धर्मशाला: हिमाचल कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. रविवार को सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा ने मान सम्मान से समझौता ना करने की बात कही और अपनी ही सरकार पर कई निशाने साधे. वहीं सोमवार को धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की है. जिसमें उन्होंने लिखा कि “आत्ममानस्य सम्मति: स्वभावस्यन्ता:, स्वाभिमान से समझौता यानी पहचान का अंत ।”. इससे पहले रविवार को सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा ने कहा था कि 'मान सम्मान से समझौता नहीं करेंगे', इसके अलावा राणा ने इशारों-इशारों में बीजेपी में जाने के संकेत देते हुए कहा कि भविष्य का फैसला सुजानपुर की जनता लेगी.
लगातार सुर्खियों में हैं सुधीर शर्मा
शनिवार को सुधीर शर्मा को जान से मारने की धमकी मिली थी. इस बात की जानकारी खुद सुधीर शर्मा ने दी और एक कांग्रेसी नेता पर धमकी दिलाने का आरोप लगाया. सुधीर शर्मा के मुताबिक उनके स्टाफ को कनाडा में रह रहे एक गैंगस्टर के नाम से धमकी दी गई और एक कांग्रेसी ने ही ऐसा किया है. इसकी शिकायत वो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और डीजीपी संजय कुंडू से भी कर चुके हैं. जिसे देखते हुए सुधीर शर्मा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
वैसे ये पहली बार नहीं है जब सुधीर शर्मा इशारों-इशारों में बहुत कुछ कह रहे हैं. इससे पहले भी सुधीर शर्मा मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक अपनी ही सरकार के खिलाफ झंडा बुलंद कर चुके हैं. 22 जनवरी को सुधीर शर्मा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अयोध्या भी गए थे. कांग्रेस आलाकमान ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाई थी. जिस पर सुधीर शर्मा ने पार्टी आलाकमान को ही अपने फैसले पर दोबारा विचार करने की नसीहत दे डाली थी. दरअसल सुधीर शर्मा मंत्री बनने की रेस में हमेशा रहे हैं लेकिन अब तक उन्हें मंत्रीपद नहीं मिल पाया. कुछ दिन पहले ही सुधीर शर्मा साफ कह चुके हैं कि उन्हें अब मंत्रीपद नहीं चाहिए.
खुलकर सामने आ रही नाराजगी
लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल कांग्रेस में नाराजगी खुलकर सामने आ रही है. सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा ने मानो मोर्चा खोल दिया है. बीते एक महीने में दोनों नेताओं की जुगलबंदी भी सामने आ चुकी है. गणतंत्र दिवस के जिला स्तरीय समारोह से सुधीर शर्मा नदारद रहे और उसी दिन सुजानपुर में आयोजित कार्यक्रम में नजर आए. जहां उन्होंने खुले मंच से राजेंद्र राणा की तारीफ की थी. इसके बाद दोनों विधायक हमीरपुर के निर्दलीय विधायक के घर भी नजर आए, जिसकी फोटो वायरल होने पर सियासी गलियारों में खूब चर्चा हुई.
मौजूदा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शिमला में JOA अभ्यर्थियों के प्रदर्शन में भी दोनों विधायक पहुंचे थे और युवाओं का समर्थन करते हुए उनकी आवाज उठाने का वादा किया था. इसके अलावा कुछ दिन पहले ही राजेंद्र राणा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था, जिसपर सुधीर शर्मा ने भी जोरदार कमेंट किया था. सोशल मीडिया पर दोनों की जुगलबंदी ने तब भी सुर्खियां बटोरी थीं.
वैसे दोनों नेता युवाओं के रोजागर, रुके हुए रिजल्ट, मंत्री विस्तार, विधायक निधि जैसे मसलों पर खुलकर बोलते रहे हैं. राजेंद्र राणा तो दो बार मुख्यमंत्री को खुली चिट्ठी लिखकर वादे याद दिला चुके हैं. सुधीर शर्मा भी कहते रहे हैं कि प्रदेश की जनता से किए वादे पूरे किए जाने चाहिए. अब एक बार फिर दोनों विधायकों के बयानों से सियासी गलियारों में सुगबुगाहट का दौर शुरू हो गया है. रविवार को राजेंद्र राणा ने कह दिया कि उन्हें मंत्रीपद नहीं चाहिए क्योंकि जो गाड़ियां मंत्रियों को मिल रही हैं या जिन घरों में मंत्री रहते हैं वो उनके पास कई सालों से हैं. वो इशारों-इशारों में बीजेपी में जाने की बात कह चुके हैं और साफ कह चुके हैं कि आत्मसम्मान से समझौता नहीं होगा. उधर सुधीर शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर स्वाभिमान को लेकर पोस्ट किया और कुछ दिन पहले वो भी मंत्रीपद लेने से इनकार कर चुके हैं.
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