शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस बार भी बरसात भारी तबाही लेकर आई है. 31 जुलाई को कुल्लू, मंडी, रामपुर बुशहर में बादल फटने की घटना के बाद से कई लोग अपनी जान खो चुके हैं. लापता लोगों की तलाश में सर्च अभियान जारी है. कई फीट मलबे के नीचे से लापता लोगों को निकालना मुश्किल भरा काम है.
हिमाचल प्रदेश ऑपरेशन सेंटर ने 31 जुलाई की रात को हुए नुकसान के आंकड़े जारी किए हैं. आंकड़े के अनुसार छह अगस्त तक 10 शवों को बरामद किया जा चुका है. नौ शव मंडी से बरामद किए गए हैं. 45 लोग अभी भी लापता है. सबसे अधिक 33 लोग समेज गांव से लापता हैं. लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
31 जुलाई को कुल्लू, मंडी, रामपुर में बादल फटने के कारण आई बाढ़ में 60 घर पूरी तरह से ढह गए. सबसे अधिक 31 घर कुल्लू और 25 घर रामपुर में ध्वस्त हुए हैं, जबकि 35 घरों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है. तीन जिलों में 19 गोशालाएं, 5 वाहन योग्य पुल, 9 पैदल पुल बह गए, जबकि कुल्लू में 10 दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है, जबकि कुल्लू में तीन और शिमला में एक स्कूल को क्षति पहुंची है. इन घटनाओं में 16 गाड़ियां भी बाढ़ की चपेट में आकर बह गई.
वहीं, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 27 जून से लेकर 6 अगस्त तक बादल फटने की 38 घटनाएं हुई है. इन घटनाओं में 12 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 46 लोग लापता हैं. 83 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं और 38 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है. 14 दुकानों और 23 गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है. वहीं, इस अवधि में भूस्खलन की 18 घटनाएं हुई है. इन घटनाओं ने चार लोग घायल हुए हैं, जबकि एक घर और गोशाला ध्वस्त हुई है.
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