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कुलपति की नियुक्ति न होने पर राज्यपाल का बयान, "राजभवन का नहीं कोई दोष, नियमों के विरुद्ध नहीं करूंगा काम" - Governor on VC Appoinment - GOVERNOR ON VC APPOINMENT

Himachal Governor on non-appointment of Vice Chancellor: राजभवन शिमला में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कृषि मंत्री द्वारा राजभवन पर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कृषि विवि पालमपुर और शिमला विश्विद्यालय के कुलपति की नियुक्ति नहीं होने में राजभवन का कोई दोष नहीं है. मैं नियमों के विरुद्ध जाकर कोई भी काम नहीं करूंगा. पढ़िए पूरी खबर...

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 27, 2024, 10:34 PM IST

Updated : Jun 27, 2024, 10:46 PM IST

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल में चौधरी श्रवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और शिमला विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति न होने को लेकर कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने राजभवन पर टिप्पणी की थी, जिसको लेकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "इसमें राजभवन का कोई दोष नहीं है. जो सरकार चाहे वैसा ही हो, ऐसा किसी प्रदेश में नहीं होता है. नियमों के विरुद्ध मैं कोई काम नहीं करूंगा. मैं जब तक हूं राज्यपाल पद की गरिमा को बनाए रखूंगा".

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर नियमित कुलपति की नियुक्ति होनी चाहिए. इसमें राजभवन की तरफ से कोई देरी नहीं की जा रही है. कृषि विवि में कुलपति नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, जिसके लिए राजभवन ने स्टे हटाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

सरकार की सहमति से नहीं होगी नियुक्ति: राज्यपाल शिव प्रसाद शुक्ल ने कहा कि सरकार ने एक प्रस्ताव भेजा हैं, जिसमें चाहा गया है कि कृषि विश्वविद्यालय में सरकार की सहमति के आधार पर ही राज्यपाल द्वारा कुलपति की नियुक्ति की जाए. सरकार ने जो नाम भेजे हैं, राज्यपाल इसका अनुमोदन करे. ऐसा नहीं हो सकता है. पुराने नियमों के तहत ही कुलपति को चुनने के लिए कमेटी गठित की गई है. इस बीच अगर कोर्ट का स्टे हटता है तो, जल्द ही कुलपति की नियुक्ति की जाएगी.

राजभवन पर दोषारोपण सही नहीं: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि चौधरी श्रवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में नियमित कुलपति की नियुक्ति पर मंत्री चंद्र कुमार की मंशा सही है, जिसमें राजभवन की तरफ से कोई देरी नहीं की गई है. इस मामले को लेकर कृषि मंत्री चंद्र कुमार और मंत्री अनिरुद्ध सिंह राजभवन आए थे. जिस पर दोनों मंत्रियों को अवगत कराया गया था कि पत्रावली सरकार के पास है. लेकिन इसके बाद भी कृषि मंत्री एक ही बात को बार-बार कह कर राजभवन पर दोष लगा रहे हैं. जिस कारण उन्हें आज अपनी स्थिति स्पष्ट करने की आवश्यकता पड़ी है.

राजभवन की आपत्तियों का सरकार ने नहीं दिया जवाब: राज्यपाल ने कहा कि कई राज्यों में ऐसा नहीं होता है कि जो सरकार चाहे वैसा ही हो, ऐसे में पत्रावली को राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. राजभवन की ओर से इस प्रस्ताव पर कुछ आपत्तियां लगाकर फाइल सरकार को भेजी गई है. सरकार की ओर से अभी तक जवाब नहीं आया है. मंत्री चंद्र कुमार प्रेस में बार-बार कह रहे हैं कि कृषि विवि के कुलपति की नियुक्ति राजभवन की देरी के चलते नहीं हो रही है.

कमेटी ने कुलपति के लिए नाम तय नहीं किया: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि मैं विश्विद्यालयों का कुलाधिपति भी हूं. जितनी चिंता मंत्री चंद्र कुमार को है, उससे अधिक चिंता मुझे भी है. राजनीतिक स्थिति में विधेयक को स्वीकार करने या अस्वीकार करने की मैं कोई भी मंशा नहीं रखता हूं. विश्वविद्यालय के हित में स्वीकार या अस्वीकार की बात करते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को बिल भेजने की स्थिति पहली बार आई है. शिमला विश्वविद्यालय में भी कुलपति की नियुक्ति एक साल से अधिक समय से नहीं हुई है. इसके लिए सरकार के प्रतिनिधि मुख्य सचिव को कुलपति चुनने के लिए गठित की गई कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. लेकिन कमेटी अभी तक नाम तय नहीं कर पाई हैं. इस बारे में मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा गया है.

ये भी पढ़ें: 57 बरस में सिर्फ 3 बार 'हाथ' आया हमीरपुर सदर, अबकी बार खुद मुख्यमंत्री की दांव पर है साख

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल में चौधरी श्रवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और शिमला विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति न होने को लेकर कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने राजभवन पर टिप्पणी की थी, जिसको लेकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "इसमें राजभवन का कोई दोष नहीं है. जो सरकार चाहे वैसा ही हो, ऐसा किसी प्रदेश में नहीं होता है. नियमों के विरुद्ध मैं कोई काम नहीं करूंगा. मैं जब तक हूं राज्यपाल पद की गरिमा को बनाए रखूंगा".

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर नियमित कुलपति की नियुक्ति होनी चाहिए. इसमें राजभवन की तरफ से कोई देरी नहीं की जा रही है. कृषि विवि में कुलपति नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, जिसके लिए राजभवन ने स्टे हटाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

सरकार की सहमति से नहीं होगी नियुक्ति: राज्यपाल शिव प्रसाद शुक्ल ने कहा कि सरकार ने एक प्रस्ताव भेजा हैं, जिसमें चाहा गया है कि कृषि विश्वविद्यालय में सरकार की सहमति के आधार पर ही राज्यपाल द्वारा कुलपति की नियुक्ति की जाए. सरकार ने जो नाम भेजे हैं, राज्यपाल इसका अनुमोदन करे. ऐसा नहीं हो सकता है. पुराने नियमों के तहत ही कुलपति को चुनने के लिए कमेटी गठित की गई है. इस बीच अगर कोर्ट का स्टे हटता है तो, जल्द ही कुलपति की नियुक्ति की जाएगी.

राजभवन पर दोषारोपण सही नहीं: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि चौधरी श्रवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में नियमित कुलपति की नियुक्ति पर मंत्री चंद्र कुमार की मंशा सही है, जिसमें राजभवन की तरफ से कोई देरी नहीं की गई है. इस मामले को लेकर कृषि मंत्री चंद्र कुमार और मंत्री अनिरुद्ध सिंह राजभवन आए थे. जिस पर दोनों मंत्रियों को अवगत कराया गया था कि पत्रावली सरकार के पास है. लेकिन इसके बाद भी कृषि मंत्री एक ही बात को बार-बार कह कर राजभवन पर दोष लगा रहे हैं. जिस कारण उन्हें आज अपनी स्थिति स्पष्ट करने की आवश्यकता पड़ी है.

राजभवन की आपत्तियों का सरकार ने नहीं दिया जवाब: राज्यपाल ने कहा कि कई राज्यों में ऐसा नहीं होता है कि जो सरकार चाहे वैसा ही हो, ऐसे में पत्रावली को राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. राजभवन की ओर से इस प्रस्ताव पर कुछ आपत्तियां लगाकर फाइल सरकार को भेजी गई है. सरकार की ओर से अभी तक जवाब नहीं आया है. मंत्री चंद्र कुमार प्रेस में बार-बार कह रहे हैं कि कृषि विवि के कुलपति की नियुक्ति राजभवन की देरी के चलते नहीं हो रही है.

कमेटी ने कुलपति के लिए नाम तय नहीं किया: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि मैं विश्विद्यालयों का कुलाधिपति भी हूं. जितनी चिंता मंत्री चंद्र कुमार को है, उससे अधिक चिंता मुझे भी है. राजनीतिक स्थिति में विधेयक को स्वीकार करने या अस्वीकार करने की मैं कोई भी मंशा नहीं रखता हूं. विश्वविद्यालय के हित में स्वीकार या अस्वीकार की बात करते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को बिल भेजने की स्थिति पहली बार आई है. शिमला विश्वविद्यालय में भी कुलपति की नियुक्ति एक साल से अधिक समय से नहीं हुई है. इसके लिए सरकार के प्रतिनिधि मुख्य सचिव को कुलपति चुनने के लिए गठित की गई कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. लेकिन कमेटी अभी तक नाम तय नहीं कर पाई हैं. इस बारे में मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा गया है.

ये भी पढ़ें: 57 बरस में सिर्फ 3 बार 'हाथ' आया हमीरपुर सदर, अबकी बार खुद मुख्यमंत्री की दांव पर है साख

Last Updated : Jun 27, 2024, 10:46 PM IST
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