शिमला: देश भर की मंडियों में विदेशी सेब के धमक से हिमाचल में 5 हजार करोड़ की आर्थिकी पर संकट का बादल छा गए है. विभिन्न देशों से मंडियों में पहुंच रहे सस्ते सेब ने हिमाचल में बागवानों की कमर तोड़ दी है. इन दिनों देश भर की बड़ी मंडियों में विदेशों से रोजाना हजारों क्रेट सेब पहुंच रहा है, जिससे मंडियों में छोटे पहाड़ी राज्य के सेब का भाव 2 हजार प्रति पेटी तक गिर गया है. ऐसे में बागवानों को सेब की फसल पर साल भर में किए गए खर्च को निकालना भी मुश्किल हो गया है.
हिमाचल में सीजन की शुरुआत में मंडियों में अच्छी क्वालिटी का सेब 4 हजार रुपए प्रति पेटी बिका था. वहीं, मंडियों में विदेशी सेब पहुंचने से मंडियों में हिमाचली सेब की महक फीकी पड़ गई है. बागवानों को अब अच्छी क्वालिटी सेब के दाम 1800 से 2000 रुपए प्रति पेटी के हिसाब से मिल रहे हैं. इन दिनों मंडियों में जिला शिमला के तहत अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित किन्नौर का सेब पहुंच रहा है.
मंडियों में 60 रुपए किलो बिक रहा ईरान का सेब: देश की राजधानी दिल्ली सहित अन्य बड़ी मंडियों में रोजाना ईरान से औसतन 300 से 350 मीट्रिक टन सेब पहुंच रहा. जिसका लैंडिंग प्राइज 60 रुपए के करीब है. खुले बाजार में ईरान का यही सेब औसतन 70 रुपए तक किलो बिक रहा है. ऐसे में सस्ता होने से गरीब और मध्यम वर्गों के लोग आसानी से विदेशी सेब खरीद रहे हैं. जिससे हिमाचली सेब की मांग कम हो गई है. ऐसे में मंडियों में हिमाचली सेब की अधिक डिमांड नहीं है. जिस कारण हिमाचली सेब के भाव अब 2 हजार प्रति क्रेट तक गिर गए हैं.
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टेटिस्टिक्स के मुताबिक पिछले साल मंडियों में ईरानी सेब का औसतन भाव 41.26 रुपए किलो रहा था. इस तरह ईरान से अच्छी क्वालिटी का सेब बाजार में लोगों को 55 रुपए किलो तक उपलब्ध हुआ था. वहीं, साल 2022 में ईरान के सेब की कीमत मंडियों में 37.91 रुपए प्रति किलो थी. हिमाचली सेब की मंडियों में कीमत गिरने का ये भी एक कारण है.
मंडियों में पहुंचा 478 करोड़ का सेब: देशभर की मंडियों में पिछले साल 32 देश से सेब आयात हुआ था. इसमें ईरान का भी सेब शामिल था. पिछली साल जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक ईरान से 1,16,042 मीट्रिक टन सेब आयात किया गया. जिसकी वैल्यू 478 करोड़ के करीब थी. वर्ष 2023 में ईरानी सेब मंडियों में लैंडिंग प्राइस 41.26 रुपए प्रति किलो रहा था. इसी तरह वर्ष 2023 के कलेंडर ईयर में भी ईरान से 79,237 मीट्रिक टन सेब आयात हुआ. जिसकी वैल्यू करीब 300 करोड़ के करीब रही. उस दौरान ईरान के सेब का लैंडिंग प्राइज 37.91 रुपए प्रति किलो रहा था. साल 2022 में 22 देशों से सेब आयात किया गया था. इस तरह से हर साल मंडियों में पहुंच रहे विदेशी सेब से हिमाचली एप्पल को कड़ी चुनौती मिल रही है.
अगस्त और अक्टूबर के बीच गिरे दाम: शिमला जिला के बखौल के बागवान संजीव चौहान ने कहा, "हिमाचल में हर साल सेब का पांच हजार करोड़ का कारोबार है. प्रदेश भर में लाखों बागवान परिवार की रोजी रोटी सेब पर टिकी है. इन दिनों ईरान से रोजाना कई हजार क्रेट पेटी विभिन्न मंडियों में पहुंच रही है, जो लोगों को बाजार में 70 रुपए प्रति किलो उपलब्ध हो रहा है. जिससे देश भर हिमाचली सेब की मांग घटी है. ऐसे में मंडियों में हिमाचली सेब के दाम 2000 से 2500 रुपए पेटी तक गिर गए हैं".
उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक हेमचंद शर्मा के मुताबिक मंडियों में हिमाचली सेब को विदेशी सेब से टक्कर मिल रही है. जिसका असर सेब की कीमत पर पड़ा है.
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