शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कोलडैम जलाशय बिलासपुर में रत्न एडवेंचर को वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के संचालन पर फिलहाल रोक लगा दी है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने देवी रूप द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद ये आदेश पारित किए.
अदालत ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर प्रथम दृष्टया पाया कि निजी तौर पर बनाये प्रतिवादी रत्न एडवेंचर के मोटर बोट चालक के पास नेशनल वाटर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूशन से पावर बोट को नियंत्रित करने संबंधी जरूरी प्रमाणपत्र नहीं है. इसलिए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगले आदेश तक संबंधित प्रतिवादी को जल क्रीड़ा और संबद्ध गतिविधियां आयोजित करने से रोका जाता है.
प्रार्थी देवी रूप के अनुसार हाईकोर्ट ने पहले ही राज्य में एयरो स्पोर्ट्स और वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को संचालित करते समय सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिवादी विभाग सहित अन्य को निर्देश जारी किए हैं. प्रतिवादी विभाग ने एचपी जल क्रीडा एवं संबद्ध गतिविधियां नियम-2021 के अनिवार्य प्रावधानों की अनुपालना सुनिश्चित किए बिना रत्न एडवेंचर को प्रमाण पत्र जारी किया है.
इस मामले में हाई कोर्ट ने पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के प्रधान सचिव, निदेशक, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग मंडी एवं बिलासपुर के उप-निदेशक, डीसी मंडी, एसडीएम करसोग आदि को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट में अब इस मामले को अगली सुनवाई के लिए 25 अक्टूबर को लिस्ट किया गया है.
उल्लेखनीय है कि कोल डैम में पर्यटन के बेहतर स्कोप के कारण यहां वाटर स्पोर्ट्स व मत्स्य आखेट जैसी गतिविधियां समय-समय पर होती रहती हैं. यहां वाटर स्पोर्ट्स के लिए सैलानियों में उत्साह रहता है. इस बीच, सुरक्षा के मापदंडों को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं. रत्न एडवेंचर के पास बोट संचालन के लिए जरूरी सर्टिफिकेट न होने के कारण हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसकी सुनवाई के बाद अदालत ने यहां रत्न एडवेंचर पर जल क्रीडा की गतिविधियां करवाने पर रोक लगा दी है.
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