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अपना दल कमेरावादी को हाईकोर्ट से लगा बड़ा झटका, चुनाव चिन्ह के मांग वाली याचिका खारिज - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

हाईकोर्ट ने अपना दल (कमेरावादी) द्वारा दाखिल उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें लिफाफा चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाने का आदेश चुनाव आयोग को देने की मांग की गई थी.

High Court rejects Apna Dal petition demanding election symbol in Lucknow
हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 20, 2024, 5:00 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना दल (कमेरावादी) अध्यक्ष कृष्णा पटेल द्वारा दाखिल उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें लिफाफा चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाने का आदेश चुनाव आयोग को देने की मांग की गई थी.

कोर्ट ने याचिका को पोषणीयता के आधार पर खारिज करते हुए कहा कि आचार संहिता लागू हो जाने के बाद चुनाव प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है, लिहाजा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के तहत रिट याचिका पोषणीय नहीं है.

बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने पारित किया है. याचिका में कहा गया था कि याची की पार्टी चुनाव आयोग में पंजीकृत है, हालांकि यह एक गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है. 22 दिसम्बर 2023 को याची की पार्टी की ओर से चुनाव चिन्ह आवंटित करने संबंधी प्रार्थना पत्र आयोग को दिया गया था, जिस पर ज्वाइंट चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने रिपोर्ट दी कि पार्टी की ओर से कॉन्ट्रिब्यूशन रिपोर्ट और एनुअल अकाउंट स्टेटमेंट नहीं दिया गया है. कहा गया कि इस आधार पर पार्टी के प्रार्थना पत्र पर विचार नहीं किया गया. कहा गया कि चुनाव चिन्ह का आवंटन न होने के कारण पार्टी आम चुनावों में अपने प्रत्याशी नहीं उतार पा रही है.

कोर्ट ने याचिका को पोषणीय नहीं माना
वहीं, याचिका का चुनाव आयोग की ओर से विरोध करते हुए कहा गया कि पार्टी की ओर से भेजा गया प्रार्थना पत्र अपूर्ण होने के कारण खारिज किया गया है. यह भी दलील दी गई कि अनुच्छेद 329(बी) के तहत चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद रिट क्षेत्राधिकार के तहत हाईकोर्ट के पास हस्तक्षेप करने की गुंजाइश बहुत सीमित होती है. दोनों पक्षों की बहस सुनने और अशोक कुमार-मोहिन्दर सिंह मामले में शीर्ष अदालत द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों को देखते हुए, न्यायालय ने याचिका को पोषणीय नहीं माना.

ये भी पढ़ें: पॉक्सो एक्ट के मिसयूज पर हाईकोर्ट का फैसला, पीड़िता की उम्र तय करने के लिए मेडिकल जांच जरूरी - Allahabad High Court Order

ये भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफसरों को लगायी फटकार, कहा- देय तिथि से एक दिन पहले रिटायर होने वाला कर्मचारी इंक्रीमेंट पाने का हकदार - Allahabad High Court Order

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना दल (कमेरावादी) अध्यक्ष कृष्णा पटेल द्वारा दाखिल उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें लिफाफा चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाने का आदेश चुनाव आयोग को देने की मांग की गई थी.

कोर्ट ने याचिका को पोषणीयता के आधार पर खारिज करते हुए कहा कि आचार संहिता लागू हो जाने के बाद चुनाव प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है, लिहाजा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के तहत रिट याचिका पोषणीय नहीं है.

बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने पारित किया है. याचिका में कहा गया था कि याची की पार्टी चुनाव आयोग में पंजीकृत है, हालांकि यह एक गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है. 22 दिसम्बर 2023 को याची की पार्टी की ओर से चुनाव चिन्ह आवंटित करने संबंधी प्रार्थना पत्र आयोग को दिया गया था, जिस पर ज्वाइंट चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने रिपोर्ट दी कि पार्टी की ओर से कॉन्ट्रिब्यूशन रिपोर्ट और एनुअल अकाउंट स्टेटमेंट नहीं दिया गया है. कहा गया कि इस आधार पर पार्टी के प्रार्थना पत्र पर विचार नहीं किया गया. कहा गया कि चुनाव चिन्ह का आवंटन न होने के कारण पार्टी आम चुनावों में अपने प्रत्याशी नहीं उतार पा रही है.

कोर्ट ने याचिका को पोषणीय नहीं माना
वहीं, याचिका का चुनाव आयोग की ओर से विरोध करते हुए कहा गया कि पार्टी की ओर से भेजा गया प्रार्थना पत्र अपूर्ण होने के कारण खारिज किया गया है. यह भी दलील दी गई कि अनुच्छेद 329(बी) के तहत चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद रिट क्षेत्राधिकार के तहत हाईकोर्ट के पास हस्तक्षेप करने की गुंजाइश बहुत सीमित होती है. दोनों पक्षों की बहस सुनने और अशोक कुमार-मोहिन्दर सिंह मामले में शीर्ष अदालत द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों को देखते हुए, न्यायालय ने याचिका को पोषणीय नहीं माना.

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