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IGMC अस्पताल के पास नहीं एक भी बस, हाईकोर्ट का आदेश, राज्य सरकार उपलब्ध करवाए कम से कम 3 बसें - HIMACHAL HIGH COURT

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आईजीएमसी शिमला को कम से कम 3 बसें उपलब्ध करवाने के आदेश दिए.

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिए हैं कि वह आईजीएमसी को कम से कम तीन बसें प्रदान करें. यह बसें चाहे किराया खरीद समझौते पर हो, सीधे खरीद पर हो या पट्टे के आधार पर हो. कोर्ट ने आदेश दिए कि किसी भी परिस्थिति में आईजीएमसी को वाहनों के बिना नहीं छोड़ा जा सकता है. कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यह राज्य का प्रीमियम अस्पताल है. 18 वाहनों के बेड़े के मुकाबले संस्थान के पास केवल दो वाहन हैं और एक भी बस नहीं है.

कोर्ट को बताया गया कि आईजीएमसी के पास 18 वाहनों के बेड़े में केवल तीन बसों का प्रावधान है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा यदि आईजीएमसी के पास तीन बसें थीं, तो इसका एक उद्देश्य था और इस तथ्य को देखते हुए कि अब आईजीएमसी के पास कोई बस उपलब्ध नहीं है, हम राज्य सरकार को यह निर्देश देना उचित समझते हैं कि आईजीएमसी को कम से कम तीन बसें प्रदान की जाएं, चाहे वह किराया खरीद समझौते पर हो, सीधे खरीद पर हो या पट्टे के आधार पर हो, लेकिन किसी भी परिस्थिति में आईजीएमसी को वाहनों के बिना नहीं छोड़ा जा सकता है.

चमियाणा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पहुंचने के लिए बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जुड़ी याचिका में हस्तक्षेपकर्ता के वकील ने कहा कि मौके पर जाकर उन्होंने दो भूखंड देखे हैं, जिन्हें पार्किंग स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है और जो एआईएमएसएस, चमियाना के नजदीक हैं. सरकार के अधिकारियों को उन स्थलों की जांच करनी चाहिए. कोर्ट को यह भी बताया गया है कि कुछ धर्मार्थ संस्थाएं हैं, जो अस्पताल के नजदीक गेस्ट हाउस और सराय बनाने के लिए तैयार हैं. कोर्ट ने सरकार को ऐसे स्थलों की पहचान करने को कहा जिन्हें इन संस्थाओं को उपलब्ध कराया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: शिमला के टिक्कर सीएचसी में डॉक्टर्स, नर्स और अन्य स्टाफ की कमी, हाईकोर्ट ने दो हफ्ते में खाली पद भरने के दिए आदेश

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिए हैं कि वह आईजीएमसी को कम से कम तीन बसें प्रदान करें. यह बसें चाहे किराया खरीद समझौते पर हो, सीधे खरीद पर हो या पट्टे के आधार पर हो. कोर्ट ने आदेश दिए कि किसी भी परिस्थिति में आईजीएमसी को वाहनों के बिना नहीं छोड़ा जा सकता है. कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यह राज्य का प्रीमियम अस्पताल है. 18 वाहनों के बेड़े के मुकाबले संस्थान के पास केवल दो वाहन हैं और एक भी बस नहीं है.

कोर्ट को बताया गया कि आईजीएमसी के पास 18 वाहनों के बेड़े में केवल तीन बसों का प्रावधान है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा यदि आईजीएमसी के पास तीन बसें थीं, तो इसका एक उद्देश्य था और इस तथ्य को देखते हुए कि अब आईजीएमसी के पास कोई बस उपलब्ध नहीं है, हम राज्य सरकार को यह निर्देश देना उचित समझते हैं कि आईजीएमसी को कम से कम तीन बसें प्रदान की जाएं, चाहे वह किराया खरीद समझौते पर हो, सीधे खरीद पर हो या पट्टे के आधार पर हो, लेकिन किसी भी परिस्थिति में आईजीएमसी को वाहनों के बिना नहीं छोड़ा जा सकता है.

चमियाणा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पहुंचने के लिए बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जुड़ी याचिका में हस्तक्षेपकर्ता के वकील ने कहा कि मौके पर जाकर उन्होंने दो भूखंड देखे हैं, जिन्हें पार्किंग स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है और जो एआईएमएसएस, चमियाना के नजदीक हैं. सरकार के अधिकारियों को उन स्थलों की जांच करनी चाहिए. कोर्ट को यह भी बताया गया है कि कुछ धर्मार्थ संस्थाएं हैं, जो अस्पताल के नजदीक गेस्ट हाउस और सराय बनाने के लिए तैयार हैं. कोर्ट ने सरकार को ऐसे स्थलों की पहचान करने को कहा जिन्हें इन संस्थाओं को उपलब्ध कराया जा सकता है.

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