ETV Bharat / state

पूर्व ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवाह के खिलाफ करप्शन व आय से अधिक संपत्ति जोड़ने के आरोप में मुख्य सचिव सहित अन्य को नोटिस, HC ने मांगा जवाब - Himachal HIgh Court

Himachal HC issued notice to Chief Secretary: हिमाचल हाईकोर्ट ने पूर्व ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवाह के खिलाफ करप्शन व आय से अधिक संपत्ति जोड़ने के आरोप में मुख्य सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. पढ़िए पूरी खबर...

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 14, 2024, 9:26 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह के खिलाफ भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति से जुड़े आरोप को लेकर राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव व स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मारवाह के खिलाफ उपरोक्त आरोपों की जांच की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम एस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने उक्त प्रतिवादियों को 29 अगस्त तक जवाब दायर करने के आदेश जारी किए.

वेदांत फाऊंडेशन के अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा की तरफ से जनहित में दायर याचिका में पूर्व ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवाह के खिलाफ आरोप लगाए हैं कि उन्होंने लगभग 10 साल के कार्यकाल में अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन नहीं किया. याचिका में बताया गया है कि लगभग 10 साल के कार्यकाल में नवनीत मारवाह ने पूरे प्रदेश को अपने लालच से निम्न स्तर पर लाकर रख दिया है. इस कारण प्रदेश से दवा कारोबारियों ने या तो पलायन कर लिया या अपने कारोबार बंद कर दिए.

PMO के निर्देश पर भी नहीं हुई जांच: याचिका में प्रार्थी का कहना है कि पूर्व ड्रग कंट्रोलर इतना रसूखदार है कि पीएमओ द्वारा निर्देश के बावजूद इसके खिलाफ आज तक न तो विभाग ने और न ही किसी एजेंसी ने कोई कार्रवाई की. आरोप लगाया गया है कि उसने अपनी बेटी की शादी का समारोह 3 जगह रखा, जिसमें करोड़ों रुपये खर्च किए गए. इसके लिए उसने करोड़ों रुपये का शगुन शादी के दौरान लिया. फार्मा इंडस्ट्री पर दबाव बनाया गया और उन्हें 3 तरह के शगुन देने के बारे में बोला गया, जिसमें 51000 से 125000 रुपये तक देने को कहा गया. शिकायत के बावजूद ऊंची पहुंच होने के कारण कोई भी जांच नहीं हुई.

आरोप है कि पूर्व ड्रग कंट्रोलर ने अपने पद पर रहते हुए अपने बेटे को सेक्टर 10 चंडीगढ़ में एक आर्ट स्टूडियों खोला, जहां 1500 से 2000 तक कि पेंटिंग्स को 25000, 50000, 84000 और 62000 में फार्मा इंडस्ट्रीस वालों पर दबाव करके काम के बदले बेचा गया और ब्लैक मनी को लीगल बनाया गया. इसकी शिकायत दर्ज करने के बावजूद किसी भी एजेंसी ने इस बारे कोई जांच नहीं की. याचिका में कहा गया है कि एक अकेले कमाने वाले कर्मचारी के पास इतना पैसा कहां से आया इसकी कोई जांच नहीं हुई.

आरोप है कि मारवाह कई सालो से चंडीगढ़ के सेक्टर 35 के हाऊस नंबर 450 में रह रहा है, जिसका किराया 50000 रुपये प्रति माह है और शिकायत के बावजूद किसी एजेंसी ने जांच नहीं की. प्रार्थी ने हाईकोर्ट से उपरोक्त आरोपों की जांच एसआईटी, ईडी, सीबीआई अथवा सीआईए से करवाने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: अब मनाली के विधायक को आया फोन, सीएम सुक्खू को जान से मारने की धमकी

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह के खिलाफ भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति से जुड़े आरोप को लेकर राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव व स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मारवाह के खिलाफ उपरोक्त आरोपों की जांच की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम एस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने उक्त प्रतिवादियों को 29 अगस्त तक जवाब दायर करने के आदेश जारी किए.

वेदांत फाऊंडेशन के अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा की तरफ से जनहित में दायर याचिका में पूर्व ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवाह के खिलाफ आरोप लगाए हैं कि उन्होंने लगभग 10 साल के कार्यकाल में अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन नहीं किया. याचिका में बताया गया है कि लगभग 10 साल के कार्यकाल में नवनीत मारवाह ने पूरे प्रदेश को अपने लालच से निम्न स्तर पर लाकर रख दिया है. इस कारण प्रदेश से दवा कारोबारियों ने या तो पलायन कर लिया या अपने कारोबार बंद कर दिए.

PMO के निर्देश पर भी नहीं हुई जांच: याचिका में प्रार्थी का कहना है कि पूर्व ड्रग कंट्रोलर इतना रसूखदार है कि पीएमओ द्वारा निर्देश के बावजूद इसके खिलाफ आज तक न तो विभाग ने और न ही किसी एजेंसी ने कोई कार्रवाई की. आरोप लगाया गया है कि उसने अपनी बेटी की शादी का समारोह 3 जगह रखा, जिसमें करोड़ों रुपये खर्च किए गए. इसके लिए उसने करोड़ों रुपये का शगुन शादी के दौरान लिया. फार्मा इंडस्ट्री पर दबाव बनाया गया और उन्हें 3 तरह के शगुन देने के बारे में बोला गया, जिसमें 51000 से 125000 रुपये तक देने को कहा गया. शिकायत के बावजूद ऊंची पहुंच होने के कारण कोई भी जांच नहीं हुई.

आरोप है कि पूर्व ड्रग कंट्रोलर ने अपने पद पर रहते हुए अपने बेटे को सेक्टर 10 चंडीगढ़ में एक आर्ट स्टूडियों खोला, जहां 1500 से 2000 तक कि पेंटिंग्स को 25000, 50000, 84000 और 62000 में फार्मा इंडस्ट्रीस वालों पर दबाव करके काम के बदले बेचा गया और ब्लैक मनी को लीगल बनाया गया. इसकी शिकायत दर्ज करने के बावजूद किसी भी एजेंसी ने इस बारे कोई जांच नहीं की. याचिका में कहा गया है कि एक अकेले कमाने वाले कर्मचारी के पास इतना पैसा कहां से आया इसकी कोई जांच नहीं हुई.

आरोप है कि मारवाह कई सालो से चंडीगढ़ के सेक्टर 35 के हाऊस नंबर 450 में रह रहा है, जिसका किराया 50000 रुपये प्रति माह है और शिकायत के बावजूद किसी एजेंसी ने जांच नहीं की. प्रार्थी ने हाईकोर्ट से उपरोक्त आरोपों की जांच एसआईटी, ईडी, सीबीआई अथवा सीआईए से करवाने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: अब मनाली के विधायक को आया फोन, सीएम सुक्खू को जान से मारने की धमकी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.