लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इंदिरा कैनाल से पॉलीटेक्निक तक एलीवेटेड फ्लाई ओवर के निर्माण के प्रस्ताव पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायालय ने स्वतः संज्ञान द्वारा दर्ज एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह प्रस्ताव एनएचएआई द्वारा वर्ष 2015 में ही लोक निर्माण विभाग को भेजा गया था.
उक्त प्रस्ताव के सम्बंध में स्थिति स्पष्ट करने का आदेश न्यायालय ने राज्य सरकार के साथ-साथ एनएचएआई को भी दिया है। मामले की अगली सुनवाई 21 मई को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान द्वारा वर्ष 2017 में अवध बार एसोसिएशन टाइटिल से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया. न्यायालय ने कहा कि वर्तमान मामले की 5 जुलाई 2017 को सुनवाई के दौरान भी यह तथ्य संज्ञान में आया था कि इंदिरा कैनाल से पॉलीटेक्निक तक एक एलीवेटेड फ्लाई ओवर के निर्माण का प्रस्ताव वर्ष 2015 में एनएचएआई द्वारा पीडब्ल्यूडी को भेजा गया है. न्यायालय ने कहा कि 5 जुलाई 2017 तक इस सम्बंध में कोई प्रगति नहीं हुई थी. इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने अभी की स्थिति स्पष्ट करने के लिए सरकार और एनएचएआई के वकीलों को निर्देश प्राप्त करने को कहा है.
उल्लेखनीय है कि वर्तमान याचिका में शहर के ट्रैफिक जाम की समस्या के सम्बंध में न्यायालय सुनवाई कर रहा है. इस बार की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह भी कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकार के अधिकारी व जिला प्रशासन एक साथ बैठकर उक्त समस्याओं पर मंथन करेगा और प्रभावी समाधान से अवगत कराएगा.