शिमला: हिमाचल में मंत्रिमंडल की बैठक आज 12 बजे होगी. प्रदेश सचिवालय में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली इस कैबिनेट मीटिंग में नौकरियों सहित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं. इससे पहले 25 जुलाई को मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई थी. जिसमें सैकड़ों पदों को भरने का फैसला लिया गया था. अब 14 दिनों बाद फिर से गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक होने वाली है. इसमें भी कई मसलों पर चर्चा हो सकती है.
सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर
हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए कैबिनेट की मीटिंग में सरकारी क्षेत्र नए पद सृजित करने और विभिन्न विभागों में खाली पदों को भरने का फैसला लिया जा सकता है. ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक में रोजगार उपलब्ध कराने के निर्णयों पर युवाओं की नजर रहती है. वहीं, 15 अगस्त को कर्मचारियों को भी डीए की किस्त जारी होने की उम्मीद है. इस तरह से मंत्रिमंडल की बैठक में कर्मचारियों को दिए जाने वाले डीए को लेकर चर्चा हो सकती है.
आपदा प्रभावितों के लिए बड़ा फैसला
मानसून सीजन में पिछले दिनों विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटना के वजह से कई लोग लापता हुए हैं और बहुत से लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. बादल फटने की वजह से विभिन्न क्षेत्रों में आई भीषण बाढ़ के कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है. इस तरह से प्राकृतिक आपदा के प्रभावितों को राहत प्रदान करने को लेकर भी कोई निर्णय लिया जा सकता है. जिस पर कैबिनेट की बैठक में चर्चा हो सकती है. सुक्खू सरकार पिछले साल प्राकृतिक आपदा प्रभावितों के लिए 4,500 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज लेकर आई थी. इसमें पूरी तरह से टूट चुके घरों का निर्माण करने के लिए 7 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का फैसला लिया था, जिससे प्रदेश में हजार प्रभावित परिवारों को लाभ पहुंचा था. इसके लिए सरकार ने अपने रिलीफ मैनुअल में भी संशोधन किया था. ऐसे में आपदा प्रभावितों को इस बार भी कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिए जाने की उम्मीद है.
होम स्टे पर फैसला संभव
मंत्रिमंडल की बैठक में होम स्टे नियम 2024 का प्रारूप तय करने के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति अपने सुझाव रख सकती है. जिसे मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद होम स्टे नियम 2024 तय किए जाएंगे. इसमें मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने लीज पर चल रहे होम स्टे का लाइसेंस रद्द करने का भी फैसला लिया है. प्रदेश में करीब 60 फीसदी होम स्टे लीज पर चल रहे हैं. होम स्टे नियम 2008 के तहत जिस व्यक्ति के नाम लाइसेंस जारी हुआ है, उसे ही होम स्टे का संचालन करना होगा.
घट सकती है होमस्टे रजिस्ट्रेशन की अवधि
इसके अलावा होमस्टे पंजीकरण की अवधि घटाई जा सकती है. इसी तरह से बाहरी राज्य के लोगों ने धारा 118 के तहत आवास के लिए सरकार से अनुमति ली है, लेकिन पर्यटन स्थलों में ऐसे लोग बिना अनुमति के होमस्टे का चला रहे हैं. इसको लेकर भी मंत्रिमंडलीय उपसमिति लिए गए निर्णय को मंत्रिमंडल की बैठक में रख सकती है. इसके अलावा प्रदेश में चल रहे एक हजार से अधिक गैर पंजीकृत होमस्टे और बीएंडबी बंद करना भी प्रस्तावित है. पंजीकरण के बाद लाइसेंस की अवधि पांच साल से घटाकर दो साल करने एवं पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव है. जिस पर अब कैबिनेट पर अंतिम फैसला होना है.