जोधपुर : जोधपुर संभाग के सबसे बड़े सरकारी मथुरादास माथुर अस्पताल के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. लंबे इंतजार के बाद अब यहां के मरीजों को एमआरआई जांच के लिए लंबी वेटिंग से निजात मिलेगी. अस्पताल में नाकोड़ा ट्रस्ट के मार्फत गोलिया परिवार ने 18 करोड़ रुपए की लागत से हिलियम फ्री मशीन स्थापित की है. गुरुवार को मशीन के लोकार्पण समारोह में जैन समाज के संत साध्वी शामिल हुए. साथ ही सरकार के कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत व राज्य मंत्री केके विश्नोई भी मौजूद रहे हैं.
मंत्री केके विश्नोई ने कहा कि गोलिया परिवार ने जिस तरह से समाज हित में इतना बड़ा कार्य किया है, वह भामाशाहों के लिए प्रेरणा का स्रोत है. मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि निश्चय ही इस मशीन का लाभ संभाग के मरीजों को मिलेगा. कनक प्रभा फाउंडेशन न्यूयॉर्क की ओर से श्रीनाकोड़ा पारस भैरव अक्षय चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से यह मशीन स्थापित की गई है. कनक गोलिया ने इस मौके पर कहा कि "भले ही मैं व्यापार के लिए अमेरिका में रहता हूं, लेकिन मेरी जन्मभूमि जोधपुर है, जिसे मैं बहुत सम्मान और प्यार करता हूं. ईश्वर की कृपा से यह संभव हुआ है. इस मौके पर क्षेत्र के विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे."
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हीलियम खत्म होने का झंझट बंद होगा : डॉ. एसएन मेडिकल के एमडीएम में अभी पीपीपी मोड पर मशीन लगी है, जिसमें पूरे दिन में 50 एमआरआई होती हैं, जबकि एमजीएच की सरकारी मशीन में यह संख्या और कम होती है. सरकारी मशीनों में अक्सर हीलियम उड़ जाता है. हीलियम का उपयोग मशीन को कूल रखने के लिए किया जाता है, यह दुनिया का सबसे ठंडा पदार्थ है. इसके लिए मशीन में कम से कम 1500 से 2000 लीटर हीलियम डाला जाता है, जबकि इस नई मशीन में सिर्फ 7 लीटर हीलियम रहेगा, इसलिए इसे हीलियम फ्री कहा जाता है. अन्य मशीनों में हीलियम खत्म होने पर वापस भरने का खर्चा 50 लाख रुपए तक आता है. इस अत्याधुनिक मशीन के शुरू होने से अब एक दिन में 100 एमआरआई हो सकेंगी, क्योंकि इसमें जांच का समय केवल 10 से 15 मिनट ही लगता है.
मोटे और बच्चों की भी होगी आसानी से जांच : नई मशीन एमडीएम अस्पताल के न्यू डायग्नोस्टिक विंग में इंस्टॉल कर दी गई है. इस मशीन में मरीज को घुटन महसूस नहीं होगी. मोटे लोग और बच्चे भी इसमें आसानी से जांच करवा सकते हैं. इसका वाइड बोर 70 सेंटीमीटर का है, जबकि अन्य मशीनों में यह आकार 60 सेंटीमीटर होता है. इस मशीन को नॉर्थ इंडिया की सबसे अत्याधुनिक और बड़ी मशीन बताया जा रहा है. यह पूरी तरह से डिजिटल है, जबकि अन्य मशीनें एनालॉग होती हैं. एक खासियत यह भी है कि इसमें प्रति सेकंड 60 हजार इमेजेस कंसोल की जा सकती हैं.
वाहनों को मिलेगा सिक्योरिटी कोड : गोलिया परिवार ने अस्पताल में आने वाले वाहनों की सुरक्षा के लिए एक सिक्योरिटी सिस्टम दो नंबर गेट पर लगाया है, जिसमें एक उन्नत स्कैनर लगाया गया है. प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के वाहनों को तुरंत स्कैन कर एक कोड जनरेट होगा. वापसी में अगर वह कोड नहीं होगा तो वाहन बाहर नहीं आ सकेगा. इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बीएस जोधा, अधीक्षक डॉ. नवीन किशोरिया सहित अन्य डॉक्टर्स भी मौजूद रहे.