ETV Bharat / state

जर्मनी की फेशियाटेंस तकनीक से हर्निया की सर्जरी में न बहेगा खून और न लगेगा टांका - new method of hernia surgery

कानपुर के लाला लाजपत राय अस्पताल में अब जर्मनी की फेशियाटेंस तकनीक से हर्निया की सर्जरी होगी. इस तकनीकि से सर्जरी के दौरान न खून निकलेगा और न किसी तरह का टांका लगेगा. यह जानकारी जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. संजय काला ने ईटीवी भारत से साझा की है.

जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज कानपुर.
जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज कानपुर. (Photo Credit: ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 4:44 PM IST

हार्निया की सर्जरी की जानकारी देते जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. संजय काला . (Video Credit : ETV Bharat)

कानपुर : आमतौर पर जब कोई मरीज हर्निया (पेट का हर्निया) रोग से पीड़ित होता है, तो उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मरीज के पास इलाज के नाम पर केवल सर्जरी का विकल्प होता है. ऐसे में जब सर्जरी हो जाती है, तो अक्सर मरीजों को कई कठिनाइयों से जूझना पड़ता है. जिसमें संक्रमण होना प्रमुख होता है. हालांकि, अब लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल में हर्निया के मरीजों (गंभीर स्थिति वाले) की सर्जरी जर्मन तकनीक पर आधारित फेशियाटेंस विधि से की जाएगी.

जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. संजय काला ने बताया कि सर्जरी से मरीजों का इलाज बहुत जल्द शुरू हो जाएगा. हालांकि इसमें सामान्य सर्जरी की अपेक्षा अधिक खर्च आता है. बहरहाल इसके लिए सरकार को मदद का प्रस्ताव भेजा जाएगा. डाॅ. संजय काला मुताबिक फेशियाटेंस तकनीक में सबसे अधिक लोहे की रॉड्स का उपयोग किया जाता है. इसे मरीज के आसपास टेबल से बांध दिया जाता है.

इसके बाद मसल के पास जो झिल्ली (फेशिया, इससे ही झिल्ली बंधी) होती है, उसके आसपास क्योर से धागे को बांधकर हम आठ से 18 किलोग्राम तक टेंशन (20 मिनट से आधे घंटे तक) देते हैं. फिर कुछ देर बाद मरीज को रिलैक्स कर दिया जाता है और धीरे-धीरे करके इस प्रेशर को बढ़ाया जाता है. डॉक्टर इस माध्यम से वर्टिकल प्रेशर देते हैं. ऐसे में मसल व फेशिया की स्ट्रेचिंग होने से जो टिशू होता है वह बंद हो जाता है. सबसे खास बात यह है कि इस विधि से सर्जरी में न तो खून निकलता है न ही किसी तरह का कोई चीरा लगाया जाता है.


अन्य सर्जरी से जुड़ी बीमारियों में भी करेंगे प्रयोग : प्राचार्य डाॅ. संजय काला ने बताया कि जल्द ही हमारे चिकित्सकों की टीम सर्जरी के गंभीर मरीजों पर इस विधि से इलाज संबंधी प्रयोग करेगी. सकारात्मक परिणाम सामने आने पर हम इस विधि को अधिक से अधिक उपयोग में लाएंगे. कुछ दिनों पहले मुंबई के कई दिग्गज चिकित्सकों ने कानपुर में आकर फेशियाटेंस विधि से मरीजों की सर्जरी की थी.

यह भी पढ़ें : इग्नोर न करें हर्निया की समस्या को, होगा असहनीय दर्द और करानी पड़ सकती है सर्जरी - Hernia treatment

यह भी पढ़ें : BHU से प्रसारित होगी लाइव सर्जरी, देश-विदेश के शामिल होंगे 400 से अधिक डेलीगेट्स

हार्निया की सर्जरी की जानकारी देते जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. संजय काला . (Video Credit : ETV Bharat)

कानपुर : आमतौर पर जब कोई मरीज हर्निया (पेट का हर्निया) रोग से पीड़ित होता है, तो उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मरीज के पास इलाज के नाम पर केवल सर्जरी का विकल्प होता है. ऐसे में जब सर्जरी हो जाती है, तो अक्सर मरीजों को कई कठिनाइयों से जूझना पड़ता है. जिसमें संक्रमण होना प्रमुख होता है. हालांकि, अब लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल में हर्निया के मरीजों (गंभीर स्थिति वाले) की सर्जरी जर्मन तकनीक पर आधारित फेशियाटेंस विधि से की जाएगी.

जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. संजय काला ने बताया कि सर्जरी से मरीजों का इलाज बहुत जल्द शुरू हो जाएगा. हालांकि इसमें सामान्य सर्जरी की अपेक्षा अधिक खर्च आता है. बहरहाल इसके लिए सरकार को मदद का प्रस्ताव भेजा जाएगा. डाॅ. संजय काला मुताबिक फेशियाटेंस तकनीक में सबसे अधिक लोहे की रॉड्स का उपयोग किया जाता है. इसे मरीज के आसपास टेबल से बांध दिया जाता है.

इसके बाद मसल के पास जो झिल्ली (फेशिया, इससे ही झिल्ली बंधी) होती है, उसके आसपास क्योर से धागे को बांधकर हम आठ से 18 किलोग्राम तक टेंशन (20 मिनट से आधे घंटे तक) देते हैं. फिर कुछ देर बाद मरीज को रिलैक्स कर दिया जाता है और धीरे-धीरे करके इस प्रेशर को बढ़ाया जाता है. डॉक्टर इस माध्यम से वर्टिकल प्रेशर देते हैं. ऐसे में मसल व फेशिया की स्ट्रेचिंग होने से जो टिशू होता है वह बंद हो जाता है. सबसे खास बात यह है कि इस विधि से सर्जरी में न तो खून निकलता है न ही किसी तरह का कोई चीरा लगाया जाता है.


अन्य सर्जरी से जुड़ी बीमारियों में भी करेंगे प्रयोग : प्राचार्य डाॅ. संजय काला ने बताया कि जल्द ही हमारे चिकित्सकों की टीम सर्जरी के गंभीर मरीजों पर इस विधि से इलाज संबंधी प्रयोग करेगी. सकारात्मक परिणाम सामने आने पर हम इस विधि को अधिक से अधिक उपयोग में लाएंगे. कुछ दिनों पहले मुंबई के कई दिग्गज चिकित्सकों ने कानपुर में आकर फेशियाटेंस विधि से मरीजों की सर्जरी की थी.

यह भी पढ़ें : इग्नोर न करें हर्निया की समस्या को, होगा असहनीय दर्द और करानी पड़ सकती है सर्जरी - Hernia treatment

यह भी पढ़ें : BHU से प्रसारित होगी लाइव सर्जरी, देश-विदेश के शामिल होंगे 400 से अधिक डेलीगेट्स

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.