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वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जमीन को लेकर हाईकोर्ट ने लखनऊ डीएम से मांगा जवाब - High Court News - HIGH COURT NEWS

हाईकोर्ट ने शहर के कई इलाकों में पीने के पानी की समस्या पर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, पूछा है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पांच हेक्टेयर की जमीन उपलब्ध कराने के सम्बंध में जिलाधिकारी, लखनऊ ने क्या निर्णय लिया है.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (PHOTO Credit; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 30, 2024, 10:49 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को शहर के कई इलाकों में पीने के पानी की समस्या पर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई किया है. कोर्ट ने पूछा है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पांच हेक्टेयर की जमीन उपलब्ध कराने के संबंध में जिलाधिकारी, लखनऊ ने क्या निर्णय लिया है. मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय वह न्यायमूर्ति ओमप्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने उत्कर्ष सेवा संस्थान की ओर से दाखिल वर्ष 2016 की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया. दरअसल, मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि अब वक्त आ गया है कि नगर निगम जाग जाए. साथ ही जवाब भी तलब किया था. अपने जवाब में यूपी जल निगम ने हलफनामा देते हुए बताया कि 23 जुलाई 2019 को ही प्रोजेक्ट मैनेजर, पेय जल- 2 ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पांच हेक्टेयर जमीन की मांग की थी.

इस पर न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को निर्देश प्राप्त कर उक्त पत्र पर लिए गए निर्णय की जानकारी देने को कहा है. याची के अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने बताया कि सुनवाई के दौरान न्यायालय के संज्ञान में लाया गया कि शहर के सराय हसनगंज, बरौरी, बरौलिया, अकबर नगर, हरदासी खेड़ा, डूडा कॉलोनी, दमदन का पुरवा, चिनहट व मटियारी इलाकों में पीने का पानी नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को शहर के कई इलाकों में पीने के पानी की समस्या पर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई किया है. कोर्ट ने पूछा है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पांच हेक्टेयर की जमीन उपलब्ध कराने के संबंध में जिलाधिकारी, लखनऊ ने क्या निर्णय लिया है. मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय वह न्यायमूर्ति ओमप्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने उत्कर्ष सेवा संस्थान की ओर से दाखिल वर्ष 2016 की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया. दरअसल, मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि अब वक्त आ गया है कि नगर निगम जाग जाए. साथ ही जवाब भी तलब किया था. अपने जवाब में यूपी जल निगम ने हलफनामा देते हुए बताया कि 23 जुलाई 2019 को ही प्रोजेक्ट मैनेजर, पेय जल- 2 ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पांच हेक्टेयर जमीन की मांग की थी.

इस पर न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को निर्देश प्राप्त कर उक्त पत्र पर लिए गए निर्णय की जानकारी देने को कहा है. याची के अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने बताया कि सुनवाई के दौरान न्यायालय के संज्ञान में लाया गया कि शहर के सराय हसनगंज, बरौरी, बरौलिया, अकबर नगर, हरदासी खेड़ा, डूडा कॉलोनी, दमदन का पुरवा, चिनहट व मटियारी इलाकों में पीने का पानी नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है.

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