शिमला/अयोध्या: सोमवार 22 नवंबर को अयोध्या में शुभ मुहूर्त 12 बजकर 29 मिनट पर राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम लला की आंखों से पट्टी खोलकर पूरे विधि विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा की. इस दौरान पीएम मोदी के साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. इस समारोह के लिए खेल से लेकर बिजनेस और फिल्मी हस्तियों को न्योता दिया गया था. मंदिर ट्रस्ट की ओर से करीब 7000 गेस्ट को न्योता दिया गया था. इस सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा एक कांग्रेसी चेहरे की होने वाली है जो कांग्रेस हाईकमान के न्योता ठुकराने के बाद भी अयोध्या पहुंचा.
अयोध्या पहुंचे विक्रमादित्य सिंह- हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी अयोध्या पहुंचे हैं. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक वो इकलौते कांग्रेस नेता हैं जो अयोध्या में हुए समारोह में पहुंचे. दरअसल मंदिर ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को न्योता दिया गया था लेकिन उन्होंने इसे बीजेपी का इवेंट बताते हुए निमंत्रण ठुकरा दिया था. इस सबके बीच हिमाचल में कांग्रेस सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह को भी इस कार्यक्रम का न्योता मिला था. विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि वो कार्यक्रम में शामिल होने अयोध्या जाएंगे और इतिहास बनते देखेंगे.
कौन हैं विक्रमादित्य सिंह- गौरतलब है कि विक्रमादित्य सिंह मौजूदा समय में हिमाचल की सुखविंदर सुक्खू सरकार में PWD मंत्री हैं. उनके पिता वीरभद्र सिंह 6 बार हिमाचल के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं. विक्रमादित्य सिंह की माता प्रतिभा सिंह मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से सांसद और हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष हैं. विक्रमादित्य सिंह ने 2017 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीता था और 2022 में दूसरी बार विधानसभा पहुंचे थे. जिसके बाद उन्हें हिमाचल कैबिनेट में जगह मिली थी. गौरतलब है कि स्वर्गीय वीरभद्र सिंह राम मंदिर निर्माण के पक्षधर थे. विक्रमादित्य सिंह ने भी कुछ दिन पहले ही खुलासा किया था कि उनके पिता ने जीवन के अंतिम क्षणों में राम मंदिर के लिए अपने निजी कोष से दान भी दिया था. 8 जुलाई 2021 को वीरभद्र सिंह के निधन के बाद RSS और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों ने उन्हें हिंदू धर्म का हितैषी बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की थी.
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जनवरी महीने की शुरुआत में ही विक्रमादित्य सिंह को राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिला था. जिसके लिए उन्होंने आरएसएस से लेकर विश्व हिंदू परिषद और निमंत्रण देने वाले राम मंदिर ट्रस्ट का आभार जताते हुए कहा था कि वो उन खुशकिस्मत लोगों में से हैं जो इस क्षण के गवाह बनेंगे. विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि राजनीति अपनी जगह है और धर्म अपनी जगह, हिमाचल देवभूमि है जहां देव परंपराओं का निर्वहन किया जाता है.
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