नई दिल्ली: दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर के RAUs IAS स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीनों छात्रों की मौत की जांच सीबीआई को सौंप दी. साथ ही दिल्ली नगर निगम (MCD), दिल्ली पुलिस और राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पर तल्ख टिप्पणी की. आइए, विस्तार से जानते हैं कोर्ट ने क्या-क्या कहा...
कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने डूबने की घटना पर पुलिस और एमसीडी को फटकार लगाते हुए कहा कि हम समझ नहीं पा रहे हैं कि छात्र बाहर कैसे नहीं आ पाए? एमसीडी अधिकारियों ने खराब जल निकासी के बारे में आयुक्त को क्यों नहीं बताया? न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने कहा कि एमसीडी अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है और यह एक सामान्य बात हो गई है.
दिल्ली पुलिस पर कसा तंजः कोर्ट ने पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा, "शुक्र है कि आपने बेसमेंट में बारिश के पानी के घुसने पर चालान नहीं काटा, जिस तरह से आपने एसयूवी चालक को वहां कार चलाने पर गिरफ्तार किया." इस दौरान डीसीपी ने कोर्ट को बताया कि वहां करीब 20 से 30 बच्चे थे. अचानक तेजी से पानी आ गया. जब ये हुआ तो लाइब्रेरियन भाग गया था. काफी बच्चे निकालने में कामयाब हुए, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था की शीशा टूट गया. टेबल के कारण भी स्टूडेंट्स को निकलने में परेशानी हुई.
सब्सिडी के कारण बढ़ रही आबादी: कोर्ट ने एमसीडी की आर्थिक हालत पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 3 करोड़ से ज़्यादा की आबादी वाली राजधानी को मजबूत वित्तीय और प्रशासनिक ढांचे की जरूरत है. सब्सिडी योजनाओं के कारण दिल्ली में आबादी बढ़ रही है. MCD की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. जीएनसीटीडी के लिए भी नए प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाना आसान नहीं है, क्योंकि महीनों से कैबिनेट की बैठक नहीं हुई है. दिल्ली एक संकट से दूसरे संकट की तरफ जा रही है. एक दिन सूखा पड़ता है, दूसरे दिन बाढ़ आ जाती है. समय आ गया है कि प्रशासनिक, वित्तीय और भौतिक ढांचे पर पुनर्विचार किया जाए.
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठितः कार्यकारी चीफ जस्टिस ने कहा कि दिल्ली के प्रशासकों की मानसिकता बदलनी होगी. अगर मानसिकता यह है कि सब कुछ मुफ्त है तो सब मुफ्त नहीं हो सकता. कोर्ट मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का निर्देश देता है. हम राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश नहीं करना चाहते हैं. इसलिए समिति में दिल्ली के मुख्य सचिव, डीडीए वीसी, दिल्ली पुलिस आयुक्त होंगे.
#WATCH | An aspirant says, " we welcome this. high court is taking cognisance of our matter and cbi has been handed over the probe. but our concern is that had a few things been implemented beforehand, this incident would not have occurred...it is good that cbi will investigate… pic.twitter.com/e922mYiEdg
— ANI (@ANI) August 2, 2024
अफसर एक दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी: हाईकोर्ट ने कहा कि ये एक सच्चाई है कि दिल्ली के नगर निकायों के पास इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए धन नहीं है. दिल्ली में 75 साल पहले नाले बनाए गए थे. इन नालियों का रख-रखाव काफी खराब है. हाईकोर्ट के पहले के आदेशों को लागू नहीं किया गया. कई अधिकारी केवल जिम्मेदारी दूसरे पर डाल रहे हैं. MCD कमिश्नर 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का ठेका नहीं दे सकता, क्योंकि कोई स्थायी समिति नहीं है.
नालों को अतिक्रमण मुक्त कराएंगे: सुनवाई के दौरान नगर निगम के आयुक्त ने कहा कि नालों उस इलाके में काम नहीं कर रहे थे. नालों का स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने कई स्थानों पर अतिक्रमण कर दिया है. निगम आयुक्त ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को भरोसा दिया कि नालों को अतिक्रमण मुक्त कर लिया जाएगा और अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार निगम के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
बता दें, 31 जुलाई को हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाते हुए निगम के कमिश्नर, जिले के डीसीपी और जांच अधिकारी को सभी फाइलों के साथ अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था.
#WATCH | Old Rajinder Nagar coaching centre incident | BJP leader Jaya Prada met Delhi Lt Governor VK Saxena today at Raj Bhavan; she says, " this unfortunate incident has compelled us to think. under what conditions are our children, who are the creators of the future,… pic.twitter.com/scL3ZXgx0p
— ANI (@ANI) August 2, 2024
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कुटुंब नामक संस्था की ओर से दायर किया गया था याचिका: कुटुंब नामक संस्था की ओर से याचिका दायर कर कहा था कि ओल्ड राजेंद्र नगर हादसा मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाए. याचिका में मांग की गई थी कि दिल्ली में चल रहे कोचिंग संस्थानों के अनाधिकृत व्यावसायिक निर्माण और बिना किसी मानक के चलाए जाने की जांच का दिशानिर्देश जारी हो. याचिका में ये भी कहा गया था कि विभागों के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की वजह से पिछले कुछ सालों में कई जानें चली गई.
बता दें, RAU’S IAS स्टडी सर्कल के बेसमेंट में लाइब्रेरी स्थित है. इस लाइब्रेरी में यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र पढ़ाई कर रहे थे. इस बेसमेंट में अचानक आए पानी में पढ़ाई कर रहे तीन छात्र फंस गए और इनकी मौत हो गई.