शिमला: हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों को आज यानी सोमवार 2 दिसंबर को वेतन मिल गया है. वहीं, पौने दो लाख पेंशनर्स को अपनी पेंशन के भुगतान का इंतजार बरकरार है. कर्मचारियों के वेतन का खर्च 1200 करोड़ रुपये है. पेंशन के भुगतान को 800 करोड़ की रकम चाहिए. संभावना है कि इस बार भी पेंशन 9 तारीख तक खातों में क्रेडिट होगी. इस बार पहली तारीख को रविवार होने के कारण सोमवार को 2 दिसंबर को वेतन जारी किया गया है.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल सरकार को हर महीने वेतन व पेंशन के भुगतान के लिए 2000 करोड़ रुपए की जरूरत होती है. खजाने की स्थिति देखें तो रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट के तौर पर 520 करोड़ रुपए के करीब रकम राज्य के खजाने में आती है. ये ग्रांट केंद्रीय वित्त मंत्रालय से हर महीने जारी होती है. इसके अलावा राज्य सरकार के खुद के टैक्स व नॉन टैक्स रेवेन्यू के तौर पर 1200 करोड़ रुपए के करीब रकम इकट्ठा होती है. केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के 740 करोड़ रुपए आते हैं. रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट पांच तारीख को तो केंद्रीय करों में हिस्सेदारी 10 तारीख तक प्राप्त होती है. ऐसे में पहली तारीख को ही 2000 करोड़ रुपए जुटाना आसान नहीं है.
महीने के कुल राजस्व की बात करें तो 520 करोड़ प्लस, 740 करोड़, प्लस 1200 करोड़ रुपए को मिलाकर 2460 करोड़ रुपए बनते हैं. लेकिन दिक्कत ये है कि सारी रकम एकसाथ नहीं जुटती. यही कारण है कि पहले वेतन जारी किया गया है. पेंशन बाद में दी जाएगी. इस से पहले सितंबर महीने में पेंशनर्स को नौ तारीख को भुगतान किया गया था. अक्टूबर महीने में अलबत्ता दिवाली से पहले 28 अक्टूबर को ही भुगतान कर दिया गया था. पहले सितंबर महीने का अक्टूबर में जारी होने वाला वेतन पहली अक्टूबर को दे दिया गया था. पेंशनर्स को 9 अक्टूबर तक का इंतजार करना पड़ा था. फिर 28 अक्टूबर को वेतन व पेंशन के साथ डीए भी दिया गया.
सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इसे उपलब्धि के तौर पर प्रचारित किया था कि पहली बार किसी सरकार ने एक महीने में दो वेतन दिए. उसके बाद अब नवंबर माह का दिसंबर में देय वेतन भी दो दिसंबर को दिया गया है. बहरहाल अब पेंशन का इंतजार है.
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