शिमला: हिमाचल के जिला ऊना में एक पटवारी को सेवानिवृति के बाद फिर से नियुक्ति दी गई. यानी रिटायरमेंट के बाद पटवारी को राजस्व विभाग में री-इंगेज किया गया. फिर उसी पटवारी का तबादला कर दिया गया. तबादला आदेश को पटवारी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. हाईकोर्ट ने तबादला आदेश पर रोक लगा दी. साथ ही राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब भी मांगा है. पटवारी ने अपनी याचिका में कहा था कि री-इंगेजमेंट की शर्तों में ऐसा नहीं है कि तबादला किया जाए. हाईकोर्ट ने री-अंगेज किए गए पटवारी के नियुक्ति पत्र का अवलोकन किया. उसके बाद अदालत ने पाया कि नियुक्ति पत्र में ऐसी कोई शर्त नहीं है कि री-अंगेज किए गए कर्मचारी का तबादला किसी अन्य स्थान के लिए भी किया जा सकता है.
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने याचिकाकर्ता पटवारी ज्ञान सिंह की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद तबादला आदेश पर रोक लगा दी. याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार सरकार की तरफ से री-इंगेज होने के बाद प्रार्थी की तैनाती ऊना जिला की अंब तहसील के पटवार सर्कल पटेहड़ में की गई थी. हाल ही में 16 सितंबर को उसका तबादला जिला ऊना के ही पटवार सर्कल अम्बेहड़ा उप तहसील जोल के लिए कर दिया गया.
प्रार्थी के अनुसार उसका तबादला पटवारी एवं कानूनगो री-इंगेजमेंट पॉलिसी के तहत किसी अन्य स्थान के लिए नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने सरकार की अधिसूचना का अवलोकन करने पर पाया कि री-इंगेज कानूनगो और पटवारियों को अधिसूचना में दर्ज किए गए खाली पदों पर ही लगाए जाने की बात कही गई है. अदालत ने इस कानूनी स्थिति को देखते हुए प्रतिवादी राजस्व विभाग को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए कि प्रार्थी और निजी प्रतिवादी अपने अपने नियुक्ति वाले स्थानों पर कार्य करते रहें.
हाईकोर्ट ने ये भी साफ किया कि इन आदेशों को तब भी लागू किया जाए, चाहे प्रार्थी अथवा प्रतिवादी को रिलीव ही क्यों न कर दिया गया हो. यही नहीं, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में नोटिस जारी कर 4 हफ्ते के भीतर याचिका का जवाब भी दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं.
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