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मैनहोल में गिरकर बच्चे की मौत का मामला हाईकोर्ट ने नगर निगम और LDA से मांगा विस्तृत जवाब - High Court News - HIGH COURT NEWS

मैनहोल में गिरकर आठ साल के बच्चे शाहरुख की मौत के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण को विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 30, 2024, 9:52 PM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मैनहोल में गिरकर आठ साल के बच्चे शाहरुख की मौत के मामले में स्वतः संज्ञान लिया. इस मामले दर्ज याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने मामले में लखनऊ नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण को विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 31 मई को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने लखनऊ में खुले हुए मैनहोल व पाइप लाइन से नगरवासियों के जीवन के खतरे का मामला’ शीर्षक से दर्ज सुओ मोटो जनहित याचिका पर पारित किया. उल्लेखनीय है कि 30 अप्रैल को न्यायालय ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए, नगर आयुक्त, लखनऊ नगर निगम व उपाध्यक्ष, एलडीए को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था. न्यायालय ने कहा था कि हम जानना चाहते हैं कि इस प्रकार के और कितने हादसे पहले हो चुके हैं तथा नगर निगम के अधिकारियों द्वारा क्या कोई लापरवाही की गई है.


कोर्ट की नियमित कार्यवाही के दौरान न्यायालय ने अखबारों में छपी उक्त हादसे की खबर का संज्ञान लिया था. वहीं बार की ओर से अधिवक्ता आदर्श मेहरोत्रा ने भी न्यायालय को बताया कि खबरों के मुताबिक शहर में ऐसे कई मैनहोल और पाइप लाइन हैं, जो खुले पड़े हुए हैं और इस तरह के दर्दनाक हादसे की सम्भावना बनी हुई है.

कहा गया कि यह नगर निगम की जिम्मेदारी है कि मैनहोल ठीक प्रकार से बंद रहें, लेकिन निगम के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं कर रहे हैं. न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि हम यह भी जानना चाहते हैं कि शहर में और ऐसे कितने मैनहोल खुले हुए हैं और यदि हैं तो नगर निगम के अधिकारियों की इस लापरवाही से लोगों की जिंदगियों को बचाने के लिए क्या उपाय किए गए हैं.

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मैनहोल में गिरकर आठ साल के बच्चे शाहरुख की मौत के मामले में स्वतः संज्ञान लिया. इस मामले दर्ज याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने मामले में लखनऊ नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण को विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 31 मई को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने लखनऊ में खुले हुए मैनहोल व पाइप लाइन से नगरवासियों के जीवन के खतरे का मामला’ शीर्षक से दर्ज सुओ मोटो जनहित याचिका पर पारित किया. उल्लेखनीय है कि 30 अप्रैल को न्यायालय ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए, नगर आयुक्त, लखनऊ नगर निगम व उपाध्यक्ष, एलडीए को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था. न्यायालय ने कहा था कि हम जानना चाहते हैं कि इस प्रकार के और कितने हादसे पहले हो चुके हैं तथा नगर निगम के अधिकारियों द्वारा क्या कोई लापरवाही की गई है.


कोर्ट की नियमित कार्यवाही के दौरान न्यायालय ने अखबारों में छपी उक्त हादसे की खबर का संज्ञान लिया था. वहीं बार की ओर से अधिवक्ता आदर्श मेहरोत्रा ने भी न्यायालय को बताया कि खबरों के मुताबिक शहर में ऐसे कई मैनहोल और पाइप लाइन हैं, जो खुले पड़े हुए हैं और इस तरह के दर्दनाक हादसे की सम्भावना बनी हुई है.

कहा गया कि यह नगर निगम की जिम्मेदारी है कि मैनहोल ठीक प्रकार से बंद रहें, लेकिन निगम के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं कर रहे हैं. न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि हम यह भी जानना चाहते हैं कि शहर में और ऐसे कितने मैनहोल खुले हुए हैं और यदि हैं तो नगर निगम के अधिकारियों की इस लापरवाही से लोगों की जिंदगियों को बचाने के लिए क्या उपाय किए गए हैं.


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