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शिमला के टाउन हॉल में हाई एंड कैफे खोलने का रास्ता साफ, हाईकोर्ट में याची ने वापस ली अपनी रिट - HIMACHAL HIGH COURT

शिमला के टाउन हॉल में हाई एंड कैफे खोलने के विरोध में दी गई याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.

हिमाचल हाईकोर्ट
हिमाचल हाईकोर्ट (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 9 hours ago

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला के टाउन हॉल में हाई एंड कैफे खोलने के विरोध में दायर याचिका को खारिज कर दिया है. मामले पर अंतिम सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका को वापिस भी ले लिया. इस याचिका के खारिज होने के बाद अब फिर से टाउन हॉल परिसर में हाई एंड कैफे खोलने का रास्ता साफ हो गया है.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राकेश कैंथला की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर अंतिम सुनवाई चल रही थी. अगस्त 2023 में दायर इस याचिका में हाईकोर्ट ने 10 जनवरी 2024 को टाउन हॉल शिमला में फूड कोर्ट के संचालन पर रोक लगा दी थी. अदालत ने फूड कोर्ट संचालक देवयानी इंटरनेशनल कंपनी को आदेश दिए थे कि वह अगली सुनवाई तक टाउन हॉल में फूड कोर्ट का संचालन न करे.

इस मामले में कोर्ट ने कहा था कि टाउन हॉल शिमला शहर का बहुत प्रतिष्ठित ऐतिहासिक स्थल रहा है. कोर्ट ने कहा था कि विरासत स्थल हमेशा अनमोल होते हैं. प्राचीन युग की साक्षी रही हेरिटेज बिल्डिंग एक खजाना है, इसलिए इसे सार्वजनिक ट्रस्ट में माना जा सकता है.

हाईकोर्ट ने अधिवक्ता अभिमन्यु राठौर द्वारा दायर जनहित याचिका में अंतरिम राहत से जुड़े आवेदन का निपटारा करते हुए उपरोक्त आदेश पारित किए थे. याचिका में आरोप लगाया गया था कि नगर निगम शिमला ने प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958, टीसीपी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए इस विरासत संपत्ति को हाई-एंड कैफे में बदलने की अनुमति दी थी. इसमें फूड कोर्ट चलाने से बिल्डिंग को भारी नुकसान पहुंचेगा.

कोर्ट ने कभी भी इस बिल्डिंग में फूड कोर्ट जैसी गतिविधियां चलाने की अनुमति नहीं दी थी. निविदाएं भी हाई एंड कैफे चलाने के लिए मांगी गई थी न कि फूड कोर्ट के लिए. फिलहाल अब अदालत के फैसले के बाद यहां कैफे खोलने का रास्ता साफ हो गया है.

ये भी पढ़ें: एमएलए दून के 2 स्टोन क्रशर सहित राज्य सरकार व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस, हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला के टाउन हॉल में हाई एंड कैफे खोलने के विरोध में दायर याचिका को खारिज कर दिया है. मामले पर अंतिम सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका को वापिस भी ले लिया. इस याचिका के खारिज होने के बाद अब फिर से टाउन हॉल परिसर में हाई एंड कैफे खोलने का रास्ता साफ हो गया है.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राकेश कैंथला की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर अंतिम सुनवाई चल रही थी. अगस्त 2023 में दायर इस याचिका में हाईकोर्ट ने 10 जनवरी 2024 को टाउन हॉल शिमला में फूड कोर्ट के संचालन पर रोक लगा दी थी. अदालत ने फूड कोर्ट संचालक देवयानी इंटरनेशनल कंपनी को आदेश दिए थे कि वह अगली सुनवाई तक टाउन हॉल में फूड कोर्ट का संचालन न करे.

इस मामले में कोर्ट ने कहा था कि टाउन हॉल शिमला शहर का बहुत प्रतिष्ठित ऐतिहासिक स्थल रहा है. कोर्ट ने कहा था कि विरासत स्थल हमेशा अनमोल होते हैं. प्राचीन युग की साक्षी रही हेरिटेज बिल्डिंग एक खजाना है, इसलिए इसे सार्वजनिक ट्रस्ट में माना जा सकता है.

हाईकोर्ट ने अधिवक्ता अभिमन्यु राठौर द्वारा दायर जनहित याचिका में अंतरिम राहत से जुड़े आवेदन का निपटारा करते हुए उपरोक्त आदेश पारित किए थे. याचिका में आरोप लगाया गया था कि नगर निगम शिमला ने प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958, टीसीपी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए इस विरासत संपत्ति को हाई-एंड कैफे में बदलने की अनुमति दी थी. इसमें फूड कोर्ट चलाने से बिल्डिंग को भारी नुकसान पहुंचेगा.

कोर्ट ने कभी भी इस बिल्डिंग में फूड कोर्ट जैसी गतिविधियां चलाने की अनुमति नहीं दी थी. निविदाएं भी हाई एंड कैफे चलाने के लिए मांगी गई थी न कि फूड कोर्ट के लिए. फिलहाल अब अदालत के फैसले के बाद यहां कैफे खोलने का रास्ता साफ हो गया है.

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