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सौ करोड़ के अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी में OPD संचालन का मामला, हाईकोर्ट ने तलब किया शपथ पत्र - HP HIGH COURT ON AIMSS SHIMLA

हिमाचल हाईकोर्ट ने चमियाणा हॉस्पिटल में ओपीडी संचालन को लेकर की गई तैयारियों की जानकारी शपथ पत्र के जरिए तलब की है.

Atal Institute of Medical Super Specialities Chamiana
अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल चमियाणा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 6, 2024, 12:13 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के पास चमियाणा में सौ करोड़ रुपए की लागत से तैयार अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ओपीडी संचालन के मामले में हाईकोर्ट की सख्ती जारी है. हाईकोर्ट ने यहां ओपीडी के संचालन को लेकर की गई तैयारियों की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से तलब की है. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के बाद चमियाणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के एमएस यानी चिकित्सा अधीक्षक को यह शपथ पत्र दायर करने के आदेश जारी किए हैं.

9 दिसंबर को अगली सुनवाई

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने चमियाणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कुछ विभागों की ओपीडी चलाने की इजाजत दिए जाने की मांग की है. राज्य सरकार ने कहा है कि आईजीएमसी अस्पताल में पर्याप्त स्थान न होने के कारण कुछ विभागों की ओपीडी के संचालन में परेशानी आ रही है. कोर्ट को बताया गया कि अधिकांश असुविधाओं पर संज्ञान लेने के बाद कमियों को दूर कर दिया गया है. इस पर हाईकोर्ट ने मामले पर आगामी सुनवाई 9 दिसंबर को निर्धारित की है.

ओपीडी संचालन पर कब तक रहेगी रोक?

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चमियाणा हॉस्पिटल में विभिन्न विभागों की ओपीडी के संचालन पर रोक लगा दी थी. यह रोक लगाते हुए कोर्ट ने कहा था कि जब तक चमियाणा हॉस्पिटल तक सड़क की मैटलिंग कर उसे सुचारू नहीं कर लिया जाता, तब तक ओपीडी संचालन पर रोक रहेगी. साथ ही कहा था कि जब तक सड़क को सुरक्षित व गाड़ी चलाने योग्य नहीं बना लिया जाता, तब तक आईजीएमसी अस्पताल शिमला में ही यह सारी ओपीडी लगेगी. यही नहीं, राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव और लोक निर्माण विभाग की तरफ से दाखिल की गई स्टेट्स रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि चमियाणा अस्पताल में न तो कोई कैंटीन है और न ही वहां तक मरीजों व स्वास्थ्य कर्मियों को शिमला शहर से पहुंचाने के लिए बेहतर व सुरक्षित सड़क. हाईकोर्ट को बताया गया कि आईजीएमसी अस्पताल के प्रधानाचार्य ने एचआरटीसी से बसें उपलब्ध करवाने को कहा था और एचआरटीसी ने 3 छोटी बसों चलाने की हामी भरी है.

ट्रॉमा सेंटर IGMC में स्टाफ भर्ती के आदेश

वहीं, एक अन्य मामले में आईजीएमसी अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों सहित अन्य स्टाफ की कमी के मामले में हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को खाली पोस्टों को भरने का रोड मैप अदालत के समक्ष रखने के आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि 31 जनवरी तक ट्रॉमा सेंटर आईजीएमसी में पर्याप्त स्टाफ की भर्ती हो जानी चाहिए. इस मामले की सुनवाई 2 जनवरी 2025 को निर्धारित की गई है.

ये भी पढ़ें: सौ करोड़ के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का जनता को मिले पूरा लाभ, हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को दिए ये निर्देश

ये भी पढ़ें: AIMSS चमियाणा तक सुधरेगी सड़क की हालत, हटाना होगा अतिक्रमण

शिमला: राजधानी शिमला के पास चमियाणा में सौ करोड़ रुपए की लागत से तैयार अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ओपीडी संचालन के मामले में हाईकोर्ट की सख्ती जारी है. हाईकोर्ट ने यहां ओपीडी के संचालन को लेकर की गई तैयारियों की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से तलब की है. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के बाद चमियाणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के एमएस यानी चिकित्सा अधीक्षक को यह शपथ पत्र दायर करने के आदेश जारी किए हैं.

9 दिसंबर को अगली सुनवाई

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने चमियाणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कुछ विभागों की ओपीडी चलाने की इजाजत दिए जाने की मांग की है. राज्य सरकार ने कहा है कि आईजीएमसी अस्पताल में पर्याप्त स्थान न होने के कारण कुछ विभागों की ओपीडी के संचालन में परेशानी आ रही है. कोर्ट को बताया गया कि अधिकांश असुविधाओं पर संज्ञान लेने के बाद कमियों को दूर कर दिया गया है. इस पर हाईकोर्ट ने मामले पर आगामी सुनवाई 9 दिसंबर को निर्धारित की है.

ओपीडी संचालन पर कब तक रहेगी रोक?

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चमियाणा हॉस्पिटल में विभिन्न विभागों की ओपीडी के संचालन पर रोक लगा दी थी. यह रोक लगाते हुए कोर्ट ने कहा था कि जब तक चमियाणा हॉस्पिटल तक सड़क की मैटलिंग कर उसे सुचारू नहीं कर लिया जाता, तब तक ओपीडी संचालन पर रोक रहेगी. साथ ही कहा था कि जब तक सड़क को सुरक्षित व गाड़ी चलाने योग्य नहीं बना लिया जाता, तब तक आईजीएमसी अस्पताल शिमला में ही यह सारी ओपीडी लगेगी. यही नहीं, राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव और लोक निर्माण विभाग की तरफ से दाखिल की गई स्टेट्स रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि चमियाणा अस्पताल में न तो कोई कैंटीन है और न ही वहां तक मरीजों व स्वास्थ्य कर्मियों को शिमला शहर से पहुंचाने के लिए बेहतर व सुरक्षित सड़क. हाईकोर्ट को बताया गया कि आईजीएमसी अस्पताल के प्रधानाचार्य ने एचआरटीसी से बसें उपलब्ध करवाने को कहा था और एचआरटीसी ने 3 छोटी बसों चलाने की हामी भरी है.

ट्रॉमा सेंटर IGMC में स्टाफ भर्ती के आदेश

वहीं, एक अन्य मामले में आईजीएमसी अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों सहित अन्य स्टाफ की कमी के मामले में हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को खाली पोस्टों को भरने का रोड मैप अदालत के समक्ष रखने के आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि 31 जनवरी तक ट्रॉमा सेंटर आईजीएमसी में पर्याप्त स्टाफ की भर्ती हो जानी चाहिए. इस मामले की सुनवाई 2 जनवरी 2025 को निर्धारित की गई है.

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