद 90 हजार रुपये से ज्यादा मासिक पेंशन तय हो जाती है. साल 2022 से शुरू हुए नए कार्यकाल की पेंशन 93 हजार रुपये के करीब बनती है. इसमें से 36 हजार बेसिक व 59 फीसदी महंगाई भत्ता जुड़ता है. ये कुल मिलाकर 93 हजार रुपये के करीब बनती है.
हिमाचल में बढ़ सकता है डीजल पर वैट
हिमाचल में डीजल के दाम बढ़ सकते हैं. सीएम सुक्खू ने डीजल पर वैट बढ़ाने के संकेत दिए हैं. हिमाचल इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है. अभी तक प्रदेश सरकार कर्मचारियों को अगस्त माह की सैलरी व पेंशनर्स को पेंशन नहीं दे पाई है. इसको लेकर विपक्ष सत्ता पक्ष पर लगातार हमला बोल रहा है. वहीं, कर्मियों में सैलरी ना आने को लेकर चिंता है.
सदन में पेश हो सकता है विधेयक
हिमाचल विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित सदस्यों की पेंशन खत्म करने को लेकर सीएम सुक्खू द्वारा सदन में विधेयक पेश किया जा सकता है. बता दें कि एक बार विधायक के बाद 90 हजार रुपये से ज्यादा मासिक पेंशन तय हो जाती है. साल 2022 से शुरू हुए नए कार्यकाल की पेंशन 93 हजार रुपये के करीब बनती है. इसमें से 36 हजार बेसिक व 59 फीसदी महंगाई भत्ता जुड़ता है. ये कुल मिलाकर 93 हजार रुपये के करीब बनती है.
लोकतंत्र में विपक्ष का रोल अहम, सदन में जब कोई सदस्य बोल रहा हो तो बीच में न बोलें, कई बार बातें चुभ जाती हैं- स्पीकर
सदन में गतिरोध बढ़ने पर विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि अभी जो विषय चल रहा है, उस पर कई सदस्यों ने बात कही है. उस विषय को समाप्ति की ओर ले जाना है. किसी को ये साबित नहीं करना कि वो ठीक है. जहां तक कल की बात है नियम 67 के तहत जो विषय था उस से पहले विपिन परमार ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर मांगा. फिर आपने नियम 274 के तहत सचिव को नोटिस दिया.
स्पीकर ने कहा कि मैं दस साल से सदन का सदस्य नहीं था, जब मैं सदन में था, तब ऐसा प्रश्नकाल में नहीं होता था. लोकतंत्र में विपक्ष का रोल सत्ता पक्ष से अधिक है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के सवाल प्राथमिकता पर लिस्ट हुए हैं. अभिव्यक्ति ही डेमोक्रेसी में अहम है. जब कोई भी सदस्य बोल रहा हो तो बीच में न बोलें. कई बार बातें चुभ जाती हैं. मैंने सदन में कोई गलत व्यवहार नहीं किया. मैं पांचवीं बार सदन में आया हूं. चुनाव लड़ते हैं तब परिस्थिति अलग होती है. स्पीकर ने कहा कि आपको वो शब्द अच्छे नहीं लगे जो हमने जनसभा में बोले, अगर आपको बुरा लगे तो उस पर मीडिया में बात कहूंगा. जिसके बाद सदन में गतिरोध थमा.
सदन में आमने-सामने पक्ष-विपक्ष, सत्ती ने सीएम व स्पीकर को दी बड़ा मन रखने की नसीहत
सदन में आज पक्ष और विपक्ष टकराव को सुलझाने में लगे हैं. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने विपक्ष से कहा कि इतना मत रूठो की रोज ही नाराज हों. जिसके जवाब में विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि जो गतिरोध हुआ है उस पर जयराम ठाकुर ने विस्तृत बात कही है. अगर सीएम और डिप्टी सीएम का बयान आ जाता तो सब सुलझ जाता. विधायक सत्ती ने कहा कि हम सब के सदन में अहम विषय लगे हैं. कमलेश ठाकुर को इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि जब कोई महिला सदन में आए तो लड़ना ठीक नहीं है. सीएम व स्पीकर को बड़ा मन रखना चाहिए, शब्दों को वापस लें तो सब ठीक हो जाएगा.
इसके बाद स्पीकर ने पहली बार सदन में आने पर कमलेश ठाकुर का स्वागत किया. जिसपर जयराम ठाकुर ने कहा, "भाभी जी आप थे नहीं यहां, सीएम सुक्खू ने सबका स्वागत किया आपका नहीं किया." जिसके बाद सदन में सभी सदस्य हंस पड़े.
इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि स्पीकर ने हमेशा विपक्ष को प्राथमिकता दी है. सदन हमेशा नियमों से चलता है. प्रश्नकाल अहम होता है. सरकार हर विषय पर चर्चा को तैयार है. प्रश्नकाल के बाद जो विपक्ष चाहे, सरकार उस पर चर्चा को तैयार है.
दुल्हन की तरह बार-बार न रूठे विपक्ष- जगत सिंह नेगी
सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा नियम 67 के तहत चर्चा की मांग पर संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि, "मैं जयराम ठाकुर की बात से सहमत नहीं हूं कि उनका एजेंडा सदन में नहीं लगा. नियम 67 के तहत तो जयराम ठाकुर बोलने को खड़े ही नहीं हुए."
जिस पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान सदन को गुमराह कर रहे हैं. प्रदेश की आर्थिक संकट पर हम गंभीर हैं. जिसके बाद बागवानी मंत्री जगत सिंह ने कहा कि जयराम ने आज चतुराई से नियम 67 का मुद्दा उठाया. दुल्हन की तरह बार-बार न रूठे विपक्ष.
सदन में गूंजा कर्मचारियों को सैलरी न मिलने का मुद्दा, जयराम ठाकुर ने नियम 67 के तहत की चर्चा की मांग
हिमाचल विधानसभा मानसून सेशन के 6वें दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है. सदन में प्रश्नकाल शुरू हो गया है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष से सरकार के जवाब सुनने की अपील की है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने खड़े होते हुए कहा कि सदन में स्थिति असामान्य है, इसके लिए विपक्ष को दोषी ठहराया जाना सही नहीं है. जयराम ठाकुर ने सदन में कर्मचारियों को सैलरी न मिलने का मुद्दा उठाया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. सरकार कर्मचारियों की सैलरी तक समय पर नहीं दे पा रही है. अगर विपक्ष इस पर नियम 67 के तहत चर्चा की मांग करता है, तो इसमें क्या गलत है. इसके अलावा जयराम ठाकुर ने स्पीकर के उन्हें जूनियर कहे जाने पर भी नाराजगी जताई.