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हाई कोर्ट ने टीले वाली मस्जिद में अवैध निर्माण के बाबत ASI और राज्य सरकार से मांगा जवाब - Court Order on Teele wali masjid

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 31, 2024, 10:48 PM IST

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने टीले वाली मस्जिद (Court Order on Teele Wali Masjid) में अवैध निर्माण के आरोप वाली याचिका पर एएसआई और राज्य सरकार समेत जिलाधिकारी लखनऊ को हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.

टीले वाली मस्जिद पर हाई कोर्ट का आदेश.
टीले वाली मस्जिद पर हाई कोर्ट का आदेश. (Photo Credit-Etv Bharat)

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जनहित याचिका दाखिल कर आरोप लगाया गया है कि लक्ष्मण टीला स्थित टीले वाली मस्जिद के विकास के नाम पर अवैध निर्माण करके मस्जिद को विस्तार दे दिया गया है. इस सम्बंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का आदेश प्रस्तुत कर उक्त कथित अवैध निर्माण को हटाने की मांग की गई है. याचिका पर न्यायालय ने एएसआई व राज्य सरकार समेत जिलाधिकारी लखनऊ को जवाबी हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. साथ ही न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान याचिका के लम्बित होने से अवैध निर्माण हटाने सम्बंधी एएसआई के आदेश पर कोई असर नहीं होगा.


यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने रिषी कुमार त्रिवेदी व अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया. याचियों की ओर से पेश होते हुए अधिवक्ता हरी शंकर जैन ने दलील दी कि 20 सितंबर 2016 को एएसआई ने उक्त अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण का आदेश पारित कर रखा था. जिसका अनुपालन नहीं किया गया. तत्पश्चात पुनः 6 दिसम्बर 2023 को एएसआई ने आदेश जारी किया. हालांकि इसका भी अनुपालन अब तक नहीं हो सका है.

याचिका में एएसआई के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की गई है. राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि एएसआई के आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी जिलाधिकारी लखनऊ की है. हालांकि इस सम्बंध में कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. इस पर न्यायालय ने विपक्षी पक्षकारों को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया और साथ ही एएसआई से मस्जिद के मौलाना फजलुल मन्नान रहमानी को नोटिस तामीला सम्बंधी साक्ष्य भी देने का आदेश दिया है.

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जनहित याचिका दाखिल कर आरोप लगाया गया है कि लक्ष्मण टीला स्थित टीले वाली मस्जिद के विकास के नाम पर अवैध निर्माण करके मस्जिद को विस्तार दे दिया गया है. इस सम्बंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का आदेश प्रस्तुत कर उक्त कथित अवैध निर्माण को हटाने की मांग की गई है. याचिका पर न्यायालय ने एएसआई व राज्य सरकार समेत जिलाधिकारी लखनऊ को जवाबी हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. साथ ही न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान याचिका के लम्बित होने से अवैध निर्माण हटाने सम्बंधी एएसआई के आदेश पर कोई असर नहीं होगा.


यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने रिषी कुमार त्रिवेदी व अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया. याचियों की ओर से पेश होते हुए अधिवक्ता हरी शंकर जैन ने दलील दी कि 20 सितंबर 2016 को एएसआई ने उक्त अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण का आदेश पारित कर रखा था. जिसका अनुपालन नहीं किया गया. तत्पश्चात पुनः 6 दिसम्बर 2023 को एएसआई ने आदेश जारी किया. हालांकि इसका भी अनुपालन अब तक नहीं हो सका है.

याचिका में एएसआई के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की गई है. राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि एएसआई के आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी जिलाधिकारी लखनऊ की है. हालांकि इस सम्बंध में कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. इस पर न्यायालय ने विपक्षी पक्षकारों को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया और साथ ही एएसआई से मस्जिद के मौलाना फजलुल मन्नान रहमानी को नोटिस तामीला सम्बंधी साक्ष्य भी देने का आदेश दिया है.

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