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कहां कहां जाएगा कलेक्टर, क्या कर रहा है शिक्षा विभाग, जर्जर स्कूलों पर हाईकोर्ट हुआ सख्त - Bilaspur High court

High Court strict stance छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्कूलों की जर्जर हालत को लेकर बड़ी बात कही है. हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान कहा कि क्या स्कूलों की जिम्मेदारी कलेक्टर की है जो अफसर शिक्षा विभाग के हैं वो क्या कर रहे हैं.dilapidated schools in Chhattisgarh

High Court strict stance
जर्जर स्कूलों पर हाईकोर्ट हुआ सख्त (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 1, 2024, 7:47 PM IST

बिलासपुर : हाईकोर्ट ने स्कूलों के जर्जर भवनों को लेकर संज्ञान लिया है. इस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शासन स्कूल शिक्षा सचिव से शपथ पत्र पर स्कूल भवनों को ठीक करने के बारे में प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने कहा है. हाईकोर्ट ने मामले में कलेक्टर को ही जिम्मेदारी दिए जाने के जवाब पर तीखी टिप्पणी की.हाईकोर्ट ने कहा कि कलेक्टर कहां-कहां देखे. शिक्षा सचिव को भी तो कुछ करना चाहिए, सचिव क्या कर रहे हैं?

जर्जर स्कूलों को लेकर हाईकोर्ट की टिप्पणी : प्रदेश भर के शासकीय स्कूलों में से कई जगहों पर भवन जर्जर हो चुके हैं.बारिश में इन स्कूलों की हालत और भी खराब हो जाती है.जिसे लेकर खबरों के सामने आने पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया. जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डिविजन बेंच में सुनवाई हुई.


कहां-कहां जाएगा कलेक्टर : आपको बता दें कि मुख्यमंत्री शाला जतन योजना में 1837 करोड़ सत्र 2022-23 में शासकीय स्कूलों के लिए जारी किया गया है.अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जब यह जानकारी दी. तो चीफ जस्टिस ने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल कहां किया गया. वास्तव में स्कूलों की स्थिति सुधर रही है या सब कागजों में ही है.इस पर शासन ने कहा कि कलेक्टर अपने डीएमएफ फंड से भी राशि उपलब्ध करा सकते हैं, तो डीबी ने कहा कि कलेक्टर कहां-कहां जाएगा. इस विभाग के जो प्रमुख हैं,शिक्षा सचिव उन्हें मानिटरिंग करना चाहिए कि फंड कहां जा रहा है.

डीएमएफ राशि से होनी थी मरम्मत : मामले की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने बताया कि शासन द्वारा शपथपत्र में दी गई जानकारी के अनुसार 31 मार्च 2024 के पहले सरकार ने जर्जर और सुरक्षित स्कूलों की गिनती कराई थी. इसमें 2 हजार 219 स्कूलों को डिस्मेंटल करना था. 9 हजार स्कूलों को रिपेयर करना था. इन स्कूलों के लिए फंड स्कूल जतन योजना और डीएमएफ फंड से ही यह इंतजाम करना है.

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डीएमएफ राशि से होनी थी मरम्मत : मामले की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने बताया कि शासन द्वारा शपथपत्र में दी गई जानकारी के अनुसार 31 मार्च 2024 के पहले सरकार ने जर्जर और सुरक्षित स्कूलों की गिनती कराई थी. इसमें 2 हजार 219 स्कूलों को डिस्मेंटल करना था. 9 हजार स्कूलों को रिपेयर करना था. इन स्कूलों के लिए फंड स्कूल जतन योजना और डीएमएफ फंड से ही यह इंतजाम करना है.

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