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मजयाठ वॉर्ड में एंबुलेंस सड़क बनाने का मामला, HC ने राज्य सरकार को साइट प्लान करने के दिए आदेश

मजयाठ वॉर्ड में एंबुलेंस सड़क बनाने से जुड़े मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं. डिटेल में पढ़ें खबर...

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 3 hours ago

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला के मजयाठ वॉर्ड में एंबुलेंस सड़क बनाने से जुड़े मामले में साइट प्लान पेश करने के आदेश जारी किए. इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार और लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए थे कि उक्त क्षेत्र में एंबुलेंस सड़क बनाने के लिए जल्द जरूरी कदम उठाएं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग को उपरोक्त साइट प्लान अदालत में पेश करने के आदेश दिए. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को याचिकाकर्ता दिवाकर देव शर्मा द्वारा बताया गया कि मजयाठ के लिए एंबुलेंस सड़क का साइट प्लान तैयार कर दिया गया है.

प्रार्थी ने हाईकोर्ट को बताया कि मजयाठ के वार्ड- 7 के लिए कोई एंबुलेंस सड़क नहीं है. शहर का मजयाठ वॉर्ड नगर निगम में शामिल तो हो गया, लेकिन यहां मूलभूत सुविधाएं अब तक नहीं मिल पाई हैं.

वॉर्ड में ना तो एंबुलेंस रोड है और ना ही सामुदायिक केंद्र. टैक्स देने के बावजूद हजारों लोग महंगी व्यावसायिक दरों पर पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं. सीवेज लाइन ना होने से लोगों का सीवेज नालों में बहता है. नालों से सटे घरों के लोग भी परेशान हैं. नगर निगम शिमला ने बताया कि शहरी विकास विभाग को सड़क की डीपीआर और रेलवे विभाग से भूमि लीज पर लेने के लिए 10 करोड़ रुपये का इंतजाम करने बाबत पत्र भेजा गया है. मामले पर सुनवाई 19 नवंबर को निर्धारित की गई है.

ये भी पढ़ें: शिमला-मटौर फोरलेन की एलाइनमेंट बदलने का मामला, HC ने राज्य सरकार से जवाब किया तलब

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला के मजयाठ वॉर्ड में एंबुलेंस सड़क बनाने से जुड़े मामले में साइट प्लान पेश करने के आदेश जारी किए. इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार और लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए थे कि उक्त क्षेत्र में एंबुलेंस सड़क बनाने के लिए जल्द जरूरी कदम उठाएं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग को उपरोक्त साइट प्लान अदालत में पेश करने के आदेश दिए. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को याचिकाकर्ता दिवाकर देव शर्मा द्वारा बताया गया कि मजयाठ के लिए एंबुलेंस सड़क का साइट प्लान तैयार कर दिया गया है.

प्रार्थी ने हाईकोर्ट को बताया कि मजयाठ के वार्ड- 7 के लिए कोई एंबुलेंस सड़क नहीं है. शहर का मजयाठ वॉर्ड नगर निगम में शामिल तो हो गया, लेकिन यहां मूलभूत सुविधाएं अब तक नहीं मिल पाई हैं.

वॉर्ड में ना तो एंबुलेंस रोड है और ना ही सामुदायिक केंद्र. टैक्स देने के बावजूद हजारों लोग महंगी व्यावसायिक दरों पर पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं. सीवेज लाइन ना होने से लोगों का सीवेज नालों में बहता है. नालों से सटे घरों के लोग भी परेशान हैं. नगर निगम शिमला ने बताया कि शहरी विकास विभाग को सड़क की डीपीआर और रेलवे विभाग से भूमि लीज पर लेने के लिए 10 करोड़ रुपये का इंतजाम करने बाबत पत्र भेजा गया है. मामले पर सुनवाई 19 नवंबर को निर्धारित की गई है.

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