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हाईकोर्ट: पूर्व सांसद बालकुमार के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा रद्द, दोनों पक्षों में समझौता हो जाने के आधार पर आदेश - High Court

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व एमपी बालकुमार के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा को रद्द के आदेश जारी किया है. दोनों पक्षों के बीच समझौता हो जाने के आधार पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है.

हाईकोर्ट का अहम फैसला
हाईकोर्ट का अहम फैसला (PHOTO Credits ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 11:05 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्व सांसद और कुख्यात डकैत ददुआ के बेटे बालकुमार पटेल उर्फ राजकुमार के खिलाफ बांदा की अदालत में चल रहे धोखाधड़ी के मुकदमे को रद्द कर दिया है. इससे पूर्व इस मामले में बाल कुमार की अग्रिम जमानत अर्जी हाईकोर्ट की ओर से खारिज की जा चुकी थी. याचिकाकर्ता और बालकुमार पटेल के बीच समझौता हो जाने के आधार पर कोर्ट ने मुकदमे को खत्म करने का आदेश दिया. बालकुमार पटेल की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी को सुनने के बाद दिया.

बता दें कि, बालकुमार के खिलाफ पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार रमाकांत त्रिपाठी ने बांदा कोतवाली थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था. रमाकांत का आरोप है कि, उसके रिश्तेदार भानु प्रताप चतुर्वेदी जो कि लेखपाल हैं, उसने बालकुमार के साथ मिलकर बालू खनन का व्यवसाय करने का ऑफर दिया था. भानु प्रताप ने ही उसकी मुलाकात बालकुमार से करवाई. दोनों के बीच तय हुआ कि बालू के ठेके में उसकी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी. शुरू में बालकुमार ने उससे 50 हज़ार रूपये मांगे.लेकिन बाद में बड़े काम का प्रलोभन देकर 65 लाख रुपए लिए. जो कि उसने अपने कई मित्रों से जुटा कर बालकुमार को दिए.

जब रमाकांत को पता चला कि हकीकत में बाल कुमार के नाम से कोई खनन पट्टा ही नहीं हुआ है. जब उसने अपनी रकम वापस मांगी तो बालकुमार मुकर गया. इस पर उसने बालकुमार और भानु प्रताप चतुर्वेदी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुक़दमा दर्ज कराया था.

ये भी पढ़ें:हाईकोर्ट ने लोकसेवा आयोग से कहा- पीसीएस जे अभ्यार्थी की आंसर शीट अदालत में करें पेश

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्व सांसद और कुख्यात डकैत ददुआ के बेटे बालकुमार पटेल उर्फ राजकुमार के खिलाफ बांदा की अदालत में चल रहे धोखाधड़ी के मुकदमे को रद्द कर दिया है. इससे पूर्व इस मामले में बाल कुमार की अग्रिम जमानत अर्जी हाईकोर्ट की ओर से खारिज की जा चुकी थी. याचिकाकर्ता और बालकुमार पटेल के बीच समझौता हो जाने के आधार पर कोर्ट ने मुकदमे को खत्म करने का आदेश दिया. बालकुमार पटेल की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी को सुनने के बाद दिया.

बता दें कि, बालकुमार के खिलाफ पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार रमाकांत त्रिपाठी ने बांदा कोतवाली थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था. रमाकांत का आरोप है कि, उसके रिश्तेदार भानु प्रताप चतुर्वेदी जो कि लेखपाल हैं, उसने बालकुमार के साथ मिलकर बालू खनन का व्यवसाय करने का ऑफर दिया था. भानु प्रताप ने ही उसकी मुलाकात बालकुमार से करवाई. दोनों के बीच तय हुआ कि बालू के ठेके में उसकी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी. शुरू में बालकुमार ने उससे 50 हज़ार रूपये मांगे.लेकिन बाद में बड़े काम का प्रलोभन देकर 65 लाख रुपए लिए. जो कि उसने अपने कई मित्रों से जुटा कर बालकुमार को दिए.

जब रमाकांत को पता चला कि हकीकत में बाल कुमार के नाम से कोई खनन पट्टा ही नहीं हुआ है. जब उसने अपनी रकम वापस मांगी तो बालकुमार मुकर गया. इस पर उसने बालकुमार और भानु प्रताप चतुर्वेदी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुक़दमा दर्ज कराया था.

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