रांची: पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से झारखंड में आलू की आवक पर रोक का मामला अब गरमाने लगा है. आलू लदे वाहनों को रोकने की खबर पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी को मामले के जल्द निष्पादन का निर्देश दिया है. सीएम की पहल के बाद राज्य की मुख्य सचिव ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से फोन पर बात की है. मनोज पंत ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही एक कमेटी बनाकर आलू के मामले का निष्पादन सुनिश्चित किया जाएगा.
दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 28 नवंबर को अपने प्रदेश से आलू के निर्यात पर रोक लगा दी है. अचानक लिए गए इस फैसले की वजह से बड़ी संख्या में आलू लदे ट्रक पश्चिम बंगाल के बॉर्डर पर फंसे हुए हैं. इसकी वजह से ट्रकों के चालक और खलासियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. आलू का आवक प्रभावित होने पर झारखंड में आलू के दाम 5 से 10 रुपये तक बढ़ गए हैं.
मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM ने बंगाल बॉर्डर पर आलू के वाहन रोकने की खबरों पर संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी को मामले के निष्पादन का निदेश दिया है।
— IPRD Jharkhand (@prdjharkhand) December 1, 2024
इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है. भाजपा का कहना है कि 28 नवंबर को सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए हेमंत सोरेन ने ममता बनर्जी को आमंत्रित किया था. समारोह में ममता बनर्जी शामिल भी हुई थीं, लेकिन यहां से पश्चिम बंगाल लौटते ही उन्होंने झारखंड सरकार को रिटर्न गिफ्ट देते हुए आलू की सप्लाई पर रोक लगा दी. भाजपा नेताओं ने मामले को गंभीर बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से तत्काल संज्ञान लेने की अपील की थी. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था.
आलू की आवक पर रोक मामले में झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा था कि इस मामले को लेकर झारखंड सरकार गंभीर है और इसका निष्पादन जल्द कर लिया जाएगा. धनबाद बॉर्डर पर सबसे ज्यादा इसका असर दिखा है. खास बात है कि इस मामले में निरसा के भाकपा माले विधायक अरूप चटर्जी भी खुलकर कुछ नहीं बोल पा रहे हैं.
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