शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सलापड़ से तत्तापानी सड़क के धीमे निर्माण कार्य पर नाराजगी जताई है. इस संदर्भ में लोक निर्माण विभाग की तरफ से सौंपी गई स्टेटस रिपोर्ट पर भी अदालत ने असंतोष प्रकट किया है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव एवं न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग की तरफ से पेश स्टेटस रिपोर्ट पर नाराजगी जताई. साथ ही विभाग को आदेश दिए कि वो 10 अप्रैल तक काम पूरा करने की टाइमलाइन बताएं.
सड़क निर्माण के लिए जिम्मेदार पर क्या कार्रवाई हुई: हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि सड़क निर्माण कार्य को समय पर पूरा न करने के क्या कारण हैं? साथ ही हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग से भी पूछा है कि अभी तक उन ठेकेदारों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है, जो सड़क निर्माण की धीमी गति के लिए जिम्मेदार हैं? अदालत ने एक और स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से यह जानकारी पेश करने के आदेश जारी किए.
डबल लेन के लिए सरकार से 219 करोड़ की राशि स्वीकृत: गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत के संज्ञान में लाया गया था कि अभी यह सड़क सिंगल लेन है और इसे डबल लेन करने के लिए केंद्र सरकार से 219 करोड़ की राशि स्वीकृत की है. अदालत को बताया गया था कि डबल लेन के लिए अतिरिक्त वन भूमि और निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाना बाकी है. वन विभाग की मंजूरी के लिए मामला सक्षम अधिकारी को भेज दिया गया है. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 10 अप्रैल को निर्धारित की है. कोर्ट को बताया गया था कि इस सड़क का निमार्ण कार्य जून 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा.
बरसात के कारण सड़क का तीन किलोमीटर हिस्सा बह चुका: इस मामले में अदालत में दाखिल की गई जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान खंडपीठ को बताया गया कि तत्तापानी से 27 किलोमीटर और सलापड़ से 31 किलोमीटर सिंगल लेन सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. 4 किलोमीटर सड़क को भारी बरसात के कारण पूरा नहीं किया जा सका है. मामले में नियुक्त किए गए कोर्ट मित्र ने बताया कि हाल ही में हुई बरसात के कारण इस सड़क का तीन किलोमीटर हिस्सा बह चुका है. लेकिन विभाग की ओर से इसे ठीक करने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. अब मामले की सुनवाई 10 अप्रैल को होगी.
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