रांचीः ईडी की कार्रवाई के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की संशोधित याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकृत कर लिया है. अब इस पर रिट पिटिशन के रुप में सुनवाई होगी. मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी.
जस्टिस चंद्रशेखर की खंडपीठ में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा. ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी.राजू और अधिवक्ता अमित दास ने दलील पेश की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने हेमंत सोरेन की ओर से दायर संशोधित पिटिशन पर जवाब दाखिल करने के लिए ईडी को दो हफ्ते का समय दिया है. मामले में अगली सुनवाई 27 फरवरी को की जाएगी.
हेमंत सोरेन के अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने ईटीवी भारत को बताया कि पूर्व में आई.ए. दायर हुआ था. जिसे कोर्ट ने स्वीकृत कर लिया है. इसको रिट पिटिशन माना गया है. उन्होंने कहा कि 5 फरवरी को हमारी तरफ से याचिका में संशोधन के लिए आई.ए. दायर किया गया था. उसपर ईडी ने आपत्ति जताई थी. ईडी की ओर से कहा गया था कि संशोधन नहीं हो सकता. अब रिट पर फाइनल बहस होगी. उन्होंने बताया कि याचिका में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और समन को चुनौती दी गई है. आज हेमंत सोरेन की तरफ से वरीष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ऑनलाइन जुड़े थे. कपिल सिब्बल की ओर से कहा गया कि मामला लिबर्टी का है. ईडी वैसे मैटर की बात कर रही है जो उससे संबंधित नहीं है. इसपर ईडी की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई.
दरअसल, इस मामले में हेमंत सोरेन पहले हाई कोर्ट गये थे. लेकिन 31 जनवरी को गिरफ्तारी के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये. तब सुप्रीम कोर्ट ने पहले हाई कोर्ट जाने को कहा था. चूकि उनकी तरफ से हाई कोर्ट में याचिका पूर्व में ही दाखिल हो गई थी लेकिन गिरफ्तारी की वजह से आई.ए. दाखिल करना पड़ा था. फिलहाल, हेमंत सोरेन को फौरी राहत मिलती नहीं दिख रही है.
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