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त्यूणी नाबालिग रेप हत्या मामला, हाईकोर्ट ने पलटा निचली अदालत का फांसी का फैसला, आरोपी को किया बरी - Hc decision on rape murder case

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 12, 2024, 10:56 PM IST

Updated : Jun 13, 2024, 6:18 AM IST

HC Decision On Rape Murder Case उत्तराखंड हाईकोर्ट ने निचली अदालत के हत्या के मामले में फांसी की सजा को पटलते हुए आदेश को रद्द करने के साथ ही आरोपी को बरी कर दिया है. मामला 2016 का था.

UTTARAKHAND HIGH COURT
उत्तराखंड हाईकोर्ट (FILE PHOTO ETV BHARAT)

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के विकासनगर में नाबालिग किशोरी से बलात्कार के बाद हत्या के मामले में आरोपी को निचली कोर्ट से सुनाई गई फांसी की सजा के आदेश को रद्द करने के साथ ही आरोपी को बरी करने का आदेश पारित किया है.

विकासनगर के त्यूणी में पांच जनवरी 2016 को एक किशोरी का शव पेड़ से लटका मिला था. किशोरी के भाई के अनुसार, किशोरी को मोहम्मद अजहर के साथ पहली जनवरी को बाइक पर जाते हुए देखा गया था. जिसके बाद से वह लापता थी. पुलिस जांच में किशोरी के साथ दुराचार की पुष्टि हुई. साथ ही फॉरेंसिक रिपोर्ट से यह सिद्ध हुआ था कि दुराचार अजहर ने ही किया था. दिसंबर 2018 में जिला कोर्ट ने अभियुक्त अजहर को फांसी की सजा सुनाई थी. जिसके बाद बचाव पक्ष ने निर्णय को विशेष अपील दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी.

बचाव पक्ष का कहना था कि अजहर का कंधा घटना के एक वर्ष पहले टूटा था और वह अकेले किशोरी से रेप कर उसे मारकर पेड़ से लटकाने में सक्षम नहीं था. बचाव पक्ष ने आरोप लगाया कि डीएनए नमूनों में छेड़छाड़ की गई थी. मामले की सुनवाई, मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के विकासनगर में नाबालिग किशोरी से बलात्कार के बाद हत्या के मामले में आरोपी को निचली कोर्ट से सुनाई गई फांसी की सजा के आदेश को रद्द करने के साथ ही आरोपी को बरी करने का आदेश पारित किया है.

विकासनगर के त्यूणी में पांच जनवरी 2016 को एक किशोरी का शव पेड़ से लटका मिला था. किशोरी के भाई के अनुसार, किशोरी को मोहम्मद अजहर के साथ पहली जनवरी को बाइक पर जाते हुए देखा गया था. जिसके बाद से वह लापता थी. पुलिस जांच में किशोरी के साथ दुराचार की पुष्टि हुई. साथ ही फॉरेंसिक रिपोर्ट से यह सिद्ध हुआ था कि दुराचार अजहर ने ही किया था. दिसंबर 2018 में जिला कोर्ट ने अभियुक्त अजहर को फांसी की सजा सुनाई थी. जिसके बाद बचाव पक्ष ने निर्णय को विशेष अपील दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी.

बचाव पक्ष का कहना था कि अजहर का कंधा घटना के एक वर्ष पहले टूटा था और वह अकेले किशोरी से रेप कर उसे मारकर पेड़ से लटकाने में सक्षम नहीं था. बचाव पक्ष ने आरोप लगाया कि डीएनए नमूनों में छेड़छाड़ की गई थी. मामले की सुनवाई, मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.

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Last Updated : Jun 13, 2024, 6:18 AM IST
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