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जेलों के टॉयलेट्स की चार महीने में मरम्मत कराएं दिल्ली सरकार, हाईकोर्ट ने दिया आदेश - Delhi jails cleanliness case

दिल्ली के जेलों की सफाई का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. गुरुवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को चार महीने में जेलों के टॉयलेट्स की स्थिति सुधारने का निर्देश दिया है.

दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 8, 2024, 8:40 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो जेल परिसरों के टॉयलेट्स का निरीक्षण कर उनकी मरम्मत कराए. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को चार महीने में जेलों के टॉयलेट्स की स्थिति सुधारने का निर्देश दिया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने ये आदेश दिल्ली के तिहाड़ जेल का निरीक्षण करने वाले जजों की रिपोर्ट पर गौर करते हुए दिया. रिपोर्ट में कहा गया था कि तिहाड़ जेल के वाशरूम की स्थिति काफी खराब है. इन वाशरूम को जेल के कुछ कैदी ही स्वेच्छा से साफ करते हैं. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वाशरूम को साफ करने के लिए पर्याप्त कर्मचारियों की नियुक्ति करे.

हाथ से मैला धोने का आरोपः कोर्ट ने कहा कि जो कैदी स्वेच्छा से वाशरूम को साफ करते हैं उन्हें अप्रशिक्षित मजदूरों के लिए तय न्यूनतम वेतन का भुगतान करें. दरअसल, एक जनहित याचिका दायर कर तिहाड़ जेल में हाथ से मैला साफ करने का आरोप लगाया गया था. याचिका में कहा गया था कि जेल के वाशरूम को कैदी नंगे हाथों सफाई करते हैं.

टॉयलेट्स की संख्या बढ़ाएंः सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील संतोष त्रिपाठी ने कहा कि जेलों में टॉयलेट्स की स्थिति काफी दयनीय है और वहां साफ-सफाई की समस्या है. कोर्ट ने कहा कि जेलों के टॉयलेट्स की मरम्मत का काम चरणवार ढंग से होना चाहिए, क्योंकि कुछ टॉयलेट्स को इस्तेमाल के लिए छोड़ना भी होगा. अगर टॉयलेट्स के लिए सेप्टिक टैंक बनाने की जरूरत हो तो वो भी बनाए जाएं. हाईकोर्ट ने कहा कि जेलों के अंदर टॉयलेट्स की संख्या भी बढ़ाई जाए.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो जेल परिसरों के टॉयलेट्स का निरीक्षण कर उनकी मरम्मत कराए. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को चार महीने में जेलों के टॉयलेट्स की स्थिति सुधारने का निर्देश दिया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने ये आदेश दिल्ली के तिहाड़ जेल का निरीक्षण करने वाले जजों की रिपोर्ट पर गौर करते हुए दिया. रिपोर्ट में कहा गया था कि तिहाड़ जेल के वाशरूम की स्थिति काफी खराब है. इन वाशरूम को जेल के कुछ कैदी ही स्वेच्छा से साफ करते हैं. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वाशरूम को साफ करने के लिए पर्याप्त कर्मचारियों की नियुक्ति करे.

हाथ से मैला धोने का आरोपः कोर्ट ने कहा कि जो कैदी स्वेच्छा से वाशरूम को साफ करते हैं उन्हें अप्रशिक्षित मजदूरों के लिए तय न्यूनतम वेतन का भुगतान करें. दरअसल, एक जनहित याचिका दायर कर तिहाड़ जेल में हाथ से मैला साफ करने का आरोप लगाया गया था. याचिका में कहा गया था कि जेल के वाशरूम को कैदी नंगे हाथों सफाई करते हैं.

टॉयलेट्स की संख्या बढ़ाएंः सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील संतोष त्रिपाठी ने कहा कि जेलों में टॉयलेट्स की स्थिति काफी दयनीय है और वहां साफ-सफाई की समस्या है. कोर्ट ने कहा कि जेलों के टॉयलेट्स की मरम्मत का काम चरणवार ढंग से होना चाहिए, क्योंकि कुछ टॉयलेट्स को इस्तेमाल के लिए छोड़ना भी होगा. अगर टॉयलेट्स के लिए सेप्टिक टैंक बनाने की जरूरत हो तो वो भी बनाए जाएं. हाईकोर्ट ने कहा कि जेलों के अंदर टॉयलेट्स की संख्या भी बढ़ाई जाए.

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