शिमला: हिमाचल प्रदेश में तीन निर्दलीय विधायकों ने आज व्यक्तिगत तौर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को अपने इस्तीफे को लेकर लिखित जवाब सौंप दिया है. तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को विधानसभा सदस्यता से स्पीकर को इस्तीफा सौंपा था. जिस पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने इस्तीफे पर सवाल उठाते हुए स्पीकर से शिकायत की थी. स्पीकर ने तीनों निर्दलीय विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
इस पर तीनों निर्दलीय विधायकों को 9 अप्रैल की शाम तक जवाब देने के लिए कहा गया था. हालांकि, 9 अप्रैल तक तीनों निर्दलीय विधायकों ने जवाब नहीं दिया. ऐसे में उन्हें जवाब देने के लिए आज दोपहर तक का समय दिया गया था. जिसके बाद इन निर्दलीय विधायकों ने अपना जवाब स्पीकर को सौंप दिया है. वहीं तीनों निर्दलीय विधायकों ने स्पीकर की ओर से इस्तीफा मंजूर न किए जाने पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका पर अब 24 अप्रैल को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. उसी दिन विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया उच्च न्यायालय में अपना जवाब देंगे.
इस पूरे मामले पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा, "विधानसभा सचिवालय की ओर से तीनों निर्दलीय विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. तीनों निर्दलीय विधायकों के 22 मार्च को अपने पदों से इस्तीफा दिया था. इस पर 23 मार्च को कांग्रेस के 12 विधायकों की ओर से शिकायत पत्र प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि बतौर स्पीकर उनका यह दायित्व है कि वह विधायकों की शिकायत पर भी ध्यान दें. ऐसे में कांग्रेस विधायकों की ओर से मिले शिकायत पत्र की भी जांच कर रहे हैं.
इन विधायकों ने दिया इस्तीफा: हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद से सियासी उठापठक जारी है. इसी बीच तीन निर्दलीय विधायकों केएल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा ने 22 मार्च को विधानसभा पहुंच कर अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था. इसके अगले ही दिन 23 मार्च को तीनों निर्दलीय विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था. वहीं, सुक्खू सरकार के दो मंत्रियों रोहित ठाकुर और जगत सिंह नेगी ने इस्तीफे के पीछे दबाव की आशंका जताते हुए मामले की शिकायत स्वीकार से की थी.
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