ETV Bharat / state

राज्य सरकार युवाओं को इस योजना पर दे रही 80 प्रतिशत सब्सिडी‌, होगी बंपर कमाई - CM CARP FISHERIES SCHEME

मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना पर सरकार 80 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है. इसके लिए जिला मत्स्य पालन अधिकारी के पास आवेदन कर सकते हैं..

मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना पर  80 प्रतिशत सब्सिडी
मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना पर 80 प्रतिशत सब्सिडी (कॉन्सेप्ट फोटो)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 3, 2024, 12:43 PM IST

हमीरपुर: ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को कृषि, बागवानी और पशुपालन के साथ-साथ आय के अन्य साधन विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना आरंभ की है. प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत 80 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया है. यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए वरदान साबित हो सकती है. मत्स्य पालन निदेशालय बिलासपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया काफी सरल है.

कार्प मछली के पालन के लिए तालाब बनाने के इच्छुक लोग अपने जिला के मत्स्य पालन अधिकारी के समक्ष निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदक के पास सभी ऋणभारों से मुक्त तथा स्कीम घटक की स्थापना के लिए अपनी उपयुक्त भूमि होनी चाहिए. अगर कोई आवेदक तालाब बनाने के लिए पट्टे पर जमीन ले रहा है तो पट्टे की अवधि आवेदन प्रस्तुत करने की तारीख से न्यूनतम दस वर्ष की होनी चाहिए और पंजीकृत पट्टा दस्तावेज को आवेदन में शामिल करना होगा. उसे अपनी आयु के प्रमाण के रूप में मैट्रिक का प्रमाण पत्र या कोई अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा. इसके अलावा आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक खाते का विवरण भी जमा करवाना होगा.

बेरोजगार युवाओं को मिलेगी प्राथमिकता

परियोजना रिपोर्ट केवल संबंधित क्षेत्र के वरिष्ठ मत्स्य पालन अधिकारी की सिफारिश पर ही स्वीकार की जाएगी. पहली प्राथमिकता बेरोजगार युवाओं को दी जाएगी. आवेदन 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर निपटाया जाएगा. इसमें नए आवेदकों को वरीयता दी जाएगी. परियोजना सब्सिडी को विभाग से अनुमति मिलने के बाद तालाब के निर्माण के लिए सब्सिडी दो किश्तों में जारी की जाएगी. पहली किश्त के रूप में 50 प्रतिशत राशि संबंधित क्षेत्र के वरिष्ठ मत्स्य अधिकारी की सिफारिश पर 50 प्रतिशत कार्य पूरा होने पर जारी की जाएगी. दूसरी किश्त 100 प्रतिशत कार्य होने पर दी जाएगी.

सात साल तक तालाब का रखरखाव करना होगा सुनिश्चित

आपको बता दें कि इसके बाद प्रथम वर्ष की इनपुट सब्सिडी प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को प्रथम वर्ष के इनपुट के पूर्ण बिल विभाग को प्रदान करने होंगे. परियोजना के पूरा होने पर लाभार्थी विभिन्न नियमों और शर्तों के बारे में विभाग के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करेगा. परियोजना के पूर्ण होने के पश्चात लाभार्थी को अपने संसाधनों से कम से कम सात साल तक तालाबों का रखरखाव सुनिश्चित करना होगा और इस अवधि के दौरान इनमें मछली पालन करेगा.

ये भी पढ़ें: CM सुक्खू ने किन्नौर को दी करोड़ों की सौगात, किए विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास

हमीरपुर: ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को कृषि, बागवानी और पशुपालन के साथ-साथ आय के अन्य साधन विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना आरंभ की है. प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत 80 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया है. यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए वरदान साबित हो सकती है. मत्स्य पालन निदेशालय बिलासपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया काफी सरल है.

कार्प मछली के पालन के लिए तालाब बनाने के इच्छुक लोग अपने जिला के मत्स्य पालन अधिकारी के समक्ष निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदक के पास सभी ऋणभारों से मुक्त तथा स्कीम घटक की स्थापना के लिए अपनी उपयुक्त भूमि होनी चाहिए. अगर कोई आवेदक तालाब बनाने के लिए पट्टे पर जमीन ले रहा है तो पट्टे की अवधि आवेदन प्रस्तुत करने की तारीख से न्यूनतम दस वर्ष की होनी चाहिए और पंजीकृत पट्टा दस्तावेज को आवेदन में शामिल करना होगा. उसे अपनी आयु के प्रमाण के रूप में मैट्रिक का प्रमाण पत्र या कोई अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा. इसके अलावा आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक खाते का विवरण भी जमा करवाना होगा.

बेरोजगार युवाओं को मिलेगी प्राथमिकता

परियोजना रिपोर्ट केवल संबंधित क्षेत्र के वरिष्ठ मत्स्य पालन अधिकारी की सिफारिश पर ही स्वीकार की जाएगी. पहली प्राथमिकता बेरोजगार युवाओं को दी जाएगी. आवेदन 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर निपटाया जाएगा. इसमें नए आवेदकों को वरीयता दी जाएगी. परियोजना सब्सिडी को विभाग से अनुमति मिलने के बाद तालाब के निर्माण के लिए सब्सिडी दो किश्तों में जारी की जाएगी. पहली किश्त के रूप में 50 प्रतिशत राशि संबंधित क्षेत्र के वरिष्ठ मत्स्य अधिकारी की सिफारिश पर 50 प्रतिशत कार्य पूरा होने पर जारी की जाएगी. दूसरी किश्त 100 प्रतिशत कार्य होने पर दी जाएगी.

सात साल तक तालाब का रखरखाव करना होगा सुनिश्चित

आपको बता दें कि इसके बाद प्रथम वर्ष की इनपुट सब्सिडी प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को प्रथम वर्ष के इनपुट के पूर्ण बिल विभाग को प्रदान करने होंगे. परियोजना के पूरा होने पर लाभार्थी विभिन्न नियमों और शर्तों के बारे में विभाग के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करेगा. परियोजना के पूर्ण होने के पश्चात लाभार्थी को अपने संसाधनों से कम से कम सात साल तक तालाबों का रखरखाव सुनिश्चित करना होगा और इस अवधि के दौरान इनमें मछली पालन करेगा.

ये भी पढ़ें: CM सुक्खू ने किन्नौर को दी करोड़ों की सौगात, किए विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.