प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा में 25 से 29 अगस्त तक चलने वाले जन्माष्टमी महोत्सव के दौरान कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को सौंपी है. साथ ही राज्य सरकार की भीड़ नियंत्रण योजना के तहत लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था मंदिर के भीतर तक ही सीमित रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने सरकार की शेष योजना को जारी रखने की अनुमति दे दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की खंडपीठ ने अनंत शर्मा व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.
गौरतलब है कि वर्ष 1939 के मुंसिफ के आदेश से भीड़ प्रबंधन का दायित्व मंदिर प्रबंधन संभाल रहा है, जो रिसीवर द्वारा किया जा रहा है. इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. कोर्ट ने रिसीवर के माध्यम से वर्ष 1939 से चल रही मंदिर व्यवस्था के तहत सिविल जज जूनियर डिवीजन मथुरा के परामर्श से सीसीटीवी कैमरे लगाने की छूट दी है. साथ ही डीएम को सिविल जज के आदेश का अनुपालन कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि अभी सरकारी योजनाओं सहित मंदिर प्रबंधन की देखरेख में जन्माष्टमी पर्व की व्यवस्था की जाएगी.
कोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तारीख लगाई है. इससे पहले कोर्ट ने आठ नवंबर 2023 को भीड़ प्रबंधन को लेकर राज्य सरकार को निर्देश दिए थे. जिनका पालन नहीं किया जा सका है. सरकार ने अर्जी देकर निर्देशों में संशोधन की मांग की है. सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि जन्माष्टमी पर्व पर उचित व्यवस्था की जाएगी. मंदिर के अंदर व बाहर लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी. विभिन्न स्थानों पर बाहर स्क्रीन लगाई जाएगी. साथ ही भीड़ नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग की जाएगी. एक समय में दर्शनार्थियों एक निश्चित संख्या मंदिर में प्रवेश करेगी.
जिला प्रशासन बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की देखभाल व्यवस्था करेगा. ठाकुर बांके बिहारी जी विराजमान मंदिर में मंगला आरती के समय 2023 में बनी कमेटी ने एक बार में 600 लोगों के प्रवेश की अनुमति दी है. बताया गया कि पूरे क्षेत्र को तीन जोन व 10 सेक्टरों में बांटा गया है. जोन में एडीएम व एसपी और सेक्टरों में एसडीएम व डिप्टी एसपी सेक्टर तैनात रहेंगे. दर्शन के समय मंदिर में भीड़ रुकने नहीं पाएगी.
सेवायतों की ओर से सरकार की मांग पर आपत्ति की गई. कहा गया कि भीड़ नियंत्रण कोर्ट के आदेश से नहीं हो सकता. अधिवक्ता संजय गोस्वामी एवं संकल्प गोस्वामी ने मंदिर के बाहर लाइव स्ट्रीमिंग का विरोध किया. इस पर कोर्ट ने केवल मंदिर के भीतर ही लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति दी. कोर्ट ने भीड़ प्रबंधन का दायित्व प्रबंधन को सौंपा है.